जनज्वार एक्सक्लूसिव : योगी सरकार के अफसरों की बाजीगरी, जिंदा महिला का ही बना दिया मृत्यु प्रमाण पत्र
कानपुर के जहानाबाद गांव एक पति ने जिंदा पत्नी का बना दिया मृत्यु प्रमाण पत्र, ग्रामीणों ने कहा ढाई साल से गांव में नहीं हुई किसी भी महिला की मौत, योगी सरकार के अधिकारियों, प्रधान और पति की मिलीभगत से बन गया प्रमाण पत्र...
कानपुर से मनीष दुबे की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट
जनज्वार कानपुर। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में चौंकाने वाला मामला सामने आया है। कानपुर की एक जीवित महिला का उसके पति ने इसलिए मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया ताकि उसकी 6 बीघा जमीन को हड़पा जा सके। जहानाबाद गांव के कीरत सिंह का पुरवा मजरे कपिलिहा गाँव में 15 जनवरी 2019 को श्रीमती सिया दुलारी पत्नी गंगाराम के नाम से एक मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया गया। मामला प्रकाश में तब आया जब उसके पति द्वारा उस जमीन का सौदा किया जाने लगा। ग्रामीणो के अनुसार सिया दुलारी एवं रामदुलारी एक ही स्त्री का नाम है। जबकि योगी सरकार के अधिकारियों ने ग्राम प्रधान और पति के साथ मिलीभगत करके महिला का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया।
गांव वालों का कहना है कि पिछले ढाई साल से गांव में बड़े से लेकर छोटे तक किसी भी महिला की मौत नहीं हुई है और यह प्रमाण पत्र पूरी तरीके से गलत हैं।
इस संबंध में जब तत्कालीन ग्राम पंचायत सचिव जीतेंद्र कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि किरतपुर के बीडीओ से तहकीकात करने के बाद जब मैं पूरी तरीके से आश्वस्त हो गया कि महिला की मृत्यु हो गई है। तब मैंने मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया जो कि एडीओ पंचायत अमौली के हस्ताक्षर से निर्गत हुआ है।
इस संबंध में जब एडीओ पंचायत अवधेश नारायण से बात हुई तो उन्होंने बताया कि मुझे अंधेरे में रखते हुए यह प्रमाण-पत्र जारी किया गया। यह कि पूरी तरीके से फर्जी है।
मैं इसकी जांच करने के लिए उप-जिलाधिकारी प्रहलाद सिंह के आदेश पर गांव आया हूं और इसे तुरंत प्रभाव से निरस्त करने के लिए उप-जिलाधिकारी को अपनी रिपोर्ट भेज रहा हूं। मृत्यु प्रमाण पत्र को यथाशीघ्र निरस्त किया जाएगा।
मामले को लेकर जब क्षेत्र पंचायत सदस्य विकास पाल, भूतपूर्व पंचायत सदस्य अरविंद कुमार, ग्राम पंचायत सदस्य जसवंत आदि लोगों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पंचायत सचिव और प्रधान द्वारा मोटी रकम लेकर उक्त प्रमाणपत्र जारी किया गया है।
सचिव की यह बात बिल्कुल निराधार है कि उनके द्वारा जानकारी लेने के बाद प्रमाणपत्र जारी किया गया है क्योंकि पिछले ढाई वर्षों से इस गांव में किसी भी महिला की मृत्यु नहीं हुई है।
मंगली निवासी कीरत सिंह के बेटे सियाराम ने बताया कि राम दुलारी की शादी कल्लू के साथ हुई थी। कल्लू के मरने के बाद राम दुलारी ने गंगाराम के बेटे शिव के साथ दूसरा विवाह कर लिया जिससे दो लड़के संतलाल, वरलारू और दो लड़कियां छेदी व सुमित्रा हैं, छेदी की शादी हो चुकी है।
सियाराम ने बताया कि गंगाराम ने कागजों में राम दुलारी का ही नाम सिया दुलारी करवा रखा है जबकि वास्तविकता यह है कि सिया दुलारी और रामदुलारी एक ही औरत का नाम है जो कि आज भी जीवित हैं। यदि आवश्यक समझा जाए तो डीएनए टेस्ट करवाकर इस मामले का निस्तारण किया जा सकता है।
यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि नजफगढ़ का जो प्रमाण पत्र जारी हुआ है वह 10 अगस्त 2019 को जारी किया गया है। जबकि, पंचायत सचिव द्वारा 15 जनवरी 19 को ही मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया था। इस संबंध में प्रधान ने भी एक फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया है। जिसको जारी करने की कोई भी तिथि अंकित नहीं की गई है। केवल यह प्रमाणित किया गया है कि 15 जनवरी 2019 को सिया दुलारी की मृत्यु हो गई है।
इस मृत्यु प्रमाण पत्र में गवाह के रूप में हस्ताक्षर करने वाला विजय पाल, गंगाराम के सगे चाचा का बेटा है जबकि दूसरा उमेश सगे रिश्तेदारों में से एक है। इस तरीके से उक्त दोनों ही प्रमाण पत्र शक के दायरे में हैं। इसी को आधार मानते हुए एडीओ पंचायत अवधेश नारायण ने उक्त मृत्यु प्रमाण पत्र को निरस्त करने की अनुशंसा उप जिलाधिकारी से की है।