14 दिन की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेजे गए चंद्रशेखर आजाद, उदित राज बोले सरकारी टूल बनकर काम कर रही न्यायपालिका

Update: 2019-12-22 02:45 GMT

जेल भेजे गए भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद, जामा मस्जिद में जमा भीड़ को उकसाने का आरोप, चंद्रशेखर बोले बिना सबूत के मुझे भेजा जा रहा जेल...

जनज्वार। दिल्ली की एक अदालत ने दरियागंज हिंसा मामले में गिरफ्तार भीम आर्मी के प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया है। चंद्रशेखर आजाद ने इस आधार पर जमानत मांगी कि इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि उन्होंने जामा मस्जिद पर जमा भीड़ को दिल्ली गेट जाने के लिये उकसाया था, जहां पहुंचकर प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए।

पुलिस ने गवाहों को धमकाने का अंदेशा जताते हुए जमानत का विरोध किया और कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उनकी न्यायिक हिरासत जरूरी है। इससे पहले एक वकील ने अदालत से अनुरोध किया कि वह जांच अधिकारी को आजाद के ठिकानों की जानकारी देने का निर्देश दे।

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दालत ने दरियागंज में हिंसा के संबंध में गिरफ्तार 15 लोगों को दो दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। आजाद के संगठन ने नये नागरिकता कानून के खिलाफ शुक्रवार को पुलिस की अनुमति के बिना जामा मस्जिद से जंतर मंतर तक मार्च आयोजित किया था।

Full View मस्जिद से जंतर-मंतर की ओर जा रहे प्रदर्शनकारियों को दिल्ली गेट के निकट पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने रोक लिया था, जिसके बाद वे हिंसक हो गए और एक कार को आग के हवाले कर दिया तथा कुछ अन्य वाहनों को नुकसान भी पहुंचाया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिये लाठी चार्ज और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया।

न्द्रशेखर आज़ाद ने अपने ट्वीट में लिखा, देश मे तानाशाही लागू कर दी गई है। कोई भी सबूत न होने के बावजूद मुझे जेल भेजा जा रहा है क्योंकि नरेन्द्र मोदी जी को कल रैली करनी है। संविधान की हत्या की जा रही है। NRC और CAA जैसे काले कानून तुरन्त वापस होने चाहिए इसके खिलाफ हमारा संघर्ष जारी रहेगा।

Full View मामले को लेकर पूर्व भाजपा सांसद और कांग्रेस नेता डॉ. उदित राज ने ट्वीट कर कहा, 'सबूत ना होने के बावजूद चंद्रशेखर को जेल भेजा गया। इससे दो बातें स्पष्ट है पहला ये कि न्यायपालिका जातिवादी है, जो सरकार का टूल बनकर काम कर रही है। दूसरा ये कि सरकार दलित विरोधी भी है।'

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भीम आर्मी के प्रवक्ता कुश अंबेडकरवादी ने कहा कि पुलिस ने हिंसा भड़काने की पूरी साज़िश कर ली थी ताकि आंदोलन को बदनाम किया जा सके, इसलिए भीम आर्मी प्रमुख चन्द्रशेखर आज़ाद जी को गिरफ्तारी देनी पड़ी। ताकि निर्दोष लोगों को पुलिस झूठे केस लगाकर गिरफ्तार न कर सके। चन्द्रशेखर भाई के संघर्ष को सलाम।

 

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