गैंगरेप के बाद नृशंसता से पेट्रोल डाल जला दी गयी महिला डॉक्टर की मां ने की मांग, सबके सामने जिंदा जला दो मेरी बेटी के हत्यारों को

Update: 2019-11-29 18:38 GMT

हैदराबाद गैंगरेप के बाद पेट्रोल डालकर मार दी गयी डॉक्टर की मां कहती हैं, पुलिस मेरे परिवार को दौड़ाती रही और उधर मेरी बेटी का बलात्कार कर उसे पेट्रोल डालकर मार डाला गया, समय पर पुलिस ने कार्रवाई की होती तो जिंदा होती मेरी बेटी...

जनज्वार। हैदराबाद में महिला डॉक्‍टर के साथ गैंगरेप के बाद रोंगटे कंपा देने वाले तरीके से पेट्रोल डालकर मार डालने के मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गैंगरेप के बाद पेट्रोल डालकर जान से मार दी गयी पीड़ित डॉक्टर प्रियंका रेड्डी की मां ने कहा कि मेरी बेटी को तभी न्याय मिलेगा और मुझे सुकून जब उसके हत्यारों और बलात्कारियों को जिंदा जलाया जायेगा।

पुलिस के मुताबिक जिन लोगों को डॉ. प्रियंका रेड्डी की हत्या और बलात्कार के मामले में गिरफ्तार किया गया है उनमें दो गाड़ी के ड्राइवर और एक क्लीनर शामिल हैं। आरोपी की पहचान मोहम्मद पाशा, नवीन, केशावुलु और शिवा के तौर पर की गयी है। पीड़‍िता प्रियंका रेड्डी की मां ने बलात्कार आरोपियों और अपनी बेटी के हत्यारों के पकड़े जाने पर पुलिस से मांग की है कि प्रियंका को इतनी नृशंस मौत देने वालों को जिंदा जला दिया जाये।

पीड़‍िता की मां ने कहा कि 'मेरी डॉक्टर बेटी बहुत मासूम थी। अब मैं चाहती हूं कि दोषियों को सबके सामने जिंदा जलाकर मौत के घाट उतारा जाये। घटना के बाद मेरी छोटी बेटी जब पुलिस के पास शिकायत लेकर गई तो बजाय उसकी सहायता करने के उसे दूसरे थाने भेज दिया गया। पुलिस ने पहले मेरी बेटी के मामले में कार्रवाई की होती तो शायद वो जिंदा होती, लेकिन पुलिस वालों ने यह कहकर पल्‍ला झाड़ दिया कि यह मामला उनके क्षेत्र में नहीं आता है। पुलिस मेरे परिवार को दौड़ाती रही और उधर मेरी बेटी का बलात्कार कर उसे पेट्रोल डालकर मार डाला गया।'

ब आरोपियों की इस मामले में गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने कहा कि वह जल्द ही अपराधियों को मीडिया के सामने एक्सपोज करेगी।

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गौरतलब है कि बलात्कार के बाद बुरी तरह जलाकर मार दी गयी 26 वर्षीय प्रियंका रेड्डी वेटेनरी डॉक्‍टर थी। वो बुधवार 27 नवंबर को कोल्लुरु स्थित पशु चिकित्सालय में ड्यूटी के लिए घर से निकली थीं। टोल प्‍याजा के पास उन्‍होंने अपनी स्कूटी पार्क की थी। अस्पताल से लौटते वक्त जब प्रियंका ने देखा कि उनकी स्कूली पंक्चर है तो उन्होंने अपनी बहिन को फोन करके घटना के बारे में बताया।

पीड़िता की बहन कहती है, 'उसने मुझे कॉल किया और कहा कि तुम थोड़ी देर मुझसे बात करती रहो। उसने मुझे पूरी घटना के बारे में बताया, फिर कहा कि उसे डर लग रहा है। मुझे लगा कि देर हो गई है, इसलिए वो ऐसा कह रही है। मैंने उससे कहा कि तुम टोल बूथ पर जाकर खड़ी हो जाओ, फिर मैंने कहा कि मैं 5 मिनट के बाद कॉल करती हूं। इसके बाद मैंने 15 मिनट के बाद उसे कॉल किया, तो उसका मोबाइल स्विच ऑफ हो गया। जब वो घर से जा रही थी तो मैंने देखा था कि उसके मोबाइल में सिर्फ 10 परसेंट चार्जिंग बची थी, तो मुझे लगा कि उसका मोबाइल शायद बंद हो गया होगा। इसके 15 मिनट बाद मैंने फिर से कॉल किया, तो मोबाइल फिर भी बंद था।'

​प्रियंका की ब​हन बताती हैं, 'मेरी मां ने कहा कि वो अभी तक घर नहीं लौटी है, तो मैं उसे देखने के लिए टोल प्लाजा तक गयी, मगर वो वहां नहीं मिली। मैंने पुलिस को कॉल किया, जिसके बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज देखी। टोल प्लाजा पर पहुंचते हुए उसे देखा गया, लेकिन बाद का फुटेज उसमें नहीं था। मगर इस बीच पुलिस ने कहा कि ये उनके पुलिस स्टेशन का मामला नहीं है किसी और थाने के अंदर वो इलाका आता है। वहां पहुंचते-पहुंचते रात के साढ़े तीन बज गए थे। मैं घर लौट आई और मेरे पापा दो सिपाहियों के साथ मेरी बहन की तलाश करते रहे। साढ़े पांच बजे वो भी वापस गए और सुबह मेरी बहिन की बुरी तरह जलायी गयी लाश बरामद हुई।'

प्रियंका के परिजन कहते हैं हमें थाने दर थाने दौड़ाने के बजाय अगर पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी होती तो शायद वो आज जिंदा होती।

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