कोरोना संकट के दौरान क्या आर्थिक मामलों में मदद के लिए भारत आएंगे, रघुराम राजन ने दिया ये जवाब

Update: 2020-04-11 08:16 GMT

आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन बोले- कोरोना वायरस की महामारी को बेहद गंभीरता से लेना होगा, इटली अमेरिका की तरह फैला तो आर्थिक गतिविधि को आगे बढ़ाना हो जाएगा मुश्किल...

जनज्वार। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने संकेत दिया है कि अगर वह COVID-19 महामारी से जुड़े आर्थिक तनाव से निपटने के लिए सहायता मांगी जाती है तो वे देश की मदद करने को तैयार हैं। महामारी को रोकने के लिए देश व्यापी लॉकडाउन के साथ ही बैंकिंग और पर्यटन जैसे कई क्षेत्र जो पहले से ही गंभीर तनाव का सामना कर रहे हैं।

वश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी व्यवसाय अस्थायी रूप से बंद हो गए हैं। एनडीटीवी पर एक इंटरव्यू के दौरान जब उनसे पूछा गया कि यदि महामारी के दौरान आर्थिक मामलों में उनकी सहायता के लिए कहा जाए तो क्या वह भारत लौटेंगे? अमेरिका में पढ़ाने वाले रघुराम राजन ने एनडीटीवी से कहा कि इसका सीधा-सादा जवाब 'हां' है।

संबंधित खबर : कोरोना -क्या सोनिया गांधी और रघुराम राजन की सलाह मानेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ?

राजन ने कहा कि यदि कोरोना वायरस जैसे इटली और संयुक्त राज्य अमेरिका में फैल गया है, इसी तरह से फैलता है तो हमें इसे बहुत गंभीरता से लेना होगा। आपने देखा कि वायरस इन देशों में सार्वजनिक स्वास्थ्य पर जबरदस्त असर डाल रहा है, कई अस्पताल शवों से भर गए हैं। जब ऐसा हो रहा है तो निश्चित रूप से आर्थिक गतिविधि को आगे बढ़ाना मुश्किल है।

Full View के पूर्व गवर्नर ने कहा कि दुनिया निश्चित रूप से एक गहरी मंदी में है।' उम्मीद करते हैं, हम अगले एक साल में पलटाव देखेंगे लेकिन यह सब उन उपायों पर निर्भर करेगा जो हम पुनरावृत्ति (महामारी की) को रोकने के लिए करेंगे।

रकार ने बैंकों को ईएमआई को तीन महीने के लिए टाल दिया है। पर्यटन जैसे विमानन और संबंधित क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर वेतन कटौती की गई है और यहां तक ​​कि सभी उड़ानों को रोकने के बाद छंटनी की गई हैं और लोगों ने अपनी बुकिंग रद्द कर दी हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा कल राष्ट्र को संबोधित किया जाएगा, संभावना है कि लॉकडाउन को आगे बढ़ाया जाएगा।

Full View कहा कि भारत में कठिनाइयों का पहला संकेत अक्सर विदेशी मुद्रा में दिखता है। संभवतः भारतीय रिजर्व बैंक के कुछ समर्थन से अबतक अन्य उभरते बाजारों की तुलना में हमारा विनिमय दर (एक्सचेंज रेट) काफी स्थिर रहा है। मुझे कहना चाहिए कि हमारी डॉलर के मुकाबले कीमत कम हुई है। लेकिन आप जानते हैं कि ब्राजील जैसे देश 25 फीसदी नीचे चले गए हैं। हम उस स्थिति में नहीं हैं।

संबंधित खबर : मोदी सरकार ने 3 साल में बदले 3 आरबीआई गवर्नर

पिछले साल अक्टूबर में राजन ने कहा केवल 'आंतरिक सामंजस्य और आर्थिक विकास' ही भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने में मदद करेगा न कि बहुसंख्यकवाद।

Tags:    

Similar News