महिला विधायक के प्रवेश के बाद मंदिर धुलवाया गंगाजल से, मूर्ति का कराया इलाहाबाद से शुद्धीकरण

Update: 2018-07-31 12:44 GMT

मंदिर का पुजारी बोला, मैं मौके पर नहीं था मौजूद, वहां रहता तो किसी हाल में नहीं करने देता किसी महिला को मंदिर में प्रवेश

जनज्वार। 21वीं सदी में जी रहा हमारा देश धर्म के नाम पर कितने पाखंड और भ्रमों में जियेगा, यह सोचकर ही हैरानगी होती है। क्योंकि कभी धर्म के नाम पर यहां कोई किसी की जान लेने से नहीं चूकता तो दलितों को इंसान की श्रेणी में रखा ही नहीं जाता। महिलाओं का हाल भी हमारे दकियानूस, पिछड़े समाज में कुछ ऐसा ही है, चाहे फिर उसने कितनी ही उंचाइयां क्यों न छू ली हों।

हालिया मामला योगी राज में उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में घटित हुआ है, जिसे सुनकर हैरानगी होती है। मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक भाजपा विधायक यहां एक मंदिर में दर्शन करने क्या गईं, मंदिर को अपवित्र मान लिया गया। मंंदिर शुद्धीकरण के नाम पर न सिर्फ उसे विधायक के जाने के बाद धुलवाया गया बल्कि मूर्ति को शुद्ध करने के लिए इलाहाबाद भेज दिया गया।



इतना ही मंदिर को गंगाजल से धोने और मूर्ति शुद्धीकरण के बाद फिर से मूर्ति स्थापित कर इलाके में भंडारा किया गया। गौरतलब है कि मनीषा अनुरागी राठ सीट से भाजपा विधायक हैं और 12 जुलाई को वो हमीरपुर जिले के धूम्र ऋषि में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने गई थीं।

राठ इलाके के मुस्करा खुर्द गांव में स्थित इस मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर हमेशा से रोक है। मान्यता और ग्रामीणों के मुताबिक इसे महाभारतकाल का मंदिर माना जाता है। कार्यक्रम समाप्त होने पर अपने कार्यकर्ताओं के आग्रह पर मनीषा अनुरागी मंदिर दर्शन करने गई थीं औश्र मनीषा उस चबूतरे पर भी चढ़ीं जहां ऋषि तपस्या करते थे। जैसे ही ग्रामीणों को इस बात का पता चला तो वो आक्रोशित हो गए और विधायक के जाने के बाद वहां जमकर हंगामा भी हुआ।

मंदिर का पुजारी कहता है, 'अभी तक इस मंदिर में किसी महिला ने प्रवेश नहीं किया था। जिस वक्त मनीषा अनुरागी मंदिर पहुंचीं उस वक्त मैं वहां मौजूद नहीं था, अगर रहता तो किसी भी हालत में महिला विधायक को मंदिर के अंदर ही नहीं घुसने देता।'

खुद के प्रवेश के बाद मीडिया से मंदिर धुलवाने और मूर्ति शुद्धीकरण की जानकारी मिलने की घटना से आक्रोशित भाजपा विधायक मनीषा अनुरागी कहती हैं, 'मुझे नहीं पता था कि मंदिर में महिलाओं के आने पर रोक है। मुझे इस मान्यता के बारे में भी कतई जानकारी नहीं थी। मेरे जाने के बाद मंदिर को गंगाजल से धुलवाया गया, मुझे इस बारे में भी कोई जानकारी नहीं थी। मगर गांव के लोगों का ऐसा करना महिलाओं के लिए बहुत बड़े अपमान की बात है।'

Tags:    

Similar News