नोबेल विजेता अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी का स्पष्ट सुझाव, अर्थव्यवस्था पटरी पर लाने के लिए लोगों को सीधे पैसे दे सरकार

Update: 2020-05-05 08:15 GMT

अभिजीत बनर्जी ने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह एक आधार-आधारित पीडीएस या एक अस्थायी राशन कार्ड की व्यवस्था करे, ताकि जो लोग कहीं भी फंसे हों, उन्हें अपनी आवश्यकताओं के लिए राशन मिल सके...

नई दिल्ली,जनज्वार: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आर्थिक विशेषज्ञों के साथ बातचीत की अपनी श्रृंखला में मंगलवार को नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी से बात की है। बनर्जी ने अपने सुझाव में कहा है कि अगर सरकार तेजी से अर्थव्यवस्था फिर से पटरी पर लाना चाहती है, तो लोगों को सीधे तौर पर पैसा दिया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह एक आधार-आधारित पीडीएस या एक अस्थायी राशन कार्ड की व्यवस्था करे, ताकि जो लोग कहीं भी फंसे हों, उन्हें अपनी आवश्यकताओं के लिए राशन मिल सके।

विशेष रूप से प्रवासियों के बारे में बोलते हुए बनर्जी ने कहा, "आधार (कार्ड) को राष्ट्रीय बनाकर सार्वजनिक वितरण और अन्य चीजों के लिए इसके उपयोग की बात एक ऐसा विचार था, जिस पर यूपीए सरकार के अंतिम वर्षों में बहस हुई थी, लेकिन वर्तमान सरकार ने भी इसे अपनाया।"

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उन्होंने आगे कहा, "पीडीएस पर आधार-आधारित दावा व्यक्ति के कहीं भी होने की स्थिति में उन्हें पात्र बना देगा और ऐसा करने के लिए यह अद्भुत समय होगा।"

बनर्जी ने यहां तक कहा कि लोगों को बहुत अधिक दुखों से बचाने के लिए सरकार को चाहिए कि अगले छह महीनों के लिए अस्थायी राशन कार्ड हर किसी को दे। ऐसा होने पर बहुत सारे लोग स्थानीय राशन की दुकान पर जा सकेंगे।

उन्होंने कहा, "वास्तविक चिंताएं हैं कि क्या अर्थव्यवस्था पुनर्जीवित होगी और वर्तमान परिस्थिति में महामारी के बीच यह कैसे संभव होगा।"

गौरतलब है कि बातचीत की इस श्रृंखला में बनर्जी दूसरे व्यक्ति हैं। इससे पहले कांग्रेस नेता ने इस बाबत आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन से बात की थी।

मजबूत नेता के सवाल पर क्या बोले बनर्जी

बातजीत के दौरान जब कांग्रेस सांसद राहुल ने उनसे पूछा, 'लोगों के दिमाग में यह बात डाली जा रही है कि मजबूत नेता ही वायरस से लड़ सकता है' तो अभिजीत बनर्जी 'मजबूत नेता' के विचार के भयानक बताया.

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डॉ. अभिजीत बनर्जी ने कहा कि अगर कोई "मजबूत व्यक्ति" के सिद्धांत पर विश्वास करता है, तो यह समय अपने आप को इस गलतफहमी से बचाने का है. उन्होंने कहा, 'यह विनाशकारी है। अमेरिका और ब्राजील दो ऐसे देश हैं, जहाँ बुरी तरह गड़बड़ हो रही है। ये दो तथाकथित मजबूत नेता हैं, जो सब कुछ जानने का दिखावा करते हैं, लेकिन वे जो भी कहते हैं, वो हास्यास्पद होता है.'

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