चर्च ने बनवाए गरीबों के लिए शौचालय

Update: 2017-09-18 11:21 GMT

प्रधानमंत्री मोदी के 'स्वच्छ भारत अभियान' को सही तौर पर कोई फॉलो कर रहा है तो वह है बिलीवर्स चर्च, जिसने नोएडा के झुग्गी—झोपड़ी वासियों के लिए 6 शौचालय बनाए हैं।

नोएडा। बिलीवर्स चर्च ने नोएडा के बरोला में रहने वाले झुग्गी—बस्ती में रहने वाले गरीब लोगों का शौचालय भेंट किए हैं। 17 सितंबर को नोएडा के सेक्टर 50 के बरोला क्षेत्र में रहने वाले गरीबों के लिए बनाए गए इन शौचालयों का उद्घाटन किया गया।

चर्च के मुताबिक कि इन छह शौचालयों से कम से कम आसपास लगभग 40 गरीब परिवारों को तो खुले में शौच करने से राहत मिलेगी। गौरतलब है कि बरोला क्षेत्र में रहने वाले ज्यादातर लोग दिहाड़ी मजदूर या फैक्ट्री वर्कर हैं, जो किसी तरह अपना गुजर बसर कर रहे हैं। इनमें से ज्यादातर राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार से पलायन करके आए हुए लोग हैं, जो पिछले कुछ सालों से इस इलाके में रह रहे हैं, मगर इनके लिए मूलभूत सुविधाएं न के बराबर उपलब्ध हैं।

शौचालय का उद्घाटन करते हुए बरोला गांव के प्रमुख रविंदर सिंह कहते हैं कि यहां जिन लोगों के लिए इन शौचालयों को बनाया गया है, ये परिवार पिछले कई साल पहले यहां अनेक राज्यों से पलायन कर यहां बस गए हैं। इन परिवारों के पुरुष जहां दिहाड़ी मजदूरी और फैक्ट्री वर्कर का काम करते हैं, वहीं महिलाएं घरेलू नौकरानी का काम कर जीवन—यापन कर रही हैं।

बिलीवर्स चर्च की उपलब्धि न सिर्फ स्वच्छता के क्षेत्र में है, बल्कि महिला सशक्तीकरण, बाल शिक्षा और प्राकृतिक आपदाओं के शिकार लोगों के लिए भी काम करता है।

इस इलाके में गरीबों के लिए इन सुविधाओं को देने से जहां इन लोगों को खुले में शौच के लिए नहीं जाना पड़ेगा, वहीं स्वच्छता अभियान को भी प्रोत्साहन मिलेगा। बरोला क्षेत्र में 400 से अधिक निम्न आय वर्ग वाले परिवार रहते हैं।

बिलीवर्स चर्च से जुड़े डॉ केपी योहन्नान कहते हैं कि हम जिन क्षेत्रों में गरीबों के लिए शौचालय निर्माण करते हैं, वहां ये कोशिश भी करते हैं कि लोगों के बीच जागरूकता फैलाई जाए। ताकि लोग सजग होकर इन सुविधाओं का इस्तेमाल करना सीखें। हमारा उद्देश्य केवल बुनियादी ढांचे का निर्माण करना करना नहीं है, बल्कि हम चाहते हैं कि खुले में शौच के आदी गरीब लोगों को भी शौचालय इस्तेमाल की आदत लग जाए।

बिलीवर्स चर्च का उद्देश्य दिल्ली—एनसीआर के निम्न आय तबके के लोगों के बीच शौचालय सुविधाओं का निर्माण करना है, ताकि उनकी जीवन शैली में सुधार आए और लोग खुले में जाने को मजबूर न हों।

 

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