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आंदोलन

इंदौर में CAA-NRC के विरोध में माकपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता ने किया आत्मदाह, हालत गंभीर

Prema Negi
25 Jan 2020 1:13 PM GMT
इंदौर में CAA-NRC के विरोध में माकपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता ने किया आत्मदाह, हालत गंभीर
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माकपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता और दलित शोषण मुक्ति मंच के नेता रमेश प्रजापति ने CAA-NRC के विरोध में खुद को किया आग के हवाले, 90 फीसदी जल चुके प्रजापति की हालत गंभीर...

रोहित शिवहरे

जनज्वार, भोपाल। CAA-NRC के खिलाफ पूरे देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। अब तक इसके चलते तकरीबन 2 दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है तो सैकड़ों लोगों को पुलिस सलाखों के पीछे डाल चुकी है। CAA-NRC के खिलाफ इंदौर में भी लंबे समय से प्रदर्शन हो रहे हैं। कल 24 जनवरी की शाम को इंदौर में माकपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता और दलित शोषण मुक्ति मंच के नेता रमेश प्रजापति द्वारा CAA-NRC के विरोध में खुद को आग के हवाले करने की घटना सामने आयी है। यह घटना इंदौर के गीता भवन चौराहे पर घटित हुई।

स हादसे के बाद रमेश प्रजापति 90 फ़ीसदी जल गए हैं, जिसके कारण उनकी हालत गंभीर है। प्रत्यक्षदर्शियों ने इस घटना की सूचना पुलिस को दी, जिसने उन्हें तुरंत ही पास के नजदीक एमवाई हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है। उनके जेब से CAA-NRC के विरोध में लिखे गये पर्चे बरामद किये गये हैं।

सीपीएम राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने इस घटना पर कहा है कि रमेश प्रजापति लोगों के बीच रमेश टेलर के नाम से लोकप्रिय थे। CAA-NRC के विरोध में उनके द्वारा की गई आत्मदाह की कोशिश एक दुःखद एवं अस्वीकार्य कार्यवाही है, मगर उनका यह असाधारण प्रतिरोध पूरे देश में व्याप्त बेचैनी और चिंता को सामने लाता है। यह इस बात की अभिव्यक्ति है कि भाजपा और आरएसएस द्वारा देश के संविधान और भारत की अवधारणा की बुनियाद पर किये जा रहे हमले से देश के संवेदनशील नागरिक कितने विचलित और उद्वेलित हैं। देशव्यापी विरोध के बावजूद बातचीत और संवाद तक न करने की सरकार की अलोकतांत्रिक जिद और आंदोलनकारियों पर दमन की तानाशाहीपूर्ण कार्यवाहियां लोगों को हताश और व्यथित कर रही हैं।

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ससिंदर सिंह ने कहा कि हमारी पार्टी आत्मदाह जैसे कदमों को प्रोत्साहित नहीं करती है। पार्टी का स्पष्ट मानना है कि जनता को लामबंद कर ही शासक वर्गों की जनविरोधी नीतियों को परास्त किया जा सकता है। पार्टी का इतिहास देश और जनता के लिए संघर्षों में मुकाबले का रहा है। अपने गठन से आज तक, आजादी से पूर्व और बाद में शासक वर्गों के दमन हमले हुए, पार्टी ने पूरी शक्ति के साथ दमन और तानाशाही का मुकाबला किया है। जनता के सभी हिस्सों के साथ मिलकर पार्टी CAA-NRC और NPR के खिलाफ, संविधान व लोकतंत्र की हिफाजत के लिए लड़ाई जारी रखेगी। पार्टी जनता से एकजुट होकर सरकार की नीतियों का विरोध करने का आह्वान करती है। सीपीएम कामरेड रमेश के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती है। उन्हें स्वस्थ कराने में हर तरह की मदद की जाएगी।

स मसले पर माकपा कार्यकर्ता कैलाश कहते हैं कि बीते कई दिनों से रमेश प्रजापति CAA-NRC और NPR के विरोध मैं इंदौरभर में सक्रिय रूप से उपस्थिति दर्ज कराते थे। इंदौर में मलिकबाग और बड़वानी चौक में CAA-NRC और NPR के खिलाफ लंबे समय से आंदोलन चल रहे थे जिसमें वे सक्रिय थे। प्रदर्शनों में भी उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई है और लगता है इसी तनाव में इन्होंने यह कदम उठाया है।

