उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की मौत की फेक न्यूज हुई वायरल, 5 के खिलाफ मुकदमा दर्ज

Update: 2020-05-07 03:30 GMT

मुख्यमंत्री आवास से लेकर पुलिस मुख्यालय और राज्य के थाने चौकी तक के फोन घनघना उठे। सिर्फ यह जानने के लिए आखिर अचानक मुख्यमंत्री की मौत कैसे हो गयी? कल तक तो सब कुछ ठीक-ठाक था....

संजीव कुमार सिंह चौहान की रिपोर्ट

देहरादून, जनज्वार। कोरोना सी महामारी में भी अफवाहों फैलाकर माहौल खराब करने वाले बाज नहीं आ रहे हैं। कुछ ऐसे ही अफवाह फैलाने वाले असामाजिक तत्वों ने तो उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की मौत की ही फर्जी खबर सोशल मीडिया में वायरल कर दी। खबर चलते ही उत्तराखंड राज्य में मानों भूचाल सा आ गया।

मुख्यमंत्री आवास से लेकर पुलिस मुख्यालय और राज्य के थाने चौकी तक के फोन घनघना उठे। सिर्फ यह जानने के लिए आखिर अचानक मुख्यमंत्री की मौत कैसे हो गयी? कल तक तो सब कुछ ठीक-ठाक था।

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बुधवार 6 मई को आईएएनएस से फोन पर बात करते हुए घटना की पुष्टि उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (अपराध कानून एवं व्यवस्था) अशोक कुमार ने भी की। उन्होंने बताया कि इस सिलसिले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

Full View नामजद दर्ज की गयी है। यह एफआईआर सीताराम भट्ट द्वारा बुधवार 6 मई को दोपहर के वक्त देहरादून के थाना कैंट में दर्ज कराई गयी। देहरादून कैंट थाने में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, एफआईआर में पांच लोगों को आरोपी बनाया गया है। इन पांचों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज कराया गया है।

शिकायतकर्ता सीताराम भट्ट ने आरोप लगाया है, 'आरोपियों ने फेसबुक पर राज्य के मुख्यमंत्री की मौत की फर्जी खबर डाली थी। इसके बाद राज्य में एक अजीबोगरीब हालात बन गये। हर कोई अफरा तफरी में फंसता चला गया। जब तक सही बात सामने निकल कर नहीं आयी, तब तक राजनीति से लेकर सरकारी तंत्र तक परेशान रहा।'

Full View पुलिस के ही एक अधिकारी के मुताबिक, 'अफवाहें फैलाने वालों में से कुछ ने तो चीफ मिनिस्टर की मौत की वजह हार्ट अटैक तक जाहिर कर दी थी।'

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राज्य के पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था अशोक कुमार के मुताबिक, 'यह मजाक बेहद घटिया था। यह मजाक नहीं वरन राज्य की शांति व्यवस्था भंग करने जैसा गंभीर अपराध है। मुकदमा दर्ज होते ही मामले की तेजी से जांच कराने के आदेश देहरादून पुलिस उप महानिरीक्षक को दे दिये हैं।'

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