स्थापना दिवस पर उत्तराखंडियों की स्वास्थ्य सेवाओं के साथ सरकार ने किया खिलवाड़

Update: 2017-11-10 14:23 GMT

मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के 12 लाख कार्ड किए निरस्त

हल्द्वानी, जनज्वार। राज्य स्थापना दिवस 9 नवंबर को कल उत्तराखण्ड की भाजपा सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं की अहम कड़ी मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना (एमएसबीवाई) निरस्त कर दी है। इस योजना के तहत उत्तराखंड में बांटे गये 12 लाख कार्ड बेकार हो गये हैं। इस कार्ड से उपचार हेतु अस्पताल में भर्ती कार्डधारकों को अपनी जेब से रुपया भरकर अस्पतालों में उपचार करवाना होगा।

राज्य स्थापना दिवस के दिन उत्तराखंड के लोगों को राज्य में सत्तासीन भाजपा की त्रिवेंद्र रावत सरकार ने एक बड़ा झटका देते हुए उनको स्वास्थ्य सेवा के लिए दिए गए कार्ड बेकार करार दे दिए हैं।

गौरतलब है कि पूर्व में सरकार की तरफ से एमएसबीवाई के तहत हेल्थ कार्ड दिए गए थे। बजाज एलियांज कंपनी जिसको इस योजना के तहत टेंडर दिया गया था, उस कंपनी की तरफ से अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों में यह सूचना भिजवा दी गयी है कि मुुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना का कंपनी के साथ अनुबंध समाप्त कर दिया गया है।

सूचना में साफ किया गया है दोपहर तीन बजे के बाद से कोई भी दावा स्वीकार नहीं किया जाएगा। चूंकि किसी नई कंपनी को इस योजना का ठेका नहीं दिया गया है, इसलिये यह कार्ड बेकार हो गये हैं।

इस योजना के समाप्त होने का सबसे बड़ा झटका उन मरीजों को लगा है जो इस कार्ड के तहत अस्पतालों में अपना इलाज करवा रहे थे। अब उन मरीजों को अपनी जेब से रुपया देना होगा।

स्वास्थ्य महकमे से जुड़े सूत्रों का कहना है कि टेंडर खत्म होने की मियाद नजदीक आने के बावजूद सरकार ने टेंडर को बढ़ाने की कोई कार्यवाही नहीं की, इसलिये कंपनी को मजबूरन यह अनुबंध समाप्त करना पड़ा। जिसका असर राज्य की लाखों की जनता पर पड़ेगा।

एमएसबीवाई कार्ड निरस्त किए जाने पर नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश का कहना है कि, राज्य स्थापना दिवस पर स्वास्थ्य सेवा से जुड़ी इतनी महत्वपूर्ण योजना को बंद करना सरकार की असंवेदनशीलता को दर्शाती है। सरकार को इसके लिए जिम्मेदारी तय करनी चाहिए।

वहीं एमएसबीआई के राज्य समन्वयक डॉ. कमलेश कुमार कहते हैं कि कंपनी के साथ अनुबंध आगे नहीं बढ़ पाने के कारण मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना को फिलहाल बंद किया जा रहा है। इस योजना के तहत लोगों को मिल रही सुविधायें बंद की जा रहीं हैं।

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