सरकारी टंकी का प्रदूषित पानी पीने से मथुरा में 100 से भी ज्यादा लोग हुए बीमार

Update: 2019-06-27 05:06 GMT

आन्यौर गांव में गंदा पानी पीने से 100 से भी ज्यादा लोग पेट दर्द, उल्टी-दस्त और बुखार की चपेट में आ गये। प्रदूषित पानी पीने का सबसे ज्यादा असल बच्चों और महिलाओं पर हुआ है...

जनज्वार। पानी की कमी और जहां उपलब्ध हो पा रहा है वहां प्रदूषित पानी को होना आज देश में बड़ी समस्या बन चुकी है, मगर प्रदूषित पानी कभी बड़ी समस्या बन ही नहीं पाया, जब तक कि इसके चलते लोग मौत के मुंह में न समा जायें।हालांकि प्रदूषित पानी या पानी की कमी को बड़ी समस्या के बतौर मीडिया इसलिए भी नहीं लेता क्योंकि इसकी चपेट में आने वाले लोग गरीब होते हैं और गरीब मीडिया के लिए बड़ा सवाल शायद ही बन पाते हों।

प्रदूषित पानी पीने से उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित गोवर्धन परिक्रमा मार्ग के गांव आन्यौर में दूषित पानी पीने से 100 से भी ज्यादा लोग बीमार हो गए हैं। दूषित पानी पीने से बीमार होने वाले लोगों और अन्य ग्रामीणों का कहना है कि लोग सरकारी टंकी का गंदा पानी पीने से बीमार हुए हैं।

न्यौर गांव में गंदा पानी पीने से 100 से भी ज्यादा लोग पेट दर्द, उल्टी-दस्त और बुखार की चपेट में आ गये। प्रदूषित पानी पीने का सबसे ज्यादा असल बच्चों और महिलाओं पर हुआ है। इस गांव में हर घर में कोई न कोई गंदा पानी पीने के बाद बीमार पड़ा हुआ है। कोई भी घर बीमारी से बचा नहीं है।

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तने बड़े पैमाने पर लोगों के बीमार होने की खबर सुनकर स्वास्थ्य महकमा हरकत में आया और बुधवार 26 जून को चिकित्सकों की टीम गांव पहुंची। वहां शिविर लगाकर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। चिकित्सकों ने भी इतने बड़े पैमाने पर ग्रामीणों के बीमार होने की वजह प्रदूषित पानी को माना है। साथ ही पानी का सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिया गया है। हालांकि डॉक्टरों का यह भी कहना है कि बदलता मौसम भी इसकी एक बड़ी वजह हो सकता है।

गौरतलब है कि पिछले तकरीबन 10-12 दिनों से इस गांव के लोग पानी के कारण बीमार पड़ रहे हैं, मगर 2-3 दिन से जब स्वास्थ्य केंद्र और अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ने लगी तो इस तरफ ध्यान गया और मीडिया में भी खबर आई। लोगों ने इतने बड़े पैमाने पर बीमार होने की सूचना स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को दी, तो डॉक्टरों की टीम गांव में पहुंची और लोगों का इलाज करना शुरू किया।

स मसले पर एसडीएम गोवर्धन नागेंद्र प्रताप कहते हैं कि सरकारी डॉक्टरों की टीम सभी मरीजों का इलाज कर रही है, साथ ही पानी का सैंपल भी जांच के लिए भेज दिया गया है। प्रशासन ने अब डॉक्टरों की एक टीम गांव में तैनात कर दी है, ताकि ग्रामीणों को किसी भी तरह की मुश्किलों का सामना न करना पड़े।

पीड़ित ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कई दिनों से सरकारी नल से खराब पानी आ रहा था। पानी में अजीब सी गंध भी आ रही थी। ग्रामीण कहते हैं हमें लगा कि शायद ये हमारा भ्रम हो, मगर जब लगातार लोग बीमार पड़ने लगे तो यह बात सही साबित हुई कि गंदा पानी पीने से ही लोग बीमार हो रहे हैं। सरकारी टंकी की सफाई की बाबत ग्रामीण कहते हैं हमें यह पता नहीं कि पिछली बार टंकी कब साफ हुई थी।

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