मोहब्बत कहीं भी हो सकती है, फिर वह कोठा ही क्यों न हो

Update: 2017-07-06 23:05 GMT

आपने सिनेमा के पर्दे पर ऐसी कहानियां बहुत देखी होंगी पर असल जीवन में यह बहुत कम ही होता है, पर आज दिल्ली में ऐसा हुआ कि एक कोठे वाली को किसी ने अपना जीवन बनाया है....

दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग ने जीबी रोड के 68 नंबर कोठे से एक नेपाली युवती को आजाद करवाया है। महिला आयोग ने पुलिस की सहायता से इस युवती को कोठे से छुड़वाया।

गौरतलब है कि केाठे में पहुंची यह लड़की एक लड़के से प्यार करती है, जो पास में ही सदर बाजार एरिया में रहता है। ये लड़का पिछले दो साल से लड़की के संपर्क में था और दोनों के बीच पहले दोस्ती और फिर प्यार हो गया।

लड़की का प्रेमी लड़का दो साल से ग्राहक बनकर इस लड़की से कोठे पर जाकर मिलता था। प्यार होने के बाद दोनों ने शादी करने का फैसला किया, लेकिन शादी करने से पहले लड़का चाहता था कि लड़की कोठे से आजाद हो जाए और लड़की भी चाहती थी कि जीबी रोड ने निकल कर उस लड़के के साथ एक नई जिंदगी शुरू करे।

मगर लड़के को ये समझ नहीं आ रहा था कि लड़की को जीबी रोड से बाहर कैसे निकला जाए। फिर किसी ने लड़के को दिल्ली महिला आयोग के बारे में बताया। ये लड़का शक्तिवाहिनी एनजीओ के साथ दिल्ली महिला आयोग पंहुचा।

दिल्ली महिला आयोग की टीम व शक्तिवाहिनी एनजीओ के सदस्य और पुलिस ने कोठे नंबर 68 पर रेड की और इस लड़की को आजाद करवाया।

कोठे से मुक्त होने के बाद पीड़ित लड़की ने बताया कि वह नेपाल में आए भूकंप के बाद आर्थिक तंगी के कारण रोजी—रोटी की तलाश में भारत आई थी और यहां जिस्म के सौदागरों ने उसे जीबी रोड, दिल्ली के नर्क में धकेल दिया। इस लड़की की उम्र 27 साल है। लड़की ने बताया कि लड़के के परिवार से भी उसकी बात होती है, उन्हें भी दोनों के रिश्ते से कोई परेशानी नहीं है। अब जल्द वह उस लड़के से शादी करके अपना घर बसाएगी।

दिल्ली महिला आयोग की चेयरपर्सन स्वाति जयहिंद ने कहा कि जीबी रोड पर ट्रेफिकर्स माफिया का राज चल चल रहा है, जो लड़कियों की मजबूरी का फायदा उठाके उन्हें जीबी रोड जैसे नर्क में धकेल देते हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जीबी रोड बंद होना चाहिए, ताकि कोई भी लड़कियों को इस नर्क में न धकेल पाए।

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