यूपी के प्रतापगढ़ में ओलावृष्टि और तूफान से तबाही, 500 से ज्यादा गांव प्रभावित

Update: 2020-03-14 14:30 GMT

ओलावृष्टि के साथ हवा के तेज झोंकों से प्रतापगढ़ जिले के कई गांवों में पेड़, बिजली के खंभे और मोबाइल टावर धराशाई हो गये। 100 से अधिक गांवों में विद्युत आपूर्ति भी प्रभावित हो गयी है...

जनज्वार ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में कुदरत के कहर से किसानों को बड़ा नुकसान पहुंचा है। भारी ओलावृष्टि से जिले के करीब 500 से अधिक की संख्या में गांव प्रभावित हुए हैं। लालगंज, सदर और रानीगंज तहसील में किसान इस कहर से पूरी तरह से प्रभावित हुए हैं। कुंडा और पट्टी तहसील क्षेत्र के भी कई गांव ओलावृष्टि से प्रभावित हुए हैं।

लावृष्टि का सिलसिला बुधवार 11 मार्च की मध्यरात्रि से शुरू हुआ जो गुरूवार की दोपहर तक जारी रहा। रात में करीब 17 मिनट और दिन में भी करीब 20 मिनट तक लगातार ओलावृष्टि हुई। ओलावृष्टि से गेंहू, मटर, सरसों और चना की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गयी। गेहूं की बालियां टूटकर नीचे जा गिरी हैं।

Full View के साथ हवा के तेज झोंके भी चले। इससे कई स्थानों पर पेड़, बिजली के खंभे और मोबाइल टावर धराशाई हो गये। 100 से अधिक गांवों में विद्युत आपूर्ति भी प्रभावित हो गयी है। कई स्थानों पर जर्जर मकानों को भी क्षति पहुंची है। जिलाधिकारी रूपेश कुमार ने ओलावृष्टि से हुई फसलों की क्षति का आंकलन करने के लिए संबंधित क्षेत्र के उप-जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है।

कुदरत के इस कहर से मानधाता विकासखंड के बरिस्ता त्रिलोकीपुर गांव के स्वर्गीय राम नारायण सिंह का मकान भरभरा कर गिर पड़ा। मां और बहन को घर से बाहर निकालते समय विजय सिंह घायल हो गए। हादसे के बाद परिवार ने पड़ोसियों के यहां भागकर जान बचाई। परिवार के लोग इससे अब तक सहमे हुए हैं।

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बीती रात प्रतापगढ़ जिले मे भारी बारिश आंधी तूफान और ओलावृष्टि से तबाही का मंजर सराय ग्राम सभा में भी देखने को मिला। इस कहर के बाद हरिनारायण यादव के घर को क्षति पहुंची है। वो बेघर हो गए हैं और उनके गाय का एक पैर भी टूटा है।

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