Begin typing your search above and press return to search.
राजनीति

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी हुईं व्हाट्सएप जासूसी की शिकार!

Prema Negi
3 Nov 2019 6:22 PM IST
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी हुईं व्हाट्सएप जासूसी की शिकार!
x

बीजेपी को भारतीय जासूस पार्टी करार देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला बोले, 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान पिगेसेस स्पाइवेयर के जरिए फोन टैप किए गए और मोदी सरकार को थी इसकी पूरी जानकारी...

जनज्वार। व्हाट्सएप जासूसी कांड में 2 दर्जन से भी ज्यादा पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का नाम सामने आया है। अब इस कड़ी में एक और नाम जुड़ गया है कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को भी व्हाट्सएप की ओर से स्पाईवेयर से जुड़ा एक मैसेज मिला है।

गौरतलब है कि व्हाट्सएप जासूसी कांड को लेकर आज 3 नवंबर को मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को भी व्हाट्सएप की ओर से स्पाईवेयर से जुड़ा एक मैसेज मिला है। भारत के जिन पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के फोन हैक किए गए, उन्हें व्हाट्सऐप ने जैसा मैसेज भेजा, ठीक वैसा ही एक मैसेज प्रियंका गांधी को भी मिला है। मोदी सरकार को इस मामले की जांच करानी चाहिए और मामले पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

कौल रणदीप सुरजेवाला एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के फोन भी हैक किए गए हैं। मोदी सरकार विपक्ष पर नजर रख रही है, क्या ऐसा वह राजनीतिक जानकारियों के लिए कर रही है। यह सीधे—सीधे एक बड़ा अपराध है। सुरजेवाला ने कहा कि बीजेपी सरकार और उसकी एजेंसियों ने इजरायल की एनएसओ का एक सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करके राजनेताओं, संपादकों, एक्टिविस्ट्स, पत्रकारों, शिक्षाविदों के फोन हैक किए हैं।

बीजेपी को भारतीय जासूस पार्टी करार देते हुए सुरजेवाला ने कहा कि 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान पिगेसेस स्पाइवेयर के जरिए फोन टैप किए गए और सरकार को इसकी पूरी जानकारी थी। गौरतलब है कि ऐसा ही कुछ आरोप पत्रकार आशीष गुप्ता भी लगा चुके हैं कि बिना सरकार की सहमति के इस तरह किसी इतने बड़े पैमाने पर फोन से जासूसी नहीं की जा सकती।

जनज्वार से विशेष बातचीत में पत्रकार और जासूसी के शिकार आशीष गुप्ता कह चुके हैं, ‘मुझे संदेह है कि व्हाट्सएप जासूसी में मुंबई पुलिस का हाथ हो, क्योंकि भीमा कोरेगांव मामले में उसी ने गिरफ्तारियां कीं और कार्यकर्ताओं पर मुकदमे दर्ज किए। मेरे पास कोई पुख्ता सबूत नहीं हैं, पर अगर जासूसी के शिकार या ​पीड़ितों की सूची देखें तो यह बहुत स्पष्ट है।’ उनकी यह बात ठीक लगती है, क्योंकि जासूसी करने वाली इजरायली कंपनी एनएसओ ने कहा है कि वह सेवा या तो सरकार को देती है या राज्य की एजेंसियों को। और मुंबई पुलिस राज्य की ही एक एजेंसी है।’

संबंधित खबर - जनज्वार एक्सक्लूसिव : पत्रकार आशीष गुप्ता ने व्हाट्सएप जासूसी मामले को लेकर मुंबई पुलिस पर जाहिर किया संदेह

हीं ऐसा ही कुछ कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला ने भी कहा है कि मोदी सरकार को मई 2019 से फोन जासूसी की जानकारी थी। व्हाट्सऐप ने सरकार को सितंबर में बताया था कि 121 भारतीयों को इजरायली सॉफ्टवेयर पिगेसस से निशाना बनाया गया है, लेकिन सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा कि मैसेजिंग ऐप से पहले जो जानकारी मिली थी, वह अधूरी और अपर्याप्त है।

से में मोदी सरकार को घेरते हुए प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर कांग्रेस ने पूछा है कि क्या सरकार 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान नागरिकों और राजनेताओं की जासूसी करा रही थी? क्या सरकार को मई 2019 से अवैध स्पाईवेयर की जानकारी थी? क्या जो लोग सत्ता में बैठे हैं वे इस अपराध के दोषी नहीं?

कांग्रेस ने सवाल उठाया है जब मोदी सरकार को फोन जासूसी के बारे में अप्रैल 2019 में जानकारी थी तो इसे सीक्रेट क्यों रखा गया? जिन मंत्रियों और अफसरों ने टेलीग्राफ एक्ट और आईटी एक्ट के विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन किया, उनके खिलाफ क्या एक्शन लिया जाएगा?

Next Story

विविध