जनज्वार खास : मुंबई में 'ना बैंड बाजा-ना बारात' वाली अनोखी शादियों की शुरुआत

Update: 2019-11-11 08:42 GMT

उत्तर यादव युवा संघ के कार्यकर्ताओं ने लगातार कई दिन तक बैठक कर "न बैड बाजा-न बारात" की निकाली एक अनोखी तरकीब और कर दी इस तरह की शादियों की शुरुआत, अब गरीबों के लिए शादी टेंशन का विषय न होकर वाकई खुशियां देने वाला आयोजन हो रहा है सा​बित...

भिवंडी से सुरेश यादव की रिपोर्ट

महाराष्ट्र, जनज्वार। महंगाई और फिजूलखर्ची के इस चरम दौर में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए शादी-ब्याह का भारी-भरकम खर्च उठा पाना मुश्किल काम होता जा रहा है। मगर मायानगरी मुंबई में महंगाई और फिजूलखर्ची को मात देने की एक अनोखी तरकीब स्वाजातीय संगठन उत्तर यादव युवा संघ मुंबई ने निकाली है, जिसकी चौतरफा चर्चा है।

उत्तर यादव युवा संघ, मुंबई ने बिना बैंड बाजा और बारात वाली शादियों को प्रोत्साहन देने का काम किया है और इसके लिए पहलकदमी भी ​ली है। यह शादियां वाकई लोगों के लिए टेंशन फ्री साबित हो रही हैं।

त्तर यादव युवा संघ के राष्ट्रीय प्रवक्ता और संयोजक आचार्य सूरजपाल यादव कहते हैं, पिछले दो दशक से भी अधिक समय से हमारा संगठन मुंबई और आसपास के इलाकों में सक्रिय है। हमने समाज के रचनात्मक कार्यों को बढ़ावा देने का काम शुरू किया है, जिसमें हारा संगठन समाज के सहयोग से काफी हद तक सफल रहा है।

सूरजपाल यादव कहते हैं, मायानगरी मुंबई मे भी गरीब वर्ग रहता है, जिनके लिए महंगाई और फिजूलखर्ची के इस दौर में शादी ब्याह काफी टेंशन भरा काम हो गया है। हमारा संगठन लम्बे समय से प्रयास में था कि मुंबई में में समाज के लोगों का सामूहिक विवाह समारोह आयोजित किया जाये और एक साथ कई जोड़ों का यहां विवाह संपन्न हो, लेकिन भरसक कोशिशों के बावजूद हम सफल नहीं हो पा रहे थे।

सके पीछे वजह बताते हुए सूरजपाल यादव कहते हैं, 'शादी की बातचीत तय होने के बाद दोनों पक्षों के लोग लम्बा इन्तजार नहीं करना चाहते हैं। वे लोग हमारे सामूहिक विवाह समारोह की तय तारीख तक इन्तजार करने मे आनाकानी कर रहे थे, इसलिए संगठन के लोगों ने लगातार कई दिन तक बैठक कर चर्चा की और "न बैड बाजा-न बारात" की एक अनोखी तरकीब निकालकर इस तरह की शादियों की शुरुआत की, जिससे शादी टेंशन का विषय न होकर वाकई खुशियां देने वाला आयोजन बन गया।

चार्य सूरजपाल यादव बताते हैं, लोग शादी-ब्याह की तारीख तय कर संगठन के "सामूहिक विवाह समिति" को सूचित कर देते हैं। समिति के पदाधिकारी नजदीक के और सर्वसुलभ किसी मंदिर या सार्वजनिक स्थल पर शादी संपन्न कराने के लिए दिन सुनिश्चित करते हैं। समिति की पूरी टीम शादी के इन्तजाम और तैयारी में वर—वधू दोनों पक्षों का भरपूर सहयोग करते हुए शादी संपन्न करवाती है।

शादी में न बैंड बाजा होता है और न ही भारी भरकम संख्या वाले बाराती। वर वधू पक्ष से सिर्फ चुनिंदा लोग ही होते हैं। पिछले कई साल से भिवंडी, मुंबई, थाणे और कल्याण, अंबरनाथ आदि शहरों में अलग अलग जगह पर इस तरह की शादियों के कई आयोजन उत्तर यादव युवा संघ द्वारा किये जा चुके हैं, जिनकी चर्चा मुंबई ही नहीं, बल्कि पूरे देश में हो रही है।

बिना बैंड-बाजा-बारात वाली शादियों का ऐसे किया जा रहा प्रचार

हंगाई और फिजूलखर्ची से निपटने की यह तरकीब लोगों को खूब भा आ रही है और लोग इस तरह के शादी समारोह की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। संघ द्वारा पालघर जिले के वाडा तहसील में केलटन गाँव स्थित शिर्डी के साईंबाबा प्रतिकृति साईंबाबा मंदिर में संतोष यादव सुपुत्र श्यामनारायण यादव और नीलम यादव सुपुत्री घनश्याम यादव का विवाह संपन्न करवाया, जिसकी वहां उपस्थित अतिथियों द्वारा खूब सराहना की गयी।

स अवसर पर संघ के राष्ट्रीय महासचिव विजय बहादुर यादव, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष लालमणि यादव, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष झुल्लुर यादव, कार्यक्रम नियोजन समिति अध्यक्ष सभाजीत यादव, भिवंडी जिलाध्यक्ष रामदेव यादव, समाजसेवी नवदीप यादव, बिरहा गायक चंद्रजीत यादव, गायिका प्रियंका गुप्ता, समाजसेवी पीडी यादव, डॉ. एनएल यादव, चंद्रभान यादव, राजेन्द्र यादव, सुग्गीदेवी यादव, सुनीता यादव, सुरेश यादव, रमेश यादव, भोलानाथ गुप्ता, सुनील यादव समेत दर्जनों लोग मौजूद रहे। न बैंड बाजा— न बारात वाली इस असाधारण शादी को सफल कराने में मनोज यादव का विशेष सहयोग रहा।

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