ये पूरा मामला तब सामने आया जब जयपुर से कुछ पक्षी विशेषज्ञ सामान्य स्टडी और फोटोग्राफी के लिए सांभर झील पहुंचे। वे झील में चारों ओर मृत पक्षियों को देखकर दंग रह गए..
जनज्वार, नई दिल्ली। जयपुर के सांभर झील में हजारों पक्षियों की अचानक मौत हो गई। इनकी मौत किस वजह से हुई है यह अभी तक साफ नहीं हो पाया है। लेकिन 25 अलग- अलग प्रजातियों के करीब आठ हजार से ज्यादा पक्षियों की मौत हो चुकी है। इनमें हिमालय, साइबेरिया, नॉर्थ एशिया समेत कई देशों से आने वाले प्रवासी पक्षी भी शामिल हैं। आचानक पक्षियों के मौत के बाद अंदाजा लगाया जा रहा है कि झील में किसी तरह कोई जहरीला केमिकल पहुंच गया है।
पिंक सिटी राजस्थान की राजधानी जयपुर में देश की सबसे बड़ी झील है। ‘सांभर’ विश्व विख्यात रामसर साइट है। इस झील में कई प्रजातियों के पक्षी पाये जाते हैं। बरसात के मौसम के बाद सांभर झील में अलग-अलग प्रजातियों के पक्षी बाहरी देशों से आते हैं। इन्हें देखने के लिये पक्षी प्रेमियों का जमावड़ा लगता है। लेकिन बीते कुछ दिनों में अचानक 8,000 हजार पक्षियों की मृत्यु हो गई है।
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इनमें हिमालय, साइबेरिया, नॉर्थ एशिया समेत कई देशों से आने वाले प्रवासी पक्षी भी शामिल हैं। नॉदर्न शावलर, पिनटेल, कॉनम टील, रूडी शेल डक, कॉमन कूट गेडवाल, रफ, ब्लैक हेडड गल, ग्रीन बी ईटर, ब्लैक शेल्डर काइट कैसपियन गल, ब्लैक विंग्ड स्टील्ट, सेंड पाइपर, मार्श सेंड पाइपर, कॉमस सेंड पाइपर, वुड सेंड पाइपर पाइड ऐबोसिट, केंटिस प्लोवर, लिटिल रिंग्स प्लोवर, लेसर सेंड प्लोवर इन सभी प्रजातियों की मृत्यु हो चुकी है।
ये पूरा मामला तब सामने आया जब जयपुर से कुछ पक्षी विशेषज्ञ सामान्य स्टडी और फोटोग्राफी के लिए सांभर झील पहुंचे। वे झील में चारों ओर मृत पक्षियों को देखकर दंग रह गए। इस बार अच्छी बरसात के बाद सांभर झील में पानी से भरी हुई थी, जिससे यहां आने वाले प्रवासी पक्षियों की संख्या में इजाफा होने की उम्मीद जताई जा रही थी। मौके पर मिले परिंदों के शवों से ऐसा अंदाजा़ लगाया जा रहा है कि आसपास की किसी फैक्ट्री ने इस झील में ऐसा ज़हरीला कचरा छोड़ा है जो बेजुबान पक्षियों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। पक्षियों के अधिकतर शव एक दिन पुराने हैं। वन विभाग को न तो मामले की खबर लगी, न ही किसी ने इस मामले में अबतक सुध ली है।
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ऐसा बताया जा रहा है सांभर साल्ट्स की ओर से एक मेडिकल टीम ने मौके पर पानी के सैंपल कलेक्ट किए हैं। ताकि नमूनों से पता लगाया जा सके कि पानी में क्या मिला है। यहां परिंदों के शवों का भी पोस्टमार्टम कर उनकी मौत की वजह पता करने की ज़रूरत है। ताकि बचे हुए हजारों पक्षियों को बचाया जा सके।
मौके पर पहुंचे पक्षी प्रेमी और विशेषज्ञों का कहना है कि हालात देखकर साफ नज़र आ रहा है, सांभर झील में किसी तरह का ज़हर पहुंच गया है। ज्यादातर ऐसे पक्षी मरे हैं, जिन्हें वेडर्स कहा जाता है, वेडर के मायने है कि वे पक्षी जो छिछले पानी के आसपास पानी और कीचड़ में अपना भोजन तलाशते हैं।