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राजनीति

खुलासा : भाजपा ने चुनाव प्रचार के लिए 'टेरर फंडिंग' की आरोपी कंपनी से लिया था 10 करोड़ का चंदा

Nirmal kant
22 Nov 2019 7:56 PM IST
खुलासा : भाजपा ने चुनाव प्रचार के लिए टेरर फंडिंग की आरोपी कंपनी से लिया था 10 करोड़ का चंदा
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भाजपा ने चुनाव आयोग कोदी वित्तीय जानकारी, टेरर फंडिंग की आरोपी कंपनी आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स लिमिटेड से लिया था करोड़ों का चंदा, फिर चुनाव प्रचार में किया इस धन का इस्तेमाल...

जनज्वार। भारतीय जनता पार्टी अबतक के चुनावों में आतंकवाद के नाम पर वोट मांगकर खुद को देशभक्त पार्टी बताती रही है लेकिन इसी पार्टी को लेकर अब चुनाव आयोग ने एक बड़ा खुलासा किया है। दरअसल आरकेडब्लू डेवलपर्स लिमिटेड नाम की एक कंपनी ने साल 2014-15 में भाजपा को 10 करोड़ की मोटी रकम दी थी। इस रकम का इस्तेमाल भाजपा ने चुनाव प्रचार के दौरान भी किया।

ता दें कि प्रवर्तन निदेशालय अभी आरकेडब्लू डेवलपर्स कंपनी से इस बात की जांच कर रहा है कि क्या 1993 मुंबई बम धमाकों के आरोपी इकबाल मेमन उर्फ इकाबाल मिर्ची ने उससे संपत्ति खीरीद है। समाचार वेबसाइट द वायर की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक 2014-2015 में आरकेडब्ल्यू ने भाजपा को 10 करोड़ का चंदा दिया था। यह कंपनी दिवालिया हो चुकी है। ये कंपनी दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) से जुड़ी हुई है। इसका खुलासा कोबरापोस्ट ने जनवरी 2019 दिया था।

भाजपा को कई कंपनियां चंदा देती रहती हैं लेकिन आरकेडब्ल्यू पहली एसी कंपनी है जिसने सबसे अधिक चंदा दिया है। इससे पहले खुलासा हुआ था कि टाटा ट्रस्ट ने 2017-18 में 7 करोड़ का चंदा दिया था लेकिन यह बस इतना ही नहीं है। ईडी ने इकबाल मिर्ची की संपत्तियां खरीदने के लिए कंपनी सनब्लिंक रियल एस्टेट को आरोपी घोषित किया है। सनब्लिंक रियल एस्टेट साझा डायरेक्टरशिप के जरिए एक अन्य कंपनी से जुड़ी है, जिसने भी भाजपा को दो करोड़ रुपये का चंदा दिया है।

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कंपनी के पूर्व निदेशक रंजीत बिंद्रा को ईडी ने अंडरवर्ल्ड की ओर से कथित तौर पर कई सौदे करने के लिए गिरफ्तार किया था। प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों के हवाले से मिली रिपोर्टों में बिंद्रा को एक एजेंट/ब्रोकर बताया गया है, जो इकबाल मिर्ची और कंपनियों के बीच सौदे करवाता है।

नब्लिंक के निदेशक मेहुल अनिल बविशी स्किल रियल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी के भी निदेशक हैं। चुनाव आयोग को दी गई जानकारी के मुताबिक, भाजपा को स्किल रियल्टर्स से 2014-2015 में दो करोड़ रुपये का चंदा मिला था। आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स के निदेशक प्लैसिड जैकब नारोन्हा दर्शन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के भी निदेशक हैं। चुनाव आयोग को दी गई जानकारी के मुताबिक, दर्शन डेवलपर्स ने 2016-2017 में भाजपा को 7.5 करोड़ रुपये का चंदा दिया था।

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक ईडी इस मामले में नारोन्हा की भूमिका की भी जांच कर रहा है। ईडी का आरोप है कि आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स ने इकबाल मिर्ची की संपत्तियों की बिक्री में मदद की और बिंद्रा ने कथित तौर पर 30 करोड़ रुपये की रिश्वत ली।

प्रवर्तन निदेशालय ने आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स के सौदों के बारे में अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा से भी पूछताछ की थी। शिल्पा शेट्टी एसेंशियल हॉस्पिटैलिटी नाम की कंपनी की निदेशक रह चुकी हैं, जिसने आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स से लेनदेन किया था। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान पिछले महीने इकबाल मिर्ची का मुद्दा चर्चाओं में रहा था। प्रवर्तन निदेशालय ने इकबाल मिर्ची, एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल के स्वामित्व वाली कंपनी मिल्लेनियम डेवलपर्स और सनब्लिंक के बीच कथित संपत्ति लेनदेन की जांच की थी।

ह जांच महाराष्ट्र चुनाव से ठीक पहले हुई। इस दौरान ईडी ने प्रफुल्ल पटेल से पूछताछ की थी और बिंद्रा समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया था। पटेल ने इसमें किसी भी तरह की भूमिका होने से साफ इनकार किया। प्रवर्तन निदेशालय ने इकबाल मिर्ची की संपत्तियों को सनब्लिंक रियल एस्टेट और मिल्लेनियम डेवलेपर्स को बेचे जाने के संबंध में मिर्ची के बहनोई मुख्तार मेमन से पूछताछ की थी। पिछले महीने प्रवर्तन निदेशालय ने सनब्लिंक को 2,186 करोड़ रुपये का कर्ज देने के संबंध में डीएचएफएल के 14 परिसरों पर छापेमारी की थी। ईडी का मानना है कि यह पैसा दुबई के जरिए आया था।

बिजनेस टुडे की रिपोर्ट में ईडी के अधिकारियों के हवाले से कहा गया था कि बिंद्रा ने सनब्लिंक के लिए इकबाल मिर्ची के साथ संपत्ति लेनदेन पर चर्चा की बात स्वीकार की। महाराष्ट्र में अपनी चुनावी रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई बम धमाकों के पीड़ितों के लिए न्याय न करने को लेकर एनसीपी के सिर पर ठीकरा फोड़ा था।

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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, ‘हम मुंबई बम धमाकों के घाव नहीं भूल सकते। उस समय की सरकार ने पीड़ित परिवारों के साथ न्याय नहीं किया और उनके इस तरह के रवैये का कारण अब पता चल रहा है। आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों को पकड़ने के बजाए उस समय सत्ता में बैठे लोग इकबाल मिर्ची के साथ कारोबार करने में लगे थे।'

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का हवाला देकर कहा गया कि इकबाल मिर्ची के साथ कंपनियों के सौदे राजद्रोह से कम नहीं थे। किन्हीं कारणों से अमित शाह का उल्लेख करते ये लेख अब टाइम्स ऑफ इंडिया की वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं है। हालांकि टाइम्स ऑफ इंडिया की यह स्टोरी प्रेसरीडर डॉट कॉम के जरिए अभी भी उपलब्ध है।

बिंद्रा के अलावा एक ब्रिटिश नागरिक हारून यूसुफ को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बिंद्रा ने जमीन सौदे के लिए ब्रोकर की भूमिका निभाई थी जबकि यूसुफ ने एक ट्रस्ट के जरिए पैसा ट्रांसफर किया था।

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