पूर्व IPS ने कहा चौराहे पर पोस्टर लगाकर हमारी मॉब लिंचिंग करवाना चाहती है योगी सरकार

Update: 2020-03-11 05:22 GMT

पूर्व आईपीएस ने कहा, योगी सरकार पोस्टर लगा कर हम लोगों की माब लिन्चिंग करवाना चाहती है क्योंकि हम लोग लोकतंत्र बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं...

जनज्वार। लखनऊ में योगी सरकार द्वारा सड़कों पर CAA हिंसा में शामिल बताकर दर्जनों लोगों के होर्डिंग्स लगाये गये थे। इन लोगों से CAA प्रदर्शन में दंगा फैलाने के जुर्म और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के कारण वसूली की घोषणा योगी सरकार पहले कर चुकी थी, हालांकि अब कोर्ट इस मामले में सख्त हुआ है और होर्डिंग हटाने का निर्देश सोमवार 9 मार्च को जारी किया।

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जिन लोगों की तस्वीरें दंगाई के बतौर होर्डिंग्स में लगी हैं, उनमें पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी, एक्टिविस्ट सदफ़ जफर और दीपक कबीर भी शामिल हैं और सरकार का कहना है कि संपत्ति के नुकसान को वह इन लोगों से वसूलेगी।

होर्डिंग्स में अपराधियों की तरह तस्वीरें चिपकाये जाने पर पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी कहते हैं कि 'योगी सरकार पोस्टर लगा कर हम लोगों की माब लिन्चिंग करवाना चाहती है क्योंकि हम लोग लोकतंत्र बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं लड़ेंगे, जीतेंगे...'

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सी ही आशंका कई अन्य लोग भी जता रहे हैं, जिनका नाम होर्डिंग्स में बतौर दंगाई योगी सरकार घोषित कर चुकी है।

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ससे पहले भी दारापुरी कह चुके हैं कि यह आरोप योगी सरकार की तरफ से लगाया गया है और उसी के आदेश के बाद हम लोगों की फोटो होर्डिंग में बतौर दंगाई लगायी गयी हैं। जबकि अदालत में साबित नहीं हुआ है कि हमने किसी तरह की तोड़फोड़ की थी या फिर हम हिंसा में शामिल हैं। दूसरी बात यह कि जब हम न फरार हैं और न अदालत साबित कर पायी है कि किसी तरह की हिंसा में हमारा हाथ है तो योगी सरकार की तरफ से लगाये गये ये होर्डिंग्स गैरकानूनी हैं।

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सआर दारापुरी ने पहले भी कहा है, हम लोगों को बदनाम करने और टारगेट करवाने के इरादे से हमारे पोस्टर योगी सरकार द्वारा लगाए गए हैं। इसमें हमारी मानहानि भी और हमारी लाइफ और लिबर्टी भी है, उसको भी बहुत बड़ा ख़तरा पैदा हुआ है। इस पॉइंट को लेकर इसको हम लोग हाईकोर्ट में चैलेंज करने जा रहे हैं।’

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