बेटी के मां—बाप बने दुश्मन, महिला आयोग बना दोस्त

Update: 2017-10-24 21:28 GMT

रजनी ने अपने घर वालों की मर्जी के खिलाफ ली थी, तो उसके घरवाले एक साल बाद उसे जबर्दस्ती अपने साथ ले गए और पति के घर वापस नहीं आने दे रहे थे...

दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग की टीम ने एक शादीशुदा लड़की रजनी (परिवर्तित नाम) को उसके मां-बाप के घर से आजाद कराया है। रजनी ने अपने मां-पिता की मर्जी के खिलाफ राजा (परिवर्तित नाम) से शादी कर ली थी।

रजनी और राजा दोनों अलग-अलग जाति से हैं इसलिए रजनी के घर वालों को यह शादी स्वीकार नहीं थी। शादी के करीब 14 महीने बाद रजनी के घर वाले उसे अपने साथ गुड़गांव ले गए और फिर उसे वापस राजा के पास नहीं भेजा। अब राजा की शिकायत पर दिल्ली महिला आयोग की टीम ने गुड़गांव पुलिस को साथ लेकर रजनी को उसके मायके से आजाद कराया है।

रजनी ने बताया कि उसका और राजा दोनों का परिवार ग्रामीण दिल्ली में रहता था। दोनों साथ में पढ़ते थे और एक दूसरे को पसंद करते थे। दोनों ने शादी करने का निर्णय लिया। दोनों ने अपने-अपने घरों में अपनी शादी की बात बता दी। राजा के घर वालों के इस शादी से कोई परेशानी नहीं थी। लेकिन रजनी के घर वाले इन दोनों की शादी के लिए तैयार नहीं थे।

रजनी कहती है, एक साल उसने अपने घर वालों को मनाने की कोशिश भी की, लेकिन वे नहीं माने। इसके बाद दोनों ने आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली और हरियाणा में रहने लगे। शादी के बाद रजनी का परिवार दिल्ली से गुड़गांव शिफ्ट हो गया।

दोनों 14 महीने तक साथ रहे। इस दौरान रजनी के घर वाले उस पर दवाब बनाते रहे कि वो इस शादी को खत्म करके वापस आ जाए और वो उसकी दूसरी शादी करा देंगे। लेकिन रजनी इसके लिए तैयार नहीं हुई। शादी के 14 महीने के बाद एक दिन रजनी के घर वाले उसके घर आये और उसे अपने साथ लेकर चले गए।

चार महीने तक रजनी के घर वालों ने उसे अपने पास रखा और उसके पति से नहीं मिलने दिया। रजनी का एक 1 साल का बेटा भी उसके साथ ही रहा। रजनी ने बताया कि जब कभी वह अपने पति के पास जाने के लिए कहती तो उसके घर वाले धमकी देते कि यदि वह उसके पास गई तो वे दोनों को जान से मार देंगे। इसी डर से रजनी घर से अपने पति के पास नहीं गई।

रजनी को उसके घर वाले गांव भी लेकर चले गए और उस पर राजा को तलाक देने का दबाव बनाने लगे। लेकिन रजनी तैयार नहीं हुई। राजा ने बताया कि वह मदद के लिए दिल्ली पुलिस के पास गया तो दिल्ली पुलिस ने कहा कि गुड़गांव का केस है गुड़गांव पुलिस के पास जाओ।

एक दिन रजनी को उसकी दादी का फोन मिल गया और उसने अपने पति राजा से कहा कि उसे जल्द से जल्द यहां से लेकर चले जाएं नहीं तो उसके साथ कुछ भी हो सकता है।

राजा को उसके एक दोस्त ने दिल्ली महिला आयोग के बारे में बताया। राजा दिल्ली महिला आयोग के आफिस पहुंचा और उसने अपनी परेशानी बतायी। इसके बाद दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहिंद के निर्देश पर आयोग के मोबाइल हेल्पलाइन प्रोग्राम(एमएचएल) की एक टीम गठित की। आयोग की टीम ने गुड़गांव जाकर रजनी को रेस्क्यू कराया और उसे उसके पति से मिलवाया।

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