कठुआ मामले की नहीं होगी सीबीआई जांच, सुप्रीम कोर्ट ने केस किया पठानकोट ट्रांसफर
कहा जांच किसी के दबाव में न हो प्रभावित इसलिए लिया यह फैसला, जम्मू कश्मीर सरकार को दिया आदेश नियुक्त करे स्पेशल प्रॉसीक्यूटर, जबकि आरोपियों की तरफ से की जा रही थी सीबीआई जांच की मांग
दिल्ली। देश को हिलाकर रख देने वाली घटना जिसमें जम्मू कश्मीर के कठुआ में 8 साल की बच्ची के साथ हुए सामूहिक बलात्कार के बाद उसकी नृशंस हत्या कर दी गई थी, में सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों की तरफ से की जा रही सीबीआई जांच की मांग को ठुकरा दिया है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने राज्य से बाहर पठानकोट में यह जांच ट्रांसफर कर दी है। गौरतलब है कि मृतक बच्ची के पिता ने इस मामले की जांच को चंडीगढ़ ट्रांसफर करने की अपील कोर्ट से की थी।
आज इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू एवं कश्मीर सरकार को केस के लिए स्पेशल प्रॉसीक्यूटर नियुक्त करने का आदेश देते हुए कहा कि मामले की अगली सुनवाई 9 जुलाई को की जाएगी।
गौरतलब है कि 8 वर्षीय बच्ची के साथ कठुआ के मंदिर में हुए बलात्कार और नृशंसता से की गई हत्या के बाद आरोपी लगातार मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग कर रहे थे, बल्कि दबाव बना रहे थे। वहीं गैंगरेप के बाद मौत के घाट उतार दी गई बच्ची के परिजनों ने मीडिया से कहा था कि वह इस मसले पर क्राइम ब्रांच की जांच से संतुष्ट हैं। बस उन्हें आरोपी सांझीराम और अन्य से जान का खतरा है। पुलिस उन्हें खुले में न छोड़े, नहीं तो वह हमारा भी बहुत बुरा हस्र करेंगे।
आज से पहले कठुआ मसले पर की गई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने पीड़ित और बचाव पक्ष की अपील पर 26 अप्रैल को सुनवाई की थी। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा था कि इस केस में 7 मई तक किसी भी अदालत में सुनवाई नहीं की जाएगी। साथ ही यह भी आश्वासन दिया था कि अगर कहीं से भी ऐसा लगता है कि इस जांच को प्रभावित करने की कोशिशें की जा सकती हैं तो सुप्रीम कोर्ट बिना देरी के केस को ट्रांसफर कर देगा। और हुआ भी हू—ब—हू यही।
गौरतलब है कि जम्मू पुलिस का कहना है कि गैंगरेप के बाद बच्ची को नृशंसता से मारने वाले मामले के मुख्य आरोपी सांझीराम अपना गुनाह कबूल कर चुका है।
कठुआ मामले की सुनवाई को जम्मू कश्मीर के बाहर ट्रांसफर करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 'फेयर (Fair) और फियर (Fear) एक साथ अस्तित्व में नहीं रह सकते, इसलिए इसकी जांच पठानकोट स्थानांतरित की जाती है। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा फेयर ट्रायल का मतलब स्पीडी ट्रायल भी है, इसलिए ट्रायल 'डे-टू-डे', यानी रोज़ाना होगा, जिसमें सुनवाई को टाला नहीं जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, मामले का ट्रायल 'इन-कैमरा' होगा, और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ट्रायल की निगरानी की जाएगी। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने सभी बयानों का अंग्रेज़ी में अनुवाद करने का आदेश दिया है। अब ट्रायल रणबीर पीनल कोड के आधार पर चलेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू एवं कश्मीर सरकार को केस के लिए स्पेशल प्रॉसीक्यूटर नियुक्त करने का आदेश देते हुए कहा कि राज्य सरकार कठुआ में बच्ची के साथ हुए गैंगरेप कांड के गवाहों के बयान दर्ज कराने के लिए उन्हें पठानकोट ले जाए और उनका खर्च वहन करे।