भरपेट रोटी के लिए दलित परिवार में हुआ झगड़ा, 13 वर्षीय लड़की ने की आत्महत्या
दलित परिवार में चार भाई—बहनों के बीच रोटी खाने को लेकर हुआ था झगड़ा, सबके हिस्से नहीं आ रही थी भरपेट रोटी
लखीमपुर खीरी, जनज्वार। भूख से बेहाली के कारण दलित परिवार की एक 13 लड़की ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में एक रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना सामने आई है। 23 फरवरी को चार दिन से भूखी बच्ची दो रोटी मांगकर लाई, पर भाई-बहनों में उन दो रोटियों को बांटने को लेकर लड़ाई हुई। भूख से तड़प रही बच्ची ने निराश होकर फांसी लगा ली।
निघासन के नई बस्ती में रहने वाली 36 वर्षीय जगराना के पति छोटेलाल की मौत 4 साल पहले हो गई थी। परिवार में उसके चार बच्चे हैं। पति के रहते परिवार को पास छोटी सी जमीन थी, जिसमें खेती करके उनका गुजारा होता था। 8 साल पहले अचानक शारदा नदी में आई बाढ़ ने परिवार का सबकुछ तबाह कर दिया। उनकी जमीन पानी में बह गई। अब परिवार के पास मेहनत-मजदूरी करके पेट करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा था।
मेहनत—मजदूरी करके किसी तरह बच्चों के लिए दो जून के खाने का इंतजाम करने वाली मृतक बच्ची ज्योति की मां को बीते एक हफ्ते से कोई काम नहीं मिला था। घर में जो थोड़ा बहुत अन्न था, वह भी खत्म हो गया। चार दिन से घर में खाने को कुछ नहीं था।
पड़ोस से ज्योति दो रोटियां मांगकर लाई और उसने अपने तीनों भाई-बहनों उन्नीस वर्षीय लक्ष्मी, 9 साल की मोहिनी और 11 वर्षीय मोहित में बांटीं। रोटी बराबर बांटने को लेकर उन लोगों में झगड़ा शुरू हो गया।
इसी बात पर गुस्सा होकर ज्योति की बड़ी बहन लक्ष्मी गुस्से में घर से बाहर निकल गई। ज्योति इस बात से बहुत दुखी हुई और उसने खुद को कमरे में बंद कर लिया। थोड़ी देर रोने-बिलखने के बाद उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
पीड़ित परिवार के पड़ोसी लालता प्रसाद ने बताया कि जगराना के पति की मौत चार साल पहले हो चुकी है। जगराना का परिवार भूमिहीन है। वह खेतों में मजदूरी करके किसी तरह अपना परिवार चला रही थीच। खेती में बारहों महीने काम तो होता नहीं, मनरेगा जॉबकार्ड के सवाल पर जगराना का जॉबकार्ड भी नहीं बना है। गांव वालों के मुताबिक जगराना को विधवा पेंशन भी नहीं मिल रही थी।
इस घटना की सूचना मिलने के बाद आज 26 फरवरी को समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष अनुराग पटेल, उपाध्यक्ष क्रान्ति कुमार सिंह, सपा महिला सभा जिलाध्यक्ष तृप्ति अवस्थी और सामाजिक कार्यकर्ता मुश्ताक़ अली अंसारी, समाजवादी पार्टी मजदूर सभा के जिला अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार एडवोकेट मृतक लड़की ज्योति की माँ से मिले और उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान की। वहीं पूर्व जिला अध्यक्ष समाजवादी पार्टी, अनुराग पटेल ने पीड़ित परिवार के दोनों बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाने की जिम्मेदारी लेने की घोषणा की।
इस घटना की निंदा करते हुए समाजवादी पार्टी के जिला उपाध्यक्ष क्रान्ति कुमार सिंह ने कहा कि सरकार आत्महत्या के लिये वहाँ बसे किसानों को भी मजबूर कर रही है।
वहीं दूसरी तरफ राज्य में सत्तासीन भाजपा सरकार ने निघासन नई बस्ती के बाशिन्दों को बेदखली का नोटिस जारी कर दिया है। ग्रामीण बताते हैं कि वह सभी बाढ पीड़ित हैं और 8 सालों से इस जमीन पर बसे हैं। यह केस उच्च न्यायालय में चल रहा है।