कांग्रेस ने कहा, मोदी और शाह ने गांधी परिवार की SPG सुरक्षा हटाकर की लोकतांत्रिक परंपराओं की हत्या

Update: 2019-11-12 06:49 GMT
file photo

कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि यह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी थे, जिन्होंने तीन गांधीवादी नेताओं को एसपीजी कवर दिया था। भारत के दो पूर्व प्रधानमंत्रियों (इंदिरा गांधी और राजीव गांधी) की हत्या कर दी गई थी और यह अटल बिहारी वाजपेयी थे जिन्होंने इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के परिवार को एसपीजी कवर देने के लिए कानून में संशोधन किया था...

जनज्वार, नई दिल्ली। कांग्रेस ने गांधी परिवार से एसपीजी कवर (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) वापस लेने के सरकार के फैसले की आलोचना की है। बता दें कि अब तक कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को एसपीजी कवर सुरक्षा मिलती थी। इसके बजाए तीनों नेताओं को अब जेड प्लस स्तर की सुरक्षा मिलेगी।

कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को मिल रही लगातार धमकियों के बावजूद एसपीजी सुरक्षा को रद्द करना उचित समझा है। यह पूरी तरह से भाजपा और व्यक्तिगत नफरत और प्रतिशोध की राजनीति के कारण है।

कांग्रेस ने आगे कहा कि सरकार ने इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के एसपीजी कवर को वापस ले लिया था और पी. चिदंबरम और डी. शिवकुमार को 'आधारहीन आरोप' में कैद कर लिया था।

संबंधित खबर : NRC के मुद्दे पर एक विदेशी घुसपैठिए का गृहमंत्री अमित शाह को खुला खत

हीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने ट्वीट कर कहा कि भाजपा ने दो प्रधानमंत्रियों के परिवार के सदस्यों के जीवन से समझौता करते हुए व्यक्तिगत प्रतिशोध तंत्र के लिए आतंक और हिंसा के कार्यों से समझौता किया है।

कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि यह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी थे, जिन्होंने तीन गांधीवादियों को एसपीजी कवर दिया था। उन्होंने कहा कि भारत के दो पूर्व प्रधानमंत्रियों (इंदिरा गांधी और राजीव गांधी) की हत्या कर दी गई थी और यह अटल बिहारी वाजपेयी थे जिन्होंने इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के परिवार को एसपीजी कवर देने के लिए कानून में संशोधन किया था।

न्होंने कहा कि मोदी और शाह ने इसे पूर्ववत कर दिया है। उन्होंने दावा किया कि मोदी और शाह 'व्यक्तिगत प्रतिशोध में अंधे' हैं। वेणुगोपाल ने दावा किया कि मोदी और शाह ने एसपीजी सुरक्षा कवर को हटाकर 'सभी लोकतांत्रिक परंपराओं की हत्या' की है।

न्होंने कहा कि सरकार के खुद के सुरक्षाकर्मियों ने संकेत दिए थे कि गांधी परिवार को जान से मारने की धमकियां मिली हैं। वेणुगोपाल ने दावा किया कि सुरक्षाकर्मियों ने धमकी के कारण राहुल गांधी को अपनी यात्रा के दौरान वायनाड की जनता के पास नहीं जाने की चेतावनी दी थी।

वेणुगोपाल ने कहा कि पूछा कि किन परिस्थितियों में गृह मंत्रालय ने इन चीजों को तय किया? आमतौर पर एसपीजी सुरक्षा कैबिनेट सचिव के अधीन होती है, गृह मंत्रालय नहीं। लेकिन यहां गृह मंत्रालय ने निकासी नोटिस जारी किया है। किस आधार पर वे पीछे हट गए हैं? वे सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के जीवन के साथ खेल रहे हैं।

न्होंने दावा किया कि एक महीने पहले अफवाहें थीं कि एसपीजी कवर वापस ले लिया जाएगा। वेणुगोपाल ने कहा कि मनमोहन सिंह समेत कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने गंभीर चिंता जताते हुए कैबिनेट सचिव को एक पत्र लिखा लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। उस पत्र का जवाब दिए बिना, अब उन्होंने एसपीजी सुरक्षा कवर को एकतरफा वापस ले लिया है... यह स्पष्ट रूप से इस सरकार की क्रूरता को दर्शाता है। वे इस तरह से राजनीति कर रहे हैं। मुझे लगता है कि भारत के लोग इस कार्रवाई से समझ सकते हैं कि ये लोग किस प्रकार का आपराधिक दिमाग रखते हैं।

संबंधित खबर : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी हुईं व्हाट्सएप जासूसी की शिकार!

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के एसपीजी कवर को भी वापस ले लिया था और यह कांग्रेस नेता की हत्या के साथ समाप्त हुआ।

सुरजेवाला ने कहा कि 6 अगस्त और 6 नवम्बर 2018, 6 जून और 29 अगस्त 2019 को खुद एसपीजी ने राहुल गांधी को खालिस्तानियों, उग्रवादियों, इस्लामिक उग्रवादी सँगठनों, नक्सलवादियों एवं अलकायदा जैसे आतंकी सँगठनों से खतरा होने की बात कही थी। लेकिन ऐसा क्या हुआ कि 60 दिनों के भीतर एसपीजी, इंटेलिजेंस ब्यूरो आदि की रिपोर्ट बदल दी गई और अब सोनिया गांधी और राहुल गांधी के लिए खतरा नहीं है? सच यह है कि मोदी और शाह बदले की आग में कितना गिरेंगे।

Tags:    

Similar News