अमेरिकी अर्थशास्त्री ने दी चेतावनी, वैश्विक अर्थव्यवस्था को कोरोना संकट से उबरने में लगेगा 10 साल का समय

Update: 2020-05-23 09:22 GMT

प्रसिद्ध अर्थशास्त्री नूरील रूबिनी ने कोरोनोवायरस से लंबे समय तक गिरावट और धीमी रिकवरी की चेतावनी दी है...

जनज्वार ब्यूरो। अमेरिकी अर्थशास्त्री नूरील रूबिनी ने चेतावनी दी है कि कोरोनावायरस संकट से लंबे समय तक गिरावट और अर्थिक सुस्ती रहेगी। प्रमुख अर्थशास्त्री ने 10 साल अवसाद और ऋण को लेकर आगाह किया है। अपनी उदार भविष्यवाणियों के लिए चर्चित प्रोफेसर रूबिनी ने कहा है कि कुछ ऐसी नौकरियां हैं, जो इस संकट के बाद वापस नहीं आएंगी।

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बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिकभूतपूर्व मंदी की चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा, 'भले ही वैश्विक अर्थव्यवस्था कोरोनावायरस के प्रभाव से इस वर्ष ही ठीक हो जाए, लेकिन फिर भी हालत ठीक नहीं रहेंगे।' वर्ष 2008 के वित्तीय संकट को लेकर चेताने वाले रूबिनी ने कहा, 'वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान उत्पादन में तेजी से गिरावट आने में लगभग तीन साल लग गए लेकिन इस बार तीन साल या तीन माह नहीं सिर्फ तीन हफ्तों में हर कंपोनेंट का फ्रीफॉल हुआ।'

Full View ने कहा कि अर्थशास्त्रियों की भाषा में प्रत्येक रिकवरी 'यू' या फिर 'एल' के आकार की होगी। उन्होंने इसे ‘ग्रेट डिप्रेशन’ करार दिया। एक यू-आकार की रिक्वरी का मतलब है कि विकास में गिरावट होगी और फिर धीमे या लंबे समय तक नहीं बढ़ने के बाद ही यह उठा पाएगा।

हीं एल-आकार की रिकवरी और भी अधिक कठोर है। इसमें विकास तेजी से गिरेगा और लंबे समय तक हालात ऐसे ही बने रहेंगे। क्योंकि कोरोनावायरस संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर लागू किए गए लॉकडाउन के चलते नौकरियां जाने का असर अमीर और गरीब दोनों प्रकार के देशों में देखने को मिलेगा।

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न्होंने कहा, 'कम वेतन, कोई लाभ नहीं, पार्ट-टाइम के साथ केवल आंशिक रूप से ही गईं नौकरियां वापस आएंगी। औसत कामकाजी व्यक्ति के लिए नौकरी, आय और मजदूरी की और भी अधिक असुरक्षा होगी।'

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