यूपी की महिला शिक्षक अब दुल्हनें भी सजायेंगी : योगी सरकार का फरमान
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28 जनवरी को 'मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना' के तहत सिद्धार्थनगर में सामूहिक विवाह का आयोजन होना है, जिसमें 20 महिला शिक्षकों की ड्यूटी दुल्हनों का मैकअप करने के लिए लगायी गयी है...
जनज्वार। योगी सरकार हमेशा अपने अजीबोगरीब आदेशों के चलते सुर्खियों में रहती है। अब एक ऐसा आदेश सामने आया है, जिसने हर किसी को हतप्रभ कर दिया है। योगी सरकार ने महिला शिक्षकों की ड्यूटी दुल्हनों का मेकअप करने के लिए लगायी है, जिसकी सोशल मीडिया पर बहुत आलोचना हो रही है और सरकार द्वारा जारी किया गया सर्कुलर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उन महिला शिक्षकों का नाम शामिल है जिनकी ड्यूटी दुल्हन सजाने के लिए लगी है।
टाइम्स आफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक, उत्तर प्रदेश स्थित ब्लॉक एजुकेशन आफिसर ने 20 महिला शिक्षकों की ड्यूटी 'मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना' में मेकअप के लिए लगाने का एक आर्डर आज 27 जनवरी को जारी किया है। गौरतलब है कि कल 28 जनवरी को 'मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना' के तहत सिद्धार्थनगर में सामूहिक विवाह का आयोजन होना है, जिसमें 20 महिला शिक्षकों की ड्यूटी दुल्हनों का मैकअप करने के लिए लगायी गयी है।
ब्लाक एजुकेशन आफिसर ध्रुव प्रसाद ने महिला शिक्षकों के लिए जो आदेश जारी किया है उसमें नाम के साथ स्पष्ट शब्दों में लिखा है कि वे लोग विवाह स्थल पर 28 जनवरी को सुबह 9 बजे पहुंच जायें और दुल्हनों को तैयार करें।
इस मसले पर यूपी प्राइमरी टीचर एसोसिएशन के सुशील पांडे कहते हैं, 'यह बिल्कुल आश्चर्यजनक है कि सरकार द्वारा महिला शिक्षकों को पढ़ाने के बजाय दुल्हन सजाने का आदेश जारी किया जाता है।'
जिन 20 महिला शिक्षकों की ड्यूटी दुल्हन तैयार करने के लिए लगाई गयी है, वे कहती हैं कि उन पर आरोप लगाया जाता है कि वे अच्छे स्तर—गुणवत्ता की शिक्षा बच्चों को नहीं देतीं। सरकार को लगता है कि चूंकि हम छुट्टियां करती हैं और सरकारी शिक्षकों के पास काम बहुत कम है इसलिए मैकअप का काम हमें थमा दिया, जो सरासर हमारी बेइज्जती है।
ब्लाक एजुकेशन आफिसर द्वारा जारी की गयी आदेश की कॉपी शेयर करते हुए जेएनयू में शिक्षक तारा शंकर लिखते हैं, 'ये देखिये यूपी सरकार की सनक! अब महिला शिक्षकों की सरकार द्वारा आयोजित सामूहिक विवाह कार्यक्रम में दूल्हन को सजाने की ड्यूटी लगायी जा रही है।'
गौरतलब है कि पहले से ही प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों को पढ़ाई के अलावा दर्ज़नों गैरशैक्षणिक कार्य चुनाव ड्यूटी, मिड डे मील बँटवाना, बाल गणना करना, जनगणना करना, बच्चों का खाता खुलवाना, बच्चों का आधार कार्ड बनवाना, निःशुल्क कॉपी-किताब-जूते-वर्दी लाना और फिर बँटवाना और इन सबका हिसाब रखना, हिसाब का ऑडिट करवाना और जब भी पूछा जाए उसका जवाब देना, दवायें देना, टीके लगवाना, जैसे काम थमा दिये जाते हैं, वैसे में मैकअप का काम भी थमा देना निश्चित तौर पर हास्यास्पद है।