अर्णब के मामले में प्रेस काउंसिल ने कहा, वाहियात पत्रकारिता के खिलाफ भी हिंसा ठीक नहीं

Update: 2020-04-24 05:16 GMT

काउंसिल ने गुरुवार को एक बयान जारी अर्णब पर हुए कथित हमले की निंदा की. बयान में कहा गया कि इस देश के हर नागरिक को अपनी बात रखने की आजादी है और इसमें पत्रकार भी शामिल हैं...

नई दिल्लीः प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी पर हमले की निंदा करते हुए कहा है कि बुरी पत्रकारिता के खिलाफ भी हिंसा ठीक नहीं है.

काउंसिल ने गुरुवार को एक बयान जारी अर्णब पर हुए कथित हमले की निंदा की. बयान में कहा गया- काउंसिल पत्रकार अर्णब गोस्वामी पर हुए कथित हमले को लेकर हैरान है. इस देश के हर नागरिक को अपनी बात रखने की आजादी है और इसमें पत्रकार भी शामिल हैं.

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बयान में कहा गया, 'किसी व्यक्ति द्वारा ऐसे विचार भी प्रकट किए जा सकते हैं जो बहुत से लोगों को पसंद न आए लेकिन इससे किसी को यह अधिकार नहीं मिल जाता कि वह किसी की आवज को दवाए. बुरी पत्रकारिता के खिलाफ भी अगर हिंसा की जाती है तो वह जवाब नहीं है.'

काउंसिल इस हमले की निंदा करती और उम्मीद करती है कि राज्य सरकार इस मामले में उचित कार्रवाई करे और दोषियों को जल्द न्याय के कटघरे में खड़ा करे.

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बता दें वहीं बुधवार शाम को अर्णब गोस्वामी ने दावा किया था कि जब वह ऑफिस से घर जा रहे थे तो उन पर और उनकी पत्नी पर 2 अज्ञात लोगों ने हमला किया. अर्णब ने इस सबंध में पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई जिसके आधार पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की और कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.

गौरतलब है कि कांग्रेस की अंतिरम अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ एक आपत्तिजनक टिप्पणी करने के बाद अर्णब गोस्वामी विवादों के केंद्र में आ गए थे. कांग्रेस ने जहां उनकी टिप्पणी की आलोचना की थी वहीं सोशल मीडिया पर अर्णब के खिलाफ लोगों ने जमकर अपनी राय रखी.

इस मामले में उनके खिलाफ महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ राज्यों में उनके खिलाफ कई मामले दर्ज होने के बाद अर्णब गोस्वामी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. यह मामला शुक्रवार 24 अप्रैल को जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और एमआर शाह की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है।

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