तिहाड़ के हिंदू जेलर ने मुस्लिम कैदी की पीठ पर जबर्दस्ती गुदवा दिया 'ओम'
देख लेने की धमकी देने के बाद सुपरिटेंडेंट राजेश चौहान ने कुछ लोगों के साथ मिलकर नबीर को पीटा और उसकी पीठ पर धातु गर्म करके करीब पांच इंच बड़ा ओम का निशान दगवा दिया...
जनज्वार। भाजपानीत मोदी राज में क्या हमारा देश पूरी तरह उग्र हिंदू राष्ट्र में तब्दील हो चुका है, या फिर अल्पसंख्यक वर्गों के लिए तथाकथित लोकतांत्रिक देश में कुछ बचा है। ऐसा इसलिए क्योंकि इन पांच सालों में जहां मुस्लिमों की मॉब लिंचिंग की घटनाओं के भयावह आंकड़े सामने आए हैं, वहीं कथित गौहत्या के नाम पर भी अब तक न जाने कितने मुस्लिमों को मौत के घाट उतार दिया गया है।
मगर अब इसी कड़ी में एक बिल्कुल अलग तरह का मामला सामने आया है। दिल्ली की तिहाड़ जेल में चूंकि कैदी मुस्लिम था, इसलिए उसे उसकी सजा दी जेलर महोदय ने। कैदी की शिकायत के मुताबिक तिहाड़ की जेल के हिंदू जेल सुपरिंटेंड यानी जेलर ने जबरन उसकी पीठ पर ओउम का टैटू बनवा दिया।
एएनआई में प्रकाशित खबर के मुताबिक तिहाड़ जेल में बंद मुस्लिम कैदी नबीर ने कड़कड़डूमा अदालत में शिकायत दर्ज की है कि जेल अधीक्षक राजेश चौहान ने उसकी पीठ पर 'ओम' का टैटू बनवा दिया। राजेश चौहान ने यह हरकत जान-बूझकर की, क्योंकि वह जानता था कि नबीर मुस्लिम है। वहीं इस मामले में तिहाड़ जेल के डीजी का कहना है कि "नबीर की पीठ पर जबरन टैटू उकेरने वाले मामले की इनक्वायरी डीआईजी रहे हैं। कैदी को फिलहाल दूसरी जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। मामले की विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी जाएगी।'
नबीर का कहना है कि उसे मुस्लिम होने की सजा उसकी पीठ पर जबरन ओम उकेरकर दी गई है।
कैदी के साथ हुई इस धार्मिक ज्यादती का सोशल मीडिया पर तरह-तरह का विरोध होने लगा है। लोग मांग कर रहे हैं कि जेल अधीक्षक को जल्द से जल्द निलंबित कर उस पर कड़ी कार्रवाई की जाए। वरिष्ठ पत्रकार पंकज चतुर्वेदी लिखते हैं, 'दिल्ली की तिहाड़ जेल में जेल नम्बर 4 के जेलर का कारनामा। हिन्दू राष्ट्र के समर्थक हैं जेलर साहब। एक मुस्लिम विचाराधीन कैदी की पीठ पर ओम खोद दिया।'
जैद बर्नी ट्वीट करते हैं, अब तो चौकीदार से लेकर एक अफसर तक सब आतंकी हैं।
वहीं Invincible नाम से बने ट्वीटर एकाउंट से ट्वीट किया गया है कि कुछ हिंदू खुश हो रहे हैं कि अच्छा हुआ। लेकिन एक एक मुस्लिम हिंदू के साथ करता तो क्या होता। सुपरिंटेंडेंट को सस्पेंड कर देना चाहिए। इनके बाप का कानून नहीं है। सबको पता है पुलिस आप जनता के साथ कैसा बिहेव करती है।'
न्यूज स्टेट में छपी खबर के मुताबिक कैदी नबीर का कहना है कि यह धार्मिक ज्यादती उसके साथ 17 अप्रैल को की गई। गौरतलब है कि न्यू सीलमपुर के रहने वाले नबीर को आर्म्स सप्लाई के केस में न्यायिक हिरासत में रखा गया है। नबीर को जेल नंबर-4 के हाई रिस्क वार्ड में रखा गया था, हालांकि उसे तिहाड़ से परिजनों को निर्धारित अवधि में फोन करने का अधिकार दिया गया था। 17 अप्रैल को उसने अपने परिजनों से फोन पर कहा कि उसके साथ जेल में दुर्व्यवहार किया जा रहा है।
उसके बाद कल 18 अप्रैल को जब नबीर को न्यायिक हिरासत में कड़कड़डूमा कोर्ट में पेश किया गया तो उसके वकील जगमोहन परिजन वहां पहुंचे। यहां उसके वकील एडवोकेट जगमोहन ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट रिचा परिहार को अपने मुवक्किल की शिकायत से अवगत कराया। मजिस्ट्रेट ने लॉकअप के अंदर ही कैदी की पीठ पर दागे गए ओम के निशान के फोटो खिंचवाये। साथ ही कैदी के वकील की अर्जी पर तिहाड़ प्रशासन को 24 घंटे में इस मामले में जवाब तलब करने का निर्देश भी जारी किया।
बकौल नबीर उसने जेल द्वारा उपलब्ध करवाए गए इंडक्शन चूल्हे के खराब होने की शिकायत कई बार की थी, जिससे नाराज होकर सुपरिंटेंडेंट राजेश चौहान ने उसे अपने ऑफिस में बुलाकर धमकाया कि 'तू बहुत शिकायत करता है और यहां का नेता बनता है, आज तुझे हम सबक सिखाएंगे।'
धमकी देने के बाद सुपरिटेंडेंट ने कुछ लोगों के साथ मिलकर नबीर को पीटा और उसकी पीठ पर धातु गर्म करके करीब पांच इंच बड़ा ओम का निशान दगवा दिया। नबीर की पीठ पर सिगरेट से दागे जाने के निशान भी मौजूद हैं। नबीर का कहना है कि उसे जेल में दो दिन भूखा रखा गया और यह सब सुपरिटेंडेंट के आदेश पर हुआ, क्योंकि जेलर ने ही अपने अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देश दिया था कि नबीर से व्रत रखवाया जाये।