हवाई जहाज से मजदूरों को लाना चाहते हैं हेमंत सोरेन, मोदी सरकार से से मांगी इजाजत
हमेंत सोरेन ने बताया कि विशेष ट्रेनों और बसों से प्रवासी श्रमिकों, छात्रों और अन्य लोगों को राज्य वापस लाने का सिलसिला लगातार जारी है और यह प्रक्रिया तब तक चलेगी, जब तक सभी प्रवासी श्रमिक सुरक्षित घर नहीं आ जाते हैं। सोरेन ने बताया कि करीब 60 हजार से ज्यादा श्रमिक घर लौट चुके हैं...
जनज्वार। राजधानी रांची में शुक्रवार को सीएम सोरेन ने कहा कि दूसरे राज्यों में फंसे श्रमिकों को लाने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इसके लिए सभी जरूरी संसाधनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा, "प्रवासी श्रमिकों को लाने के लिए हवाईजहाज का भी इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से अनुमति मांगी गई है।"
Time and again, I have reiterated our committment to bring home all stranded workers of Jharkhand. On 12th May, our Chief Secy wrote Union Home Secy, seeking necessary clearances to bring back 319 migrant workers stuck in Andaman & Nicobar Islands by two chartered flights. (1/2) pic.twitter.com/elx3S3krOC
— Hemant Soren (घर में रहें - सुरक्षित रहें) (@HemantSorenJMM)
?ref_src=twsrc^tfw">May 15, 2020
इस दौरान हमेंत सोरेन ने बताया कि विशेष ट्रेनों और बसों से प्रवासी श्रमिकों, विद्यार्थियों और अन्य लोगों को राज्य वापस लाने का सिलसिला लगातार जारी है और यह प्रक्रिया तब तक चलेगी, जब तक सभी प्रवासी श्रमिक सुरक्षित घर नहीं आ जाते हैं। इस बीच, मुख्यमंत्री सोरेन ने ट्वीट कर बताया कि झारखंड सरकार ने अब तक 110 ट्रेनों को एनओसी दे दी है और 50 ट्रेनों में लगभग 60 हजार से ज्यादा श्रमिक घर लौट चुके हैं।
मुख्यमंत्री सोरेन ने रेलमंत्री के एक ट्वीट को री-ट्वीट करते हुए लिखा, "झारखंड ने देश में सबसे पहले ट्रेन चलाने का आग्रह किया था। अब पुन: रेल मंत्रालय आपसे झारखंड के लिए अधिक से अधिक ट्रेन चलाने का अनुरोध करता हूं। अभी प्रतिदिन 4 से 6 ट्रेनें झारखंड आ रही हैं जो राज्य के लगभग 7 लाख श्रमिकों को वापस लाने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। आशा है कि आप इस मुद्दे पर ध्यान देते हुए राज्यवासियों की सहायता करेंगे।"
गौरतलब है कि कोरोना संकट के चलते देश में अचानक लगे लॉकडाउन के कारण लाखों की संख्या में लोग दूसरे राज्यों में फंस गए। लॉकडाउन में काम-धंधा बंद होने के कारण करोड़ों मजदूरों के सामने खाने-पीने की समस्या खड़ी हो गई, जिसके बाद हजारों मजदूरों ने पैदल ही घर चलना शुरू कर दिया। मजदूरों की हालत को देखते हुए देश में सबसे पहले झारखंड ने केंद्र सरकार से राज्य के फंसे लोगों को वापस लाने के लिए ट्रेन चलाने का आग्रह किया था, जिसके बाद लॉकडाउन में सबसे पहली ट्रेन झारखंड के लिए चलाई गई थी।