यूपी में सुबह के 4 बजे तक खुलेंगी शराब की दुकानें, लेकिन 20 करोड़ के राज्य में एक भी लाइब्रेरी नहीं जो खुलती हो रातभर

Update: 2020-01-28 08:02 GMT

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश में बड़े शहरों में बार में 2 बजे तक तथा फाइव स्टार होटलों में सुबह 4 बजे तक खुले रखने का फैसला किया है, जिसमें लखनऊ नोएडा समेत कई शहर शामिल है, सिर्फ लखनऊ में ही अगर बार की तुलना में पढ़ने वाले छात्रों के लिए लाइब्रेरी के खुलने का समय देखा जाए तो कोई भी लाइब्रेरी ऐसी नहीं है..

चेतना चौधरी के साथ लखनऊ से नरेश कुमार, इलाहाबाद से मनीष भारद्वाज की रिपोर्ट

जनज्वार। उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में नई आबकारी नीति का ऐलान किया है। इस नीति में उन्होंने शराब को नए बड़े मॉल में बेचने की इजाजत दी है। उनका कहना है कि दुकानों पर लोगों को शराब खरीदते समय शर्म महसूस होती है तो वह मॉल से शराब खरीद सकें। सवाल यह है जिन छात्रों को रातभर पढ़ने के लिए रातभर लाइब्रेरी की आवश्यकता है क्या उत्तर प्रदेश की योगी सरकार उसके लिए भी चिंतित है। उत्तर प्रदेश में मौजूद विश्वविद्यालयों में लाइब्रेरियों का क्या हाल है और उन्हें 24 घंटे खोला जा रहा है या नहीं। जनज्वार की टीम ने इसकी पड़ताल की।

ई यूनिवर्सिटीज में छात्राओं के लिए शाम के समय के बाद लाइब्रेरी का उपयोग करना ही नामुमकिन है। सुरक्षा व्यवस्था नहीं होने के कारण छात्राएं शाम के बाद लाइब्रेरी ही नहीं जा पाती हैं। देश की लगभग हर यूनिवर्सिटी के छात्रों की मांग रही है की रात को पढ़ने के लिए लाइब्रेरी की सुविधा दी जाए लेकिन कभी सरकारों ने इस मांग पर गौर या चर्चा तक नहीं की है।

Full View वाराणसी लोकसभा सीट ने देश को कई प्रधानमंत्री दिए हैं और कई कई नेताओं को सत्ता के शीर्ष तक पहुंचाया है। वहां मौजूद बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी में छात्रों के लगातार प्रदर्शनों के बाद भी 24 घंटे लाइब्रेरी नहीं खोला जा रहा है। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के शोध छात्र विजेंद्र मीणा बताते हैं कि यूनिवर्सिटी में दो लाइब्रेरी हैं जिसमें एक का खुलने का समय सुबह 9 बजे से रात को 9 बजे तक रहता है व दूसरी साइबर लाईब्रेरी है उसका समय सुबह 8 से रात के 11 बजे तक रहता है। इस समय को लेकर विद्यार्थियों ने हमेशा से इसको 24 घंटे खोलने के मांग करते हुए लगातार एक महीने तक रात दिन प्रदर्शन किया है।

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विजेंद्र आगे बताते हैं, 'प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने पुस्तकालय के बंद होने के बाद बाहर खुले में स्ट्रीट लाइट में पढ़ना जारी रखा लेकिन उन्हें जबरदस्ती वहां से हटा दिया गया। उनके प्रदर्शन को गैरकानूनी घोषित करके उन पर कार्यवाही की गई। लेकिन आज भी लगातार पिछले 4 सालों से वे अपनी मांग पर अड़े हुए हैं और अपने विश्वविद्यालय के साथ ही सरकार तक उन्होंने अपनी बात को पहुंचाने का प्रयास किया है लेकिन सरकार ने कभी इस पर सुनवाई नहीं की। साइबर लाइब्रेरी एशिया की बड़ी लाइब्रेरियों में से एक है।'

देश के इतिहास में बनारस पढ़ाई के लिए महत्वपूर्ण केंद्र रहा है लेकिन अबतक की सभी सरकारें छात्रों के धरने - प्रदर्शनों और आंदोलनों को नजरअंदाज करती रही हैं। बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के शोध छात्र गोविन्द कुमार ने कहते हैं, 'अगर पढ़ेंगे, जानेंगे तो सवाल उठाना सीखेंगे जो कि सरकार कभी नहीं चाहेगी। छात्र पढ़ें-लिखें लाइब्रेरियां रातभर खुलें इस बात पर सरकार का कभी ध्यान ही नहीं रहा है।मनुष्य के लिए रोटी कपड़ा और मकान प्राथमिक आवश्यकता रही है। वर्तमान समय में शिक्षा और स्वास्थ्य मनुष्य की महत्वपूर्ण जरूरत बन चुकी है।'

गोविंद आगे कहते हैं, 'इन जरूरतों के लिए सरकार को मनुष्य की शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए बजट को बढ़ाने के साथ-साथ कई आवश्यक नीतियां बनाने की जरूरत है, जिससे कि मनुष्य के जीवन स्तर में सुधार हो सके जबकि देखा जाए तो सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य को पीछे छोड़कर अन्य गैरजरूरी कार्यों के लिए अपने बजट का प्रावधान ज्यादा किया है और शिक्षा का बजट कम किया है।'

