जेल से छूटते ही शाहीनबाग फायरिंग के आरोपी का ढोल नगाड़ों से हुआ स्वागत

Update: 2020-03-08 12:01 GMT

जनज्वार। कपिल गुज्जर शनिवार की देर रात करीब पौने बारह बजे जब अपने दल्लापुर स्थित घर पहुंचा तो उसका ढोल-नगाढ़ों के साथ स्वागत किया गया। उसके आने की खुशी में जमकर अतिशबाजी की गई। मानो वह कोई खिताब जीतकर घर लौट आया हो।

पिल गुज्जर वही शख्स है जिसने सीएए के खिलाफ शाहीन बाग में आंदोलन कर रहे लोगों पर सरेआम फायरिंग कर दी थी। इसके बाद से वह जेल में था। कोर्ट ने 25 हजार रुपये के मुचलके पर उसे जमानत दी थी जिसके बाद उसे 10 बजे रोहिणी जेल से रिहा कर दिया गया था। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।

बरों के मुताबिक दल्लुपुरा में कपिल गुर्जर के स्वागत के लिए पहले से ही रोड पर लोग खड़े थे। जैसे ही फायरिंग का आरोप कपिल घर पहुंचा लोगों ने उसे कंधे पर उठा लिया। उसके घर पहुंचने पर ढोल-नगाड़े बजाए गए और जमकर आतिशबाजी की गई। ऐसे में सवाल खड़े होने शुरु हो गए हैं कि इस तरह से स्वागत करने से किसी भी अपराधी का हौंसला बढ़ेगा और वह अपराध के लिए प्रोत्साहित होगा।

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ता दें कि शाहीनबाग में नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ लंबे समय से प्रदर्शन चल रहा है। 1 फरवरी को कपिल गुर्जर ने प्रदर्शन स्थल पर फायरिंग की थी। हालांकि इस फायरिंग में किसी को चोटें नहीं आईं। तब स्थानीय लोगों ने पकड़कर कपिल को पुलिस के हवाले किया था। कपिल तब से ही जेल में बंद था।

सके बाद कुछ खबरें भी सामने आईं थी कि कपिल आम आदमी पार्टी से जुड़ा हुआ है। लेकिन कपिल के परिजनों ने इस बात से इनकार किया था। कपिल के पिता और भाई ने कहा था कि उसका आम आदमी पार्टी से कोई संबंध नहीं है।

सोशल मीडिया पर लोग कपिल गुज्जर का वीडियो शेयर कर रहे हैं और इस पर नई बहस शुरु हो गई है। ट्विटर यूजर अशरफ हुसैन ने लिखा, 'कुछ नही बदला, ये शाहीन बाग़ में गोली चलाने वाला कपिल गुज्जर है। इसे कल ज़मानत मिल गयी। जिसके बाद गोडसे समर्थकों ने इसका स्वागत ढोल नगाड़ों से किया। याद कीजिये मोब लिंचिंग के आरोपी को भी झारखंड के मंत्री ने माला पहनाकर स्वागत किया था। सच में कुछ नही बदला।'

कांग्रेस नेता राधिका खेड़ा ने लिखा, 'जामिया में गोली चलाने वाले कपिल गुज्जर का जमानत मिलने के बाद स्वागत! आश्चर्य कैसा? पहले भी केंद्रीय मंत्री और सत्ता पक्ष के लोग लिंचिंग के आरोपियों को फूल माला पहनाकर स्वागत कर चुके हैं, एक अपराधी को तो बाकायदा कफ़न की जगह तिरंगा उढ़ाया जा चुका है!'

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