महाराष्ट्र में हुआ 'राज नीति' का सबसे बड़ा खेल, फडणवीस फिर से मुख्यमंत्री और एनसीपी के पवार बने डिप्टी सीएम
मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद देवेंद्र फडणवीस बोले, हमने साथ चुनाव जीता था और शिवसेना पीछे हट गई, महाराष्ट्र को स्थिर शासन की जरूरत थी, इसलिए हम एनसीपी के साथ आए हैं...
जनज्वार। राजनीति को इसीलिए 'राज नीति' कहा जाता है क्योंकि यहां कब कौन सा उलटफेर हो जाये कहना मुश्किल है। जैसे कि महाराष्ट्र में देखने में आया है। चर्चाओं का बाजार गर्म था और राजनीतिक विश्लेषकों का भी यही मानना था कि सत्ता इस बार शिवसेना के उद्धव ठाकरे संभालेंगे, मगर आज 23 नवंबर को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सुबह करीब 8 बजे देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिला दी।
भाजपा नेता और महाराष्ट्र में इससे पहले भी मुख्यमंत्री रहे देवेंद्र फडणवीस का दोबारा गद्दी संभालना राजनीतिक विश्लेषकों के लिए भी आश्चर्यजनक है, क्योंकि अभी तक इसकी आशंका भी व्यक्त नहीं की जा रही थी। गौरतलब है कि भाजपा ने महाराष्ट्र में एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनायी है। अजित पवार को डिप्टी सीएम बनाया गया है।
गौरतलब है महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की बैठकें लगातार गठबंधन की सरकार बनाने को लेकर हो रही थीं, हालांकि मुख्यमंत्री के नाम पर अंतिम फैसला नहीं हो पाया था, मगर शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा था कि उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बनने को तैयार हैं। उससे पहले तीनों पार्टियों की मीटिंग के बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा था कि जहां तक मुख्यमंत्री की बात है, उस पर कोई कन्फ्यूजन नहीं है, बेशक उद्धव ठाकरे को ही सरकार को लीड करना चाहिए, मगर यह बयानबाजी करने वाले शरद पवार ने पूरा खेल बदलते हुए पाला बदल लिया और भाजपा को समर्थन देकर महाराष्ट्र में एक बार फिर देवेंद्र फडणवीस सरकार बना दी।
इस बार महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों के लिए पिछले महीने 21 अक्टूबर को इलेक्शन हुए थे और 24 अक्टूबर को रिजल्ट आया था। महाराष्ट्र में किसी भी पार्टी को पूर्ण जनादेश नहीं मिला था इसलिए किसी भी पार्टी की तरफ से जब सरकार बनाने के लिए पहलकदमी नहीं ली गयी तो राज्य में 12 नवंबर को राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। यह स्थिति इसलिए भी आई थी क्योंकि भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना मुख्यमंत्री पद की मांग कर रही थी और भाजपा ने जब इस बात को नहीं माना तो उसने 30 साल पुराना गठबंधन तोड़ दिया।
महाराष्ट्र में दोबारा देवेंद्र फडणवीस की सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई देते हुए कहा, देवेंद्र फडणवीस जी और अजित पवार जी को क्रमशः मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर बधाई। मुझे विश्वास है कि वे महाराष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य के लिए लगन से काम करेंगे।
मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने कहा, 'हमने साथ चुनाव जीता था और शिवसेना पीछे हट गई। महाराष्ट्र को स्थिर शासन की जरूरत थी, इसलिए हम एनसीपी के साथ आए हैं। हम राज्य को एक स्थिर सरकार देंगे।' फडणवीस बोले, 'महाराष्ट्र को खिचड़ी सरकार की जरूरत नहीं थी। शिवसेना ने जनादेश का अपमान किया, इसलिए हमें यह कदम उठाना पड़ा।
वहीं डिप्टी सीएम की शपथ लेने के बाद अजित पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में किसानों की समस्या हमारी प्राथमिकता है। चुनाव परिणाम के दिन से ही कोई भी पार्टी सरकार बनाने की स्थिति में नहीं थी। महाराष्ट्र कई समस्याओं का सामना कर रहा है, जिसमें किसानों का मुद्दा शामिल है। इसलिए हमने एक स्थिर सरकार बनाने का फैसला किया है।
एनसीपी के भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने को शिवसेना ने बहुत गलत बताया है। शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि अजित पवार कल शाम तक हमारे साथ बैठक कर रहे थे, लेकिन आज सुबह डिप्टी सीएम पद की शपथ लेने पहुंच गए।उन्होंने महाराष्ट्र की जनता की पीठ पर छुरा घोंपा है।