Full View विश्वविद्यालय में हिंदी के शोधार्थी मुकेश यादव बताते हैं कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय की सेंट्रल लाइब्रेरी सुबह 8 बजे से रात को 10 बजे तक खुली रहती है। एक छात्र हैं अनुपम पाठक जो सखा लाइब्रेरी में पढ़ने जाते हैं। सखा लाइब्रेरी जो मंफोर्डगंज में है जो रात को 11 बजे तक खुली रहती है। आरपी लाइब्रेरी जो न्यू कटरा में है ये भी रात को ग्यारह बजे तक खुली रहती है।

सके बाद जब हमने उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के लाइब्रेरी के बारे में जानना चाहा तो वहां भी ठीक ऐसा ही हाल देखने को मिला। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के एक छात्र ने बताया कि यूनिवर्सिटी की मौलाना आज़ाद लाइब्रेरी सुबह 8 बजे से लेकर रात के 2 बजे तक खुली रहती है। यूनिवर्सिटी के छात्रों की हमेशा मांग रही है कि लाइब्रेरी को रात भर खोला जाए ताकि स्टूडेंट्स रात भर पढ़ सकें। सुरक्षा कारणों को देखते हुए अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की छात्राएं रात में मौलाना आज़ाद लाइब्रेरी में जाकर नहीं पढ़ पाती हैं।

लीगंज स्थित स्कॉलर्स लाइब्रेरी की लाइब्रेरियन का बताती हैं कि लाइब्रेरी सुबह 7 से 2 तथा 2 बजे से रात 10 बजे तक खुलती है। बारा चंदन गंज स्थित ओपन बुक लाइब्रेरी सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक खुलती है। सिंगार नगर आलमबाग स्थित बौद्ध शांति उपवन पब्लिक लाइब्रेरी का समय सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक है। जैसा कि लाइब्रेरियन ने बताया की इंदिरा नगर स्थित आदि देव पब्लिक लाइब्रेरी सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक खुलती है।

लीगंज स्थित कपूरथला सेंट्रल लाइब्रेरी तीन शिफ्ट में चलती है। लाइब्रेरी के एक कर्मचारी ने बताया कि लाइब्रेरी का समय क्रमशः पहला शिफ्ट सुबह 8 बजे से 3 बजे तक दूसरा 3 बजे से रात 10 बजे तक और तीसरा रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक है। लखनऊ में यही एकमात्र लाइब्रेरी है जिसे हम कह सकते हैं कि 24 घंटे में 22 घंटे खुलती हैं।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कई पब्लिक लाइब्रेरी हैं। कुछ प्रमुख लाइब्रेरी का समय और विवरण इस प्रकार है-

विंद्र नाथ टैगोर लाइब्रेरी लखनऊ विश्वविद्यालय में स्थित है। यहां के भूतपूर्व छात्र अभिषेक मिश्रा का कहना है कि यह लाइब्रेरी 10 बजे से 5 बजे तक खुलती है। इसे सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक खुलने का विचार किया गया है। निराला नगर में स्थित श्री मां शारदा लाइब्रेरी जिसे रामकृष्ण मिशन द्वारा संचालित किया जाता है। इसका समय सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक है। कैसरबाग स्थित अमीरुद्दौला पब्लिक लाइब्रेरी का समय भी सुबह 11:30 से 7 बजे तक है।

Full View स्थित ब्रिटिश काउंसिल लाइब्रेरी जो कि एक बड़ी लाइब्रेरी थी वह बंद हो चुकी है। लाइब्रेरी एनबीआरआई जोकि नेशनल बोटैनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट की लाइब्रेरी है यहां ट्रेनिंग कर रही एक ट्रेनी ने बताया की लाइब्रेरी सुबह 9:30 से शाम 6 बजे तक खुलती है। महानगर स्थित उत्तर प्रदेश राजकीय अभिलेखागार की लाइब्रेरी का समय भी 10 से 6 बजे तक है।

हात्मा गांधी मार्ग हजरतगंज स्थित लखनऊ लाइब्रेरी का समय सुबह 11:30 से शाम 6:00 बजे तक है। नरही हजरतगंज स्थित आचार्य नरेंद्र नाथ लाइब्रेरी का समय सुबह 10:30 बजे से शाम 6:00 बजे तक है। अमीनाबाद स्थित गंगा प्रसाद वर्मा स्मारक पुस्तकालय का समय सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक है।

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त्तर प्रदेश की योगी सरकार ने शराब की तस्करी रोकने के लिए यूपी आबकारी मदिरा एवं पावर एल्कोहल संचालन नियमावली 2019 को भी मंजूरी दे दी है। जिन गाड़ियों से शराब को लाया ले जाया जाता है, उन पर पूरी नजर बनाकर रखी जाएगी ताकि शराब की तस्करी को रोका जा सके। शराब लाने ले जाने के लिए जिन गाड़ियों का इस्तेमाल किया जायेगा उनके निगरानी के लिए ई-ट्रांजिट परमिट के अलावा वाहनों को जीपीएस व आरएफआईडी, फास्ट टैग सिस्टम से लैस किया जाएगा।

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