CAA-NRC के विरोध में आत्मदाह करने वाले माकपा नेता रमेश दर्जी की हुई इंदौर में मौत

Update: 2020-01-27 11:22 GMT

CAA-NRC विरोध में आत्मदाह करने वाले 72 वर्षीय रमेश प्रजापति लोगों के बीच रमेश दर्जी के नाम से से थे ख्यात, आत्मदाह वाले दिन उनकी जेब से CAA और NRC के विरोध में लिखे पर्चे हुए थे बरामद, अब परिजनों ने की है पुलिसिया जांच की मांग....

जनज्वार। CAA-NRC के खिलाफ पूरे देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। अब तक इसके चलते तकरीबन 2 दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है और अब इसमें एक और नाम और जुड़ गया है माकपा नेता रमेश प्रजापति का जिन्होंने 24 जनवरी की शाम को इंदौर में CAA-NRC के विरोध में खुद को आग के हवाले कर दिया था। 90 फीसदी जली हालत में उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां 2 दिन तक इलाज होता रहा और तीसरे दिन यानी रविवार 26 जनवरी की रात को उन्होंने दम तोड़ दिया।

72 वर्षीय रमेश प्रजापति लोगों के बीच रमेश दर्जी के नाम से ख्यात थे। आत्मदाह वाले दिन उनकी जेब में CAA और NRC के विरोध में लिखे पर्चे भी मिले थे। आत्मदाह को लेकर परिजनों ने पुलिस से जांच की मांग की है।

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मेश प्रजापति पिछले 30-40 सालों से पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता रहे हैं। वह पार्टी की सारी गतिविधियों में सक्रिय रुप से उपस्थित रहते थे। रमेश प्रजापति के बेटे का कहना है कि 24 जनवरी को वे लगभग 4:30 बजे अपने घर से बिना कुछ बताए निकल गए। गीता भवन में भी हादसे के पहले उन्होंने अपने हस्ताक्षर किए हुए CAA-NRC के विरुद्ध भरे पर्चे लोगों को बांटे। वे CAA-NRC के विरोध में लगातार सक्रिय रूप से कार्यक्रमों का हिस्सा रहे हैं। लगातार भाजपा की लोकतंत्र विरोधी नीतियों के खिलाफ बोलते रहे हैं और प्रदर्शन का हिस्सा रहे हैं।

त्मदाह की घटना से पहले वह CAA-NRC के विरोध में माणिकबाग और बड़वाली चौकी में प्रदर्शन कर रहे थे। इसीलिए कहा गया कि CAA-NRC के विरोध में ही रमेश प्रजापति ने यह कदम उठाया होगा।

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स मसले पर इंदौर पुलिस का कहना है कि सीपीएम कार्यकर्ता रमेश प्रजापति शुक्रवार 24 जनवरी को शाम 7:00 बजे गीता भवन चौराहे पर स्थित एक ऑटोमोबाइल्स शॉप पर पहुंचे, वहीं पर उन्होंने बोतल में भरी केरोसिन अपने ऊपर उड़ेल कर खुद को आग के हवाले कर दिया। पुलिस को जैसे ही सूचना मिली, तुरंत उन्हें पास के एमवाई हॉस्पिटल में भर्ती कराया। अभी तक पुलिस रमेश प्रजापति का बयान दर्ज नहीं कर पायी है इसलिए यह कहना मुश्किल है कि उन्होंने खुद को आग के हवाले क्यों किया, क्यों उन्होंने अपनी जान लेने की कोशिश की।

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प्रजापति रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी थे। वे कई दिनों से सीएए और एनआरसी के विरोध में माणिकबाग और बड़वाली चौकी में पार्टी की ओर से प्रदर्शन कर रहे थे। यूथ कांग्रेस अध्यक्ष रमीज खान के अनुसार प्रजापति ने खुद को आग लगाने से पहले सीएए के खिलाफ नारे लगाए थे।

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