महिला सशक्तीकरण कार्यक्रम में हिस्सा लेने आई दलित महिला पर पेट्रोल छिड़क पति ने लगा दी आग, लोग बने रहे तमाशबीन

Update: 2018-05-01 19:48 GMT

बुरी तरह झुलसी महिला की हो गई मौत, पिता बोले कोई नहीं आया मेरी बेटी को बचाने आगे

केरल। मोदी सरकार नारा देती है बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, मगर महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा के मामलों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है, यानी यह बात सिर्फ कागजों में दर्ज करने के लिए है कि महिलाएं सेफ होंगी।

कल 30 अप्रैल के दिन में जो घटना घटी है, उसके बारे में सोचकर ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। केरल के त्रिशूर में एक महिला जो कि सरकार के महिला सशक्तीकरण कार्यक्रम में हिस्सेदारी करने पहुंची थी, वहीं पर उसके पति ने पेट्रोल छिड़ककर उस पर आग लगा दी। महिला मदद की गुहार लगाती रही, मगर कोई भी मदद को आगे नहीं आया।

एक तरफ महिला सशक्तीकरण के लिए आयोजित इस कार्यक्रम में ढेरों लोग शिरकत करने आए थे और दूसरी तरफ एक महिला जल रही थी, मगर कोई भी उसे बचाने आगे नहीं आया, न ही उसके पति के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई। बीवी को जलाने के बाद आरोपी पति मौके से फरार हो गया।

घटनाक्रम के मुताबिक जिस दलित महिला जीतू के पति ने उसे पेट्रोल डालकर आग के हवाले कर दिया, वह उससे जल्द से जल्द तलाक मांग रहा था। पुलिस के मुताबिक शुरुआती जांच में यह भी सामने आया है कि विराजू ने रिश्ता ठीक न रहने के बाद जीतू का किसी और से भी प्रेम प्रसंग चल रहा था जो विराजू को सहन नहीं हो रहा था। 6 साल पहले उन दोनों की शादी हुई थी, मगर इस दंपती का कोई बच्चा नहीं था।

शुरुआती छानबीन के बाद पुलिस ने बताया कि आशंका है कि आरोपी पति ने अपनी बीवी को जान से इसलिए मार दिया क्योंकि वह उस पर पहले तलाक के लिए दबाव डाल रहा था। जब जीतू ने उसे तलाक नहीं दिया तो उसने पेट्रोल छिड़ककर उसे आग के हवाले कर दिया जिसमें उसकी जान चली गई। पुलिस कहती है कि आरोपी पति को पकड़कर उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

मगर असल सवाल यह है कि जब दलित महिला पर पेट्रोल छिड़ककर उसे आग के हवाले किया जा रहा था और वह मदद के लिए गुहार लगा रही थी, तब वहां मौजूद लोगों खासकर महिला सशक्तीकरण कार्यक्रम में आयोजित अतिथियों ने उसकी कोई मदद क्यों नहीं की।

घटनास्थल पर मौजूद एक प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक पंचायत कार्यालय में एक अस्थायी कर्मचारी के बतौर काम करने वाली जीतू नाम की महिला सरकार की गरीबी उन्मूलन एवं महिला सशक्तीकरण कार्यक्रम 'कुडुम्बश्री' की बैठक में शामिल होने के लिए अपने पिता के साथ आई थी। वहां पहुंचे उसके पति विराजू ने अचानक उस पर पेट्रोल उड़ेल दिया और उस पर आग लगा दी।

मीडिया को दिए बयान में जीतू के पिता जनार्द्धन ने बताया कि जब यह दिल दहलाने वाजी घटना घटी उस वक्त वहां पर पंचायत सदस्य और कुडम्बश्री कार्यकर्ता मौजूद थे लेकिन कोई भी मदद के लिए आगे नहीं आए। सभी लोग तमाशा देख रहे थे। मेरी बेटी जल रही थी और सब लोग जैसे कोई नाटक देख रहे थे, मेरी बेटी सहायता की गुहार लगाते लगाते मौत के मुंह में समा गई।

मौके पर मौजूद उसके पिता ने बेटी को बचाने की काफी कोशिश की, जिसमें वह खुद भी झुलस गए। जनार्दन बेटी को अस्पताल भी ले गए, मगर तब तक बहुत देर हो चुकी थी। महिला बुरी तरह झुलस चुकी थी। हालांकि आज सुबह इलाज के दौरान मरने से पहले जीतू ने पति के खिलाफ बयान भी दर्ज कराया।

मीडिया में आ रही खबरों और पुलिस के मुताबिक इस दंपती में रोज—रोज लड़ाई झगड़ा होता रहता था, जिस कारण दोनों कुछ समय से अलग अलग रह रहे थे। इनका कोई बच्चा भी नहीं था। इनकी तलाक प्रक्रिया शुरू होने वाली थी, मगर उससे पहले ही विराज ने बीवी की दिनदहाड़े सबके सामने जलाकर जान ले ली। (फोटो मातृभूमि से)

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