महाराष्ट्र : आदिवासी गांवों में फैली है बच्चा चोरी की अफवाह, गलतफहमी में 3 लोगों की लिंचिंग

Update: 2020-04-19 14:54 GMT

गुरुवार 16 अप्रैल को महाराष्ट्र के पालघर के एक आदिवासी गांव के लोगों ने बच्चा चोर समझकर तीन लोगों की कर ली थी लिंचिंग, पुलिस ने करीब 100 लोगों को हिरासत में लिया....

जनज्वार। महाराष्ट्र के पालघर जिले के गडचिनचले गांव में गुरुवार 16 अप्रैल की रात आदिवासियों ने कथित तौर पर बच्चा चोर होने के शक में दो लोगों के साथ उनके ड्राइवर पर हमला कर दिया था जिसके बाद उन्होंने दम तोड़ दिया। भीड़ ने लाठियों से पीटने से पहले उनपर पथराव किया था। वहीं अब इस मामले में करीब 100 लोगों को हिरासत में लिया गया है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक,न्होंने कासा पुलिस को बताया है कि पीड़ित चोर थे। पालघर जिले में आदिवासी गाँवों में प्रवासियों द्वारा लूटपाट किए जाने की अफवाह फैली हुई है। मृतकों की पहचान कांदीवली के सुशील गिरी महाराज, जयेश और नरेश यलगडे के रूप में हुई है। ये लोग किराये की गाड़ी से सूरत में किसी की अंत्‍येष्टि में शामिल होने जा रहे थे।

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पीआई आनंदराव ने कहा, पुरुष नासिक से एक इको वैन में यात्रा कर रहे थे। वाहन दाभड़ी खावेल रोड पर था तभी लगभग दो सौ आदिवासियों की भीड़ ने उन्हें रोका। आदिवासियों ने यात्रियों से पूछताछ की और फिर उनकी पिटाई शुरु कर दी। ड्राइवर ने पुलिस को फोन किया लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। उनके साथ भी मारपीट की गई।

पुलिस मौके पर पहुंची और भीड़ ने उसको भी निशाना बना दिया। पुलिस वैन को भी नुकसान पहुंचाया गया। आईपीसी और आपदा प्रबंधन अधिनियम और महामारी रोग अधिनियम की धारा 188 (अवज्ञा), 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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तीन दिन पहले एपीआई काले और एक ठाणे स्थित त्वचा चिकित्सक सहित चार कासा पुलिसकर्मी घायल हो गए थे जब पालघर के एक गाँव के आदिवासियों ने उन पर पथराव किया। डॉक्टर विश्वास वालवी जो कासा के सारनी गांव में एक चिकित्सा शिविर का आयोजन कर ररहे थे, उन्हें गलती से चोर समझ लिया गया था।

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