‘पास’ होने के बाद भी बॉर्डर पार नहीं करने दिया छत्तीसगढ़ पुलिस ने, तबीयत बिगड़ने से सड़क पर ही हो गई हार्ट पेशेंट की मौत

Update: 2020-05-13 01:24 GMT

मृतक के बेटे का आरोप है कि उनके ई-पास होने के बावजूद बॉर्डर पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें डेढ़ घंटे तक रोके रखा...

रायपुर, जनज्वार: छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ बॉर्डर में मंगलवार को पुलिस की लापरवाही से एक बुज़ुर्ग की जान चली गई। मृतक के बेटे का आरोप है कि उनके ई-पास होने के बावजूद बॉर्डर पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें डेढ़ घंटे तक रोका रखा.

नीलेश मिश्रा अपने पिता को मध्य प्रदेश के उमारिया से बिलासपुर स्थित अपोलो अस्पताल ले जा रहे थे. नीलेश का कहना है कि उनके पिता को गांव में हार्ट अटैक आया था जिसके बाद हम लोग उनको बिलासपुर स्थित आपोलो अस्पताल ले जा रहे थे. उन्होंने बताया कि उनके पाई वैद्य ई-पास भी था.

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नीलेश का आरोप है कि जैसे वे लोग मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर पहुंचे उन्हें पुलिस ने रोक लिया. नीलेश ने कहा, हम पुलिस को अपना ई-पास दिखाते रह गए लेकिन पुलिस ने ध्यान नहीं दिया. किसी ने कहा यह नहीं चलेगा तो किसी ने कहा कि यह हमें पढ़ना नहीं आता.

केशव मिश्रा के बेटे राकेश मिश्रा को जारी ई पास

नीलेश ने बताया जब चेक पोस्ट पर देर होने लगी तो उनके 78 वर्षीय पिता कैशव मिश्रा जैसे-तैसे गाड़ी से निकले और पुलिस के सामने हाथ जोड़कर कहा कि मुझे जाने दीजिए.

समय ज्यादा लगाते देख कैलाश मिश्रा की तबीयत और बिगढ़ने लगी. नीलेश के मुताबिक, ज्यादा समय लगने से मेरे पिता टेंशन में आ गए उनके सीने में दर्द होने लगा और उन्होंने सड़क पर दम तोड़ दिया. उनका कहना है कि पुलिस की लापरवाही के चलते ही उनके पिता की जान गई है.

एडीएम ने नकारे आरोप

वहीं मौके पर पहुंचे एसडीएम,कोरिया आर.पी.चौहान ने नीलेश के सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा, यह घटना बेहद दुखद है. इन लोगों को जाने की परमिशन मिल गई थी लेकिन इनको (कैशव मिश्रा) को हार्ट अटैक आ गया, वह पहले से ही बीमार चल रहे थे.

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कैलाश के परिजनों के इस आरोप को एसडीएम ने खारिज कर दिया कि पुलिस ने उन लोगों को डेढ़ घंटे तक रोके रखा. एसडीएम ने कहा, यहां पुलिस, प्रशासन की टीम बैठी है जिन्हें सभी नियमों की जानकारी है. इन लोगों को मुश्किल से 7-8 मिनट रोका गया. लगभग इतना ही टाइम इस पूरी प्रक्रिया में लगता है.

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