कोरोना वायरस के बीच बिहार में कौओं और सूअरों की असमय मौत से हड़कंप

Update: 2020-03-23 15:22 GMT

जनज्वार।जहां दुनियाभर और ख़ुद बिहार में कोरना वायरस का आतंक है. बिहार सरकार ने बचाव के लिए पूरे राज्य में लॉकडाउन घोषित किया हुआ है. अभी तक राज्य में कोरना वायरस के कई संदिग्ध मामले आ चुके हैं. खबरों में दो मौतों के बारे में भी बताया जा रहा है. पूरे राज्य में संदिग्धों की जांच हो रही है. इसी बीच राज्य के कुछ इलाकों से ख़बर है कि एक साथ कई जंगली कौए मृत पाए जा रहे हैं या बेहोश हैं. हालिया हमला ज़िला रोहतास का है. ख़बर है कि रोहतास के कोआथ नगर पंचायत के बस स्टैंड के पास लगभग एक दर्जन कौए मरे हुए या बेहोशी की हालत में पाए गए.

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घटना की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय पशु चिकित्सक मौक़े पर पहुंचे और मृत कौए की जांच के लिए उसे कोलकता भेजा गया. राज्य में पाए जाने वाले कोरोना के संदिग्ध मामलों को भी जांच के लिए कोलकता ही भेजा जाता है. मृत कौए राज्य के दूसरे हिस्सों में भी देखे गए हैं और इसके बाद राज्य का पशुपालन विभाग हरकत में आ गया है. राज्यभर के पोल्ट्री फार्म्स को सर्विलांस पर रखा गया है. उनकी जांच की जा रही है. देखा जा रहा है कि कौओं की ही हो रही सामूहिक मौत और पोल्ट्री फार्म्स में पल रहे मुर्ग़े, मुर्गियों में कोई बीमारी तो नहीं फैल रही. ऐसा क्यों हो रहा है? कौए ये सूअर क्यों एक साथ मर रहे हैं? कौन सी बीमारी है? इनमें से किसी भी सवाल का जवाब फ़िलहाल किसी के पास नहीं है. राज्य में कौओं और सूअरों की मौत पर राज्य के पशुपालन विभाग ने आज अख़बारों में ऐड्स देकर सफ़ाई दी है. अख़बारों में विभाग की तरफ़ से छपे ऐड्स में आमजानों को कुछ सुझाव दिए गए हैं. पूरा ऐड नीचे देखें.

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सवाल ये उठता है कि एक तरफ़ तो देश में कोरना वायरस का संकट है. राज्य, देश और दुनियां के कई इलाकों में इस वायरस की वजह से मौतें हो रही हैं. इसे वैश्विक महामारी घोषित किया जा चुका है. ऐसे में बिहार में जंगली पक्षियों की मौत के क्या मायने हैं? विभाग भी इस बारे में फ़िलहाल कुछ भी साफ़-साफ़ कहने की स्थिति में नहीं है. इसी ऐड में लिखा हुआ है, "संपुष्टि हेतु रक्त नमूनों एवं अन्य जांच सामग्री आर.डी.डी.एल. कोलकता कि भेजा गया है, जिसके रिपोर्ट की प्रतीक्षा है. इससे पहले भी देखा गया है कि कई वायरस जानवरों से ख़ासकर इंसान के आसपास रहने वाले जानवरों से इंसान में फैलता है लेकिन जबतक इन मौतों की असल वजह का पता नहीं चलता तबतक कुछ भी कहना जल्दीबाज़ी होगा.

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