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इंदौर इकाई के माकपा सचिव कॉमरेड सरावत ने जनज्वार से हुई बातचीत में बताया कि रमेश प्रजापति पिछले 30-40 सालों से पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता रहे हैं। यह पार्टी की सारी गतिविधियों में सक्रिय रुप से उपस्थित रहते थे। रमेश प्रजापति के बेटे ने मुझे बताया कि लगभग 4:30 बजे कल 24 जनवरी को वे अपने घर से बिना कुछ बताए निकल गए। गीता भवन में भी हादसे के पहले उन्होंने अपने हस्ताक्षर किए हुए CAA-NRC के विरुद्ध भरे पर्चे लोगों को बांटे। वे CAA-NRC के विरोध में लगातार सक्रिय रूप से कार्यक्रमों का हिस्सा रहे हैं। लगातार भाजपा की लोकतंत्र विरोधी नीतियों के खिलाफ बोलते रहे हैं और प्रदर्शन का हिस्सा रहे हैं। अभी भी उनकी हालत में कोई खास सुधार नहीं है। पर मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि प्रशासन और कलेक्टर की तरफ से उनके उपचार की उचित व्यवस्था की गई है।

हीं जनज्वार के सवाल उनके बेटे कह रहे हैं कि शायद उनके पिता ने यह कदम CAA-NRC के विरोध में नहीं उठाया है। के जवाब में कॉमरेड सरावत कहते हैं कि उनका बेटा और परिवार जिस जगह पर रहता है, वहां आरएसएस और बीजेपी का दबदबा है, संभवत वह ऐसी बातें अपने आसपास के दबाव की वजह से कह रहे होंगे। निश्चित ही वे कोई भी खतरा मोल लेना नहीं चाहते होंगे, पर आग लगाने से पहले उन्होंने खुद के हस्ताक्षर वाला CAA-NRC के विरोध का पर्चे लोगों के बीच में बांटा और वह पुलिस ने भी शायद जब्त किया है, इससे सारी बातें स्पष्ट होती हैं कि उन्होंने आत्मदाह CAA-NRC के विरोध में ही किया।

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त्मदाह की घटना से पहले वह CAA-NRC के विरोध में माणिकबाग और बड़वाली चौकी में प्रदर्शन कर रहे थे। इन दोनों ने ही आशंका व्यक्त की कि CAA-NRC के विरोध में ही रमेशचंद्र प्रजापति ने यह कदम उठाया होगा।

के मुताबिक रमेश प्रजापति ने आत्मदाह करने से पहले लोगों में 'लाल सलाम' लिखे पैम्फलेट बांटे थे। जो पैम्फलेट उन्होंने जनता के बीच बांटे उसमें भगत सिंह, अशफाकउल्ला खान और बीआर आंबेडकर की तस्वीरें थीं और आखिर में एक गीत की चंद लाइनें लिखी थीं- 'तू हिंदू बनेगा ना मुसलमान बनेगा, इंसान की औलाद है इंसान बनेगा।'

स मसले पर इंदौर पुलिस का कहना है कि सीपीएम कार्यकर्ता रमेश प्रजापति शुक्रवार 24 जनवरी को शाम 7:00 बजे गीता भवन चौराहे पर स्थित एक ऑटोमोबाइल्स शॉप पर पहुंचे, वहीं पर उन्होंने बोतल में भरी केरोसिन अपने ऊपर उड़ेल कर खुद को आग के हवाले कर दिया। पुलिस को जैसे ही सूचना मिली, तुरंत उन्हें पास के एमवाई हॉस्पिटल में भर्ती कराया। अभी तक पुलिस रमेश प्रजापति का बयान दर्ज नहीं कर पायी है इसलिए यह कहना मुश्किल है कि उन्होंने खुद को आग के हवाले क्यों किया, क्यों उन्होंने अपनी जान लेने की कोशिश की।

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हॉस्पिटल में मौजूद रमेश प्रजापति के बेटे बताते हैं, पुलिस कह रही है कि मेरे पिता CAA-NRC और NPR के विरोध में खुद को आग के हवाले नहीं कर सकते हैं। फिर उन्होंने आग क्यों लगाई, इस बारे में अभी मैं कुछ नहीं कह सकता हूं। मेरी अपील है कि पिता के आत्मदाह की इस घटना का राजनीतिकरण न किया जाए।

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