ट्वायलेट के बहाने से बलात्कारी के चंगुल से निकल भागी बच्ची

Update: 2017-07-25 15:04 GMT

मां—बाप को इस उदाहरण से सीखना चाहिए कि बच्चों को संस्कार के नाम पर यौन उत्पीड़न के प्रति संवेदनशील बनाना न भूलें

दिल्ली। दिल्ली के देशबंधु गुप्ता रोड पुलिस स्टेशन एरिया में रहने वाली सात वर्षीय गुड़िया (नाम परिवर्तित) रोजाना की तरह अपने दो दोस्तों के साथ गली में खेल रही थी। उसे क्या पता कि उसकी गली में रहने वाले 49 साल के हैवान की उसपर पता नहीं कब से खराब नियत थी। बच्ची इस शैतान को अंकल बुलाती थी।

हैवान अंकल ने अपने घर पर एक बिल्ली पाली हुई थी। तीनों बच्चे खेलते—खेलते अंकल के घर के आगे चले गए। बच्चों का मन पाली हुई बिल्ली देखने का हुआ, सो तीनों बच्चे उस अंकल के घर के आगे आ गए और बिल्ली देखने के लिए बोलने लगे। बच्चों को देख 49 साल के अधेड़ के दिमाग में कुछ गलत चल रहा था, जिसका इस मासूम बच्ची को पता भी नहीं था।

गुड़िया के दोनों दोस्त उस अंकल के घर के बाहर ही खेलने लगे और उस अंकल ने गुड़िया को अपने घर के अंदर बुला लिया। उसने गुड़िया से कहा कि बिल्ली तो अभी सोई हुई है। इसके बाद उसने गुड़िया से इधर—उधर की बातें करनी शुरू की। उस अंकल के खतरनाक इरादों से बेखबर गुड़िया को पता नहीं था कि उसके साथ क्या होने वाला है।

इस दौरान अधेड़ की बेटी उसी कमरे में आ गई तो उस आदमी ने अपनी बेटी को भी बाहर भगा दिया। उसने हिम्मत करते हुए गुड़िया से कहा कि तुम अपने घर पर क्या क्या बताती हो तो गुड़िया ने कहा कि वो सबकुछ दिनभर स्कूल में क्या हुआ, क्या पढ़ाया दोस्तों से क्या बात हुई सब कुछ मम्मी पापा से बताती है।

उस अधेड़ उम्र के आदमी ने गुड़िया से कहा कि वो उसके बारे में अगर अपने घर पर कुछ नहीं बतायेगी तो वो उसे रोज 5 रुपए देगा। गुड़िया ने हामी भर दी कि वो घर पर उसके बारे में कुछ भी नहीं बतायेगी। इसके बाद उस हैवान ने अपनी हैवानियत शुरू की और 7 साल की मासूम बच्ची के होठों पर बेतहाशा किस करने लगा। उसके बाद गुड़िया के पूरे शरीर को गलत तरीके से छूने लगा।

गुड़िया बुरी तरह घबरा गई, पर उसने हिम्मत नही हारी। गुड़िया ने बड़ी समझदारी दिखाते हुए कहा कि अंकल उसे सू सू आया है उसे टॉयलेट जाना है। इस पर आरोपी ने कहा कि उसके घर में टॉयलेट है, वो वहां चली जाए। लेकिन बच्ची ने अपने घर पर ही सू सू जाने की ज़िद की और वहां से अपने घर के लिए दौड़ लगा दी।

अपने घर पर पहुंचते ही गुड़िया ने अपनी मम्मी और पापा को सारी बात बता दी और 5 रुपए के लालच देने की बात भी उसने अपने माँ को बताई। गुड़िया के माँ—बाप इस घटना की रिपोर्ट लिखाने और शिकायत लेकर पास की पुलिस चौकी गए, तो पुलिस ने दोनों पक्षों का समझौता कराने की कोशिश की।

लेकिन बच्ची की तरह उसके मां— बाप भी जागरूक थे, उन्होंने महिला हेल्पलाइन 181 पर कॉल करके मदद मांगी। मदद के लिए एक काउंसलर थाने पहुँची तो वहां पहले से एक एनजीओ की महिला मौजूद थी, जो गुड़िया के परिवार पर दबाव बना रही थी कि वो अपनी शिकायत वापस ले लें। क्योंकि इससे उसकी बच्ची की बदनामी होगी।

पुलिस वाला भी बच्ची की मदद के लिए पहुँची काउंसलर पर उसकी रिपोर्ट में छेड़छाड़ करने वाली लाइन हटाने के लिए दबाव डालने लगा, मगर लेकिन काउंसलर पुलिस अफसर से भिड़ गई और उसकी पुलिस के साथ तीखी झड़प भी हुई।

आखिरकार बच्ची की शिकायत और काउंसलर की रिपोर्ट के आधार पर आरोपी के ख़िलाफ़ 354 और पोक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ और उसकी गिरफ्तारी हुई। कोर्ट में बच्ची के बयान के बाद अभी आरोपी सलाखों के पीछे है।

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