डॉक्टर की लापरवाही ऐसी कि सुनकर खून खौल जाए

Update: 2017-12-05 10:41 GMT

बलरामपुर से फरीद आरजू की रिपोर्ट

सरकार स्वास्थ्य विभाग में सुधार के चाहे जितने दावे करे, लेकिन सच्चाई हटकर है। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाहियों के कारण झोलाछाप डॉक्टर इंसानी जिंदगियों के साथ खुलकर खिलवाड़ कर रहे हैं।

ताजा मामला योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश स्थित बलरामपुर का है, जहां एक झोलाछाप डॉक्टर की कारस्तानी की वजह से 8 साल की मासूम की जिंदगी बर्बाद हो गयी। डॉक्टर की लापरवाही और अधकचरे ज्ञान की कीमत उस मासूम का हाथ गंवाकर चुकानी पड़ी है।

दरअसल घर्मपुर गाँव की रहने वाली मासूम कोमल घर मे खेलते समय गिर पड़ी और उसका बायां हाथ टूट गया। पिता जगदीश कोमल को पास के बाजार में झोलाछाप डॉक्टर वासुदेव की दुकान पर लेकर गये, जहाँ झोलाछाप डॉक्टर ने जख्म का इलाज किये बिना प्लास्टर बांध दिया।

मासूम बच्ची का जख्म जब सड़ने लगा तो पिता जगदीश बेटी को लेकर जिला अस्पताल भागे, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। अस्पताल के डॉक्टर ने बच्ची को बहराइच के लिये रेफर कर दिया।

मासूम की जान बचाने के लिये बहराइच में डॉक्टरों को कोमल का हाथ काटना पड़ा। बेटी का हाथ कट जाने से पिता जगदीश अंदर से टूट चुके हैं। जगदीश कहते हैं, बेटी के भविष्य को लेकर बुने मेरे सपने चकनाचूर हो गए हैं। ये कहते हुए उनकी आँखों से बेबसी के आँसू रह रहकर छलक उठते हैं।

मासूम कोमल भी डॉक्टर के नाम से ड़रने लगी है। गाँव के स्कूल में दूसरी क्लास में पढ़ने वाली कोमल इस घटना से टूट चुकी है। स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे कोमल के स्कूल आने का इन्तेजार कर रहे हैं, लेकिन उसने स्कूल जाने का ख्याल दिल से निकाल दिया है।

सबसे दुखद पहलू तो यह है कि इंसाफ के लिये जगदीश अपनी मासूम बेटी को लेकर दौड़ रहा हैं, लेकिन मासूम का गुनाहगार झोलाछाप डॉक्टर दुकान बन्द कर खुलेआम घूम रहा रहा है। स्वास्थ्य विभाग या जिले के आलाधिकारी या फिर कानून के लंबे हाथ इस गुनाहगार की गर्दन तक नही पहुँच पाए हैं।

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