बलात्कार पीड़ित नाबालिग ने की आत्महत्या, एसएसपी ने कहा था नहीं हुआ है गैंगरेप
एसएसपी ने कहा था नाबालिग लड़की पहले से ही जानती थी एक आरोपी को, नहीं हुआ था बलात्कार, जिसके बाद कल रात कर ली लड़की ने फांसी लगाकर आत्महत्या...
जनज्वार। किस तरह के निर्मम समाज में जी रहे हैं जहां एक बच्ची बलात्कार की रिपोर्ट लिखवाने थाने जाती है तो पुलिस वाले बजाय उसकी रिपोर्ट दर्ज कर अपराधियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के उस पर दबाव बनाते हैं कि समझौता कर लो। बाद में बलात्कार के दूसरे दिन पुलिस अधिकारी बयान देते हैं कि लड़की के साथ बलात्कार हुआ ही नहीं है।
यह घटना घटी है जुर्म और बलात्कारों के पर्याय बन चुके उत्तर प्रदेश के योगी राज में। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक उत्तर प्रदेश के बदायूं में एक नाबालिग गैंगरेप पीड़िता ने कल रात 22 अगस्त को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है।
जानकारी के मुताबिक, तीन दिन पहले 20 अ्गस्त को के थाना मूसाझाग क्षेत्र में बंधक बनाकर एक किशोरी को तीन युवकों ने अगवा कर लिया और स्कूल में उसके साथ गैंगरेप किया। नाबालिग लड़की स्कूल के बाहर बेहोशी की हालत में मिली थी। जब इसकी सूचना पीड़िता के परिजनों ने पुलिस को दी तो उसने परिजनों पर समझौते का दबाव बनाया और बाद में एसएसपी की तरफ से मीडिया को दिए गए बयान में कहा गया कि नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप जैसी कोई घटना नहीं हुई है। परिजनों के मुताबिक इसी बात से आहत हो उनकी सामूहिक बलात्कार पीड़ित लड़की ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
घटनाक्रम के मुताबिक बदायूं के थाना मूसाझाग में 20 अगस्त को गांव के ही तीन दबंगों ने नाबालिग के साथ पहले तो गैंगरेप किया और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी। मामला अगले दिन तब सामने आया जब पीड़िता अपने परिवार के साथ थाने शिकायत दर्ज करने पहुंची। परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि जब उन्होंने इस जघन्य कांड की एफआईआर करवाने के लिए कहा तो पुलिस ने उनको काफी देर बैठाकर रखा और समझौते का दबाव बनाया और जब परिजन समझौते के लिए तैयार नहीं हुए तो पुलिस ने गैंगरेप की बात को ही मानने से इनकार कर दिया।
पुलिस ने 22 अगस्त को दावा किया कि मेडिकल रिपोर्ट में गैंगरेप की पुष्टि नहीं हुई है और न ही पीड़िता के शरीर पर किसी प्रकार के कोई चोट या मारपीट के निशान हैं। यही नहीं पुलिस की तरफ से यह भी कहा गया कि नाबालिग लड़की पहले से ही एक आरोपी को जानती है। पुलिस की तरफ से यह बयान जारी होने के बाद ही बलात्कार पीड़िता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
गौरतलब है कि बदायूं जिले का मूसाझाग थाना बलात्कार के मामले में पहले से काफी बदनाम है। वर्ष 2014 में 31 दिंसबर की रात थाने के एक कमरे में दो सिपाहियों ने एक युवती के साथ बलात्कार किया था। इस घटना ने प्रदेश ही नहीं पूरे देश को बदनाम किया था। इसके बाद यहां कई और गैंगरेप की वारदातें हुई थीं। अब गैंगरेप की घटना के बाद नाबालिग लड़की की आत्महत्या ने पुलिस विभाग को एक बार फिर कटघरे में खड़ा कर दिया है।