अधिकारियों ने योनि में इसलिए डंडा डाला कि कैदी मांग रही थी पूरा खाना

Update: 2017-06-28 10:39 GMT

गवाहों और प्रत्यक्षदर्शियों के आधार पर दर्ज हुए मुकदमे में कैदियों ने बताया है कि पांच महिला जेलरों ने पर्याप्त खाना मांग रही महिला कैदी को पहले नंगा किया और फिर योनि में डंडा डालकर मार डाला....

अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स में सागर राजपूत की लिखी खबर के मुताबिक भायखला जेल की महिला जेलरों ने 38 वर्षीय कैदी मंजुला शेटे की इसलिए बुरी तरह लाठी—डंडों से पीट—पीट कर और फिर उसकी योनि में डंडा डालकर हत्या कर दी कि वह जेल मैनुअल के मुताबिक सुबह के खाने में प्रति व्यक्ति 2 अंडे और पांच ब्रेड की मांग कर रही थी।

अखबार के अनुसार मंजुला को 23 जून की सुबह 9 जेल अधिकारियों के साथ उस समय विवाद शुरू हुआ जब वह अपने बैरक के सभी कैदियों का खाना लेने पहुंची। मंजुला के अच्छे व्यवहार के कारण 22 जून को उसे अपने बैरक का वार्डन बनाया गया था। वह एक वार्डन की हैसियत से कम खाना देने पर जेल अधिकारियों के समक्ष ऐतराज कर रही थी। उसने बताया कि कम खाने से रोगी लगातार बीमार और कुपोषित हो रहे हैं।

मंजुला की इस जिरह से नाराज जेल अधिकारी मनीषा पोखकर ने उसे अपने निजी कमरे में बुलाया। मनीषा पोखकर के कमरे में जाने के बाद साथी कैदियों ने मंजुला की जोरदार चीख—चिल्लाहट सुनी। उसके थोड़ी देर बाद मंजुला अपनी बैरक में आ गयी और यहां भी दर्द के मारे कराह रही थी।

प्रत्यक्षदर्शी कैदियों के अनुसार, 'कराह और चिल्लाहट को सुनने के बाद बैरक में पांच महिला अधिकारी आ धमकीं और फिर उन्होंने मंजुला का पीटना शुरू कर दिया। उसके बाद महिला कांस्टेबल शीतल शिवगांवकर, सुरेखा गुल्वे, वसीमा शेख, बिंदू नायकड़े और आरती शिंगड़े ने महिला कैदी मंजुला को पूरी तरह नंगा कर दिया। नंगा करने के बाद बिंदू और सुरेखा ने मंजुला की दोनों ओर से टांगें फैला दीं और वसीमा ने उसमें डंडा घुसेड़ दिया।

भायखाल जेल में कम खाना देने की कैदियों की आम शिकायत रही है। इसको लेकर भायखाल जेल में पहले भी कैदी भूख हड़ताल और आंदोलन पर जाते रहे हैं।

जेल में हुई मंजुला की हत्या के बाद वहां करीब 200 महिला कर्मचारियों ने जेल में आंदोलन और तोड़फोड़ की। आंदोलनकारियों में बेटी की हत्या के आरोप में बंद शाीना बोरा भी शामिल थीं। उनपर पुलिस ने दंगा भड़काने का मुकदमा दायर किया है, जबकि उनके वकील ने अदालत में शिकायत दी है कि जेल पुलिस ने उनके मुवक्किल के यौन हिंसा का प्रयास किया। उनके शरीर पर चोट के निशान हैं।

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