यूपी में छेड़खानी से त्रस्त युवती ने मांगी इच्छामृत्यु

Update: 2018-08-22 12:57 GMT

कहा जब सम्मान ही नहीं रहेगा तो जिंदगी किस काम की, नेता और सिस्टम दोनों हैं भ्रष्ट, शिकायत करने पर विधायक और पुलिस अधिकारी देते हैं झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी, जिंदगी बन चुकी है जहन्नुम, मुझे और मेरे परिवार को दें इच्छामृत्यु की अनुमति...

जनज्वार, गोरखपुर। छेड़खानी, बलात्कार, हिंसा की घटनाएं कितने बड़े पैमाने पर हो रही हैं, इसके गवाह हैं अखबारों में रोज छपने वाली खबरें, जिनसे अखबार पटे रहते हैं। ऐसे में अगर इन घटनाओं में शासन—प्रशासन भी बराबर का भागीदार—हिस्सेदार हो तो आखिर पीड़ित किसके दर पर न्याय की आस में जाएगा, मरने के अलावा विकल्प ही क्या बचेगा।

ऐसा ही एक मामला सामने आया है उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर में, जहां की एक लड़की ने छेड़खानी से आजिज आकर अपने और अपने परिवार के लिए पुलिस—प्रशासन के न सुनने, नेताओं की धमकी के बाद इच्छामृत्यु की मांग की है।

अमर उजाला में प्रकाशित एक खबर के मुताबिक इटावा थाना क्षेत्र के एक गांव की युवती ने प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को पत्र लिखकर कहा है कि 19 जून को गांव के एक युवा ने उनके घर में घुसकर उसके साथ छेड़खानी की। मेरी मां और बहन ने जब इसका विरोध किया तो उसने दोनों की बेरहमी से पिटाई कर दी।

जब इसके खिलाफ हमारे परिवार ने थाने में शिकायत दर्ज कराई तो पुलिस ने बजाय घर में घुसकर दबंगई से छेड़खानी और मारपीट की शिकायत के मामूली धाराओं में मारपीट की शिकायत दर्ज की और उस गुंडे युवा का चालान काटकर उसे छोड़ दिया।

छूटने के बाद उसने दोबारा से अपनी हरकतें जारी रखीं, मगर पुलिस ने कोई कान नहीं दिया। इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डीएसपी से करने पर 6 अगस्त को बयान के लिए एसपी के यहां बुलाया गया। वहां गांव का प्रधान और कोटेदार जिले के एक विधायक को लेकर पहुंचे थे, ताकि मेरे साथ छेड़खानी करने वाले युवक को बचा सकें।

एसपी ने मेरा और परिवार का बयान तो दर्ज कर लिया, मगर साथ ही धमकाया कि अगर परेशान करोगी तो झूठे मुकदमे में फंसा देंगे। एसपी के वहां मेरी शिकायत और आरोपी युवा को मिले संरक्षण के बाद उसकी हिम्मत और ज्यादा बढ़ गई। अब उसके घर वाले भी मुझे और मेरे परिजनों को डराने—धमकाने लगे हैं, हमारा जीना मुहाल कर दिया है। मगर पुलिस शिकायत के बावजूद इसलिए मौन है क्योंकि विधायक का खौफ है। विधायक आरोपी को संरक्षण दे रहा है।

आरोपी ने पत्र में आगे लिखा है कि अगर सम्मान ही नहीं बचेगा तो हम जीकर क्या करेंगे। ऐसी जिंदगी से तो मर जाना अच्छा है। सिस्टम और नेता दोनों भ्रष्ट हैं, शिकायत करने पर झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देती हैं, आखिर किससे न्याय की उम्मीद करें। ऐसे में सिवाय आत्महत्या के कोई विकल्प नजर नहीं आता। आपसे निवेदन है कि मुझे परिवार समेत इच्छामृत्यु की अनुमति दी जाए ताकि इस जिल्लत भरी जिंदगी से छुटकारा मिले, क्योंकि न्याय मिलना तो यहां नामुमकिन लगता है।

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