भाजपा के साथ आते ही 70,000 करोड़ के सिंचाई घोटाले में आरोपी अजित पवार का दामन हो गया साफ

Update: 2019-11-25 14:22 GMT

महाराष्ट्र के नये उपमुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजित पवार को 70,000 करोड़ के सिंचाई घोटाले में सीबीआई से मिली क्लीनचिट, नौ अन्य केस भी हुए बंद...

जनज्वार। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार को सीबीआई ने सिंचाई घोटाले सहित कुल 9 मुकदमों से बरी कर दिया है। सीबीआई ने कहा सिंचाई घोटाले से संबंधित 3000 प्रोजेक्ट्स जांच के घेरे में हैं और इनमें से 9 मामलों को सबूतों के अभाव में बंद कर दिया गया है। अभी तक जिन टेंडर की जांच की गई है, उनमें एसीबी को अजीत पवार के खिलाफ कुछ भी नहीं मिला है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने बीजेपी पर तंज कसते हुये कहा, ‘अजित पवार द्वारा महाराष्ट्र के ‘प्रजातंत्र चीरहरण अध्याय’ की असलियत उजागर’।

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हाराष्ट्र में सियासत को लेकर खींचतान जारी है। 23 नवंबर को महाराष्ट्र में चौंकाते हुए अजीत पवार ने बीजेपी के साथ मिलकर उपमुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभाल लिया है। देवेंद्र फडणवीस को बतौर मुख्यमंत्री दोबारा राज्य की कमान सौंप दी गई है।

सियासत में इस कदर उलटफेर हुआ कि जो देवेंद्र फडणवीस अजीत पवार को चक्की पिसवा रहे थे। उन्ही के साथ मिलकर दोबारा मुख्यमंत्री बन गये।

देवेंद्र फडणवीस को याद करते ही उनकी एक बात य़ाद आती है जो उन्होंने 2014 चुनाव प्रचार में कही थी। ‘अगर हमारी सरकार आयी तो अजीत दादा जेल में चक्की पीसिंग एंड पीसिंग’ लेकिन उपमुख्यमंत्री बनने के महज 48 घंटे बाद ही 70,000 करोड़ के सिंचाई घोटाले समेत कुल 9 मामलों से अजीत पवार को बरी कर दिया गया।

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स बीच एसीबी ने सफाई दी है कि जिन मामलों को बंद किया गया है वो अजीत पवार से जुड़े नहीं हैं। महाराष्ट्र एसीबी ने सोमवार को कहा कि उसने 9 मामलों को बंद कर दिया है। ये मामले अजित पवार से जुड़े हुए नहीं हैं।

जीत पवार को क्लीनचिट मिलते ही कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि भाजपा-अजित पवार द्वारा महाराष्ट्र के प्रजातंत्र चीरहरण अध्याय की असलियत उजागर हुई। एक नाजायज सरकार द्वारा एंटी करप्शन ब्यूरो को सब मुक़दमे बंद करने का आदेश, खाएंगे और खिलाएंगे भी क्योंकि ये ईमानदारी के लिए ‘जीरो टॉलरन्स’ वाली सरकार है। मोदी है तो मुमकिन है।

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चुनाव के नतीजे आने के बाद बीजेपी और शिवसेना गठबंधन की सरकार में बंधने वाले थे लेकिन शिवसेना इस बार महाराष्ट्र को अपना मुख्यमंत्री देना चाहती था लेकिन ये प्रस्ताव बीजेपी ने स्वीकार नहीं किया। शिवसेना अकेले रह गई रातों – रात बीजेपी ने शरद पवार के भतीजे अजित पवार के साथ मिलकर सरकार का गठन कर लिया।

हाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को चुनाव हुये थे और 24 अक्टूबर को नतीजे आये थे। शिवसेना को 2019 विधानसभा चुनाव में 56 सीटें मिली थी तो बीजेपी को 103 सीटें मिली थी। गद्दी को लेकर विवाद काफी लंबे समय तक चला लेकिन किसी की सरकार नही बनने के कारण। 12 नवबंर को राष्ट्रपति शासन लागू हो गया।

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