पुडुचेरी समेत छह विधानसभाओं में CAA-NRC के खिलाफ पारित हुआ प्रस्ताव, केंद्र वापस लेगा कानून?

Update: 2020-02-13 09:14 GMT

सीएए-एनआरसी के खिलाफ छह विधानसभाओं ने पारित किया प्रस्ताव, केंद्र से सीएए वापस लेने का किया आग्रह...

जनज्वार। पुडुचेरी विधानसभा में बुधवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) 2019 के विरोध में प्रस्ताव पारित किया गया। इसके साथ ही पश्चिम बंगाल, केरल, पंजाब, राजस्थान और मध्य प्रदेश के बाद सीएए के खिलाफ प्रस्ताव को पारित करने वाली पुडुचेरी छठी विधानसभा बन गई है।

मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने कहा, 'पुडुचेरी विधानसभा में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर केंद्र से इस कानून को रद्द करने का आग्रह किया गया है।'

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प्रस्ताव को अन्नाद्रमुक के विधायकों के रूप में पारित किया गया और अखिल भारतीय एनआर कांग्रेस ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया और विधानसभा में नहीं आए।

Full View ने पहले ही 6 फरवरी को स्पीकर वीपी शिवकोलुन्धु को एक याचिका पेश की थी, जिसमें उनसे अनुरोध किया गया था कि वे सीएए के खिलाफ किसी भी विचार-विमर्श के प्रस्ताव को अनुमति न दें क्योंकि यह केंद्र शासित प्रदेशों की सरकार अधिनियम 1963 के तहत विधानसभा की शक्तियों से अधिक है।

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पुडुचेरी की राज्यपाल किरण बेदी ने दो दिन पहले सीएम वी. नारायणसामी को पत्र लिखकर कहा था कि संसद द्वारा पारित अधिनियम केंद्र शासित प्रदेश के लिए लागू है और किसी भी तरीके से पूछताछ या विचार-विमर्श नहीं किया जा सकता है।

Full View दें कि नागरिकता संशोधन कानून के तहत अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई अवैध प्रवासियों को नागरिकता प्रदान की जाएगी। इस कानून को लेकर दिल्ली से लेकर उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश, बिहार, बंगाल, असम और बेंगलूरू में भी खूब विरोध प्रदर्शन हुए।

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