जनज्वार EXCLUSIVE : अहमदबाद में लगाए गए पेड़ों को ट्रंप के जाने के बाद उजाड़ रहा नगर निगम

Update: 2020-03-14 11:39 GMT

डोनाल्ड ट्रंप के दौरे से पहले मोटेरा इलाके में रास्ते के दोनों तरफ और डिवाइडर के ऊपर ये जो सुंदर पेड़ लगाए गए थे डोनाल्ड ट्रंप के वापस जाने के बाद अब अहमदाबाद नगर निगम ने उन पेड़ों उखाड़ना चालू कर दिया है..

अहमदाबाद से दत्तेश भवसार की रिपोर्ट

जनज्वार। बीते फरवरी माह में जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत दौरे के दौरान जब अहमदाबाद पहुंचे तो उनका जबरदस्त स्वागत किया गया था। उनके स्वागत और आवाभगत के लिए अहमदाबाद के मोटेरा इलाके में हजारों पेड़ लगाए गए थे। रास्ते के दोनों तरफ और डिवाइडर के ऊपर ये जो सुंदर पेड़ लगाए गए थे डोनाल्ड ट्रंप के वापस जाने के बाद अब अहमदाबाद नगर निगम ने उन पेड़ों निकालना चालू कर दिया है।

संबंधित खबर : ट्रंप के दौरे से पहले झुग्गियों में रहने वाले 45 परिवारों को घर खाली करने का मिला नोटिस

हमदाबाद नगर निगम के कर्मचारियों और अधिकारियों द्वारा शनिवार को डिवाइडर पर लगे पेड़ों को वापस निकालने का काम शुरु किया गया है। हालांकि इस दौरान कई पत्रकारों ने पेड़ निकालने का कारण पूछा तो तिलमिलाए कर्मचारियों ने बगलें झांकना शुरु कर दिया और आनन-फानन में पत्रकारों को गलत जानकारी दी कि पेड़ निकालकर फिर से गढ्ढे खोदकर लगाए जाएंगे। लेकिन लगे हुए पेड़ों को निकालकर फिर से लगाने का कोई भी उचित कारण नजर नहीं आता है।

 

हमदाबाद नगर निगम कई पेड़ों को निकालकर अपने वाहनों में भर दिए थे। मीडियाकर्मियों के आने से उन्होंने पेड़ वापस लगाने की बात की। यह बात किसी के भी गले नहीं उतर रही कि लगे हुए पेड़ निकाल के फिर गहरा गड्ढा करके लगाने से क्या फायदा है।

न पेड़ों को वापस निकालने से स्थानीय लोगों में भी नाराजगी दिख रही है लेकिन सत्ता के डर से कोई भी कैमरे के सामने बोलने को तैयार नहीं है। सारा सरकारी अमला अपने इष्ट देव की तरह ही चापलूसी में लगा हुआ है। 'हाथी के दांत खाने के एक और दिखाने के दूसरे' यह मुहावरा अहमदाबाद नगर निगम के ऊपर बिल्कुल फिट बैठता है।

Full View खबर : ट्रंप बितायेंगे अहमदाबाद में सिर्फ 3 घंटे, भारत सरकार खर्च करेगी 100 करोड़ से ज्यादा

ता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अहमदाबाद की झुग्गी-झोपड़ियां की वास्तविकता ना दिखे इसके लिए अहमदाबाद नगर निगम ने झुग्गियों को छिपाने के लिए दीवारें बनायी थीं। इसके बाद झोपड़ पट्टियों में रहने वाले सैकड़ों गरीबों को घरों को खाली करने का नोटिस दिया गया था। तब यह खबर स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में खूब छायी रही।

Tags:    

Similar News