उत्तराखंड के रामनगर के गर्जिया मंदिर में जैसी दिलेरी एक युवक की जान बचाने के लिए सब इंस्पेक्टर गगनदीप सिंह ने दिखाई है, वह सलाम करने लायक है...
जनज्वार, रामनगर। 22 अप्रैल को रामनगर के समीप पर्यटन स्थल और हिंदू धार्मिक स्थल गर्जिया मंदिर में जो कुछ हुआ उसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। पूरी दुनियाभर में यह वीडियो देखा जा रहा है। काशीपुर से गर्जिया घूमने आये एक लड़की और लड़के की हिंदुवादी संगठन बजरंग दल व विश्व हिन्दू परिषद से जुड़े भगवाधारी गुंडों ने पुलिस की मौजूदगी में पिटाई कर दी।
इतना ही नहीं ये हिंदुवादी गुंडे लड़की और लड़के को सरेआम पुलिस की मौजूदगी में मारने काटने की धमकी दे रहे थे। निश्चित ही यहां लव जिहाद के नाम पर एक जोड़ा मौत की भेंट चढ़ चुका होता, अगर मौके पर पुलिस एसआई गगनदीप सिंह नहीं होते। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक जो जोड़ा गर्जिया में घूमने आया था उनमें से लड़का मुस्लिम और लड़की हिंदू धर्म से ताल्लुक रखती थी, हिंदुवादी संगठनों ने इसी बात को मुद्दा बनाकर मुस्लिम युवा को पीटा था और भीड़ में मौजूद ये लोग लगातार मुस्लिम युवक को जान से मारने की बात कर रहे थे।
इतना ही नहीं ये भगवा गुंडे लड़की को भी खूब गालियां देते हुए कहते हैं कि तू हिंदुओं के नाम पर कलंक है। इन दोनों को काटकर फेंक दो।
मगर मुस्लिम युवक की जान लेने पर उतारू हिंदुवादी गुंडों के सामने एसआई गगनदीप सिंह ढाल बनकर खड़े हो गए। उन्होंने सूझ-बूझ का परिचय देकर न सिर्फ मुस्लिम युवक की जान बचाई, बल्कि पर्यटन और धार्मिक स्थल गर्जिया को मोब लिंचिंग का शिकार होने से भी बचा लिया।
रामनगर के जिम कॉर्बेट पार्क के रास्ते में गर्जिया माता का मंदिर भी आता है। यहां नदी के किनारे 22 मई को घूमने आए एक हिन्दू युवती और एक मुस्लिम युवा को धार्मिक संगठनों के लोगों ने न सिर्फ पकड़ लिया बल्कि जमकर पिटाई भी कर दी। हिंदू संगठनों से जुड़े युवक इन दोनों को मंदिर परिसर में ले गए और जमकर हंगामा किया। जैसे ही यह बात पता चली कि लड़का मुस्लिम है इन लोगों ने युवक को और उग्र हो पीटना शुरू कर दिया। वो तो भला हो कि सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस पहुंच गई और दारोगा की हिम्मत से यह जोड़ा मोब लिंचिंग का शिकार होते—होते बच गया।
हालांकि जब गगनदीप मुस्लिम युवक को भीड़ से बचा रहे थे तब भी भगवा संगठनों के लोग भड़क गए वह युवक को उन्हें सौंपने की बात कहते रहे, मगर गगनदीप सिंह अपनी जान जोखिम में डालकर इस जोड़े को वहां से सुरक्षित ले गए।
गौरतबल है कि गर्मियों की छुट्टियों में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में पर्टयक गर्जिया घूमने आते हैं। उनमें सभी धर्मों के लोग शामिल रहते हैं, मगर पिछले कुछ वर्षों से भगवा बिग्रेड गर्जिया का हिंदुवादी तालिबानीकरण करने में जुटी हुयी है, क्योंकि यहां हिंदू देवी का मंदिर है।
मुस्लिम युवक के साथ मारपीट की यह यहां पहली घटना नहीं है, इससे पहले भी गर्जिया में भगवा बिग्रेड कई मुस्लिम युवकों को निशाना बनाती रही है। गर्जिया को पर्यटन स्थल घोषित करने के लिए पर्यटन विभाग द्वारा लगाया पत्थर भी भगवा गुंडों द्वारा तोड़ दिया गया है।
गर्जिया घूमने आने वाले लोगों पर गंगा जल छिड़कना व उनके माथे पर टीका लगाए जाने के प्रयास अक्सर भगवाधारी करते रहते हैं।
22 मई को गर्जिया घूमने आए लड़की—लड़के के साथ मारपीट के बाद भगवा बिग्रेड ने गर्जिया में जमकर उत्पात मचाया। मंदिर जाने से पूर्व लगा लोहे का बड़ा गेट बन्द कर पयटकों की आवाजाही ठप कर दी तथा मंदिर प्रबन्ध समिति व पुलिस-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पुलिस-प्रसाशन भी इनके सामने भीगी बिल्ली नजर आ रहा था।
आ रही खबरों के मुताबिक इन भगवाधारी गुंडों को रामनगर के भाजपा विधायक दीवान सिंह का संरक्षण प्राप्त है। पिछले विधानसभा चुनावों में भाजपा के प्रचार में भी उन्होंने हिंदुत्व के नाम पर खूब जहर फैलाने का काम किया था।
सिख पुलिसवाले ने अपनी दिलेरी से एक बड़ी दुर्घटना होने से जिस तरह रोकी, उसका वीडियो सोशल वायरल पर वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया पर एसआई गगनदीप का वायरल दिलेरी वाला वीडियो देखने के बाद नैनीताल के एसएसपी जन्मजय खंडूरी नें मुस्लिम नौजवान की जान बचाने के लिए 2500 रुपए का ईनाम दिया और अज्ञात के खिलाफ मुकदमा कायम करने के निर्देश दिये हैं।
सवाल है कि जब हिंदुवादी गुंडों को वीडियो में इस जोड़े पर हमला करते हुए साफ—साफ देख जा सकता है, हिंदू धर्म बचाने के नाम पर तमाम तरह के उत्पात करने वाले मुस्लिम युवक और हिंदू युवती पर हमला करने वाले इन भगवाधारियों को रामनगर क्षेत्र का बच्चा-बच्चा जानता है, उनके नाम तक एक प्रमुख अखबार में छप चुके हैं बावजूद इसके एसएसपी का अज्ञात के खिलाफ मुकदमा कायम करने का फरमान हजम नहीं होता है।
यह इस बात की तरफ इशारा है कि जिला पुलिस भगवा बिग्रेड के दबाब में काम कर रही है। और यदि इस बार भी भगवाधारी गुंडे बच गये तो वे आने वाले समय में किसी बड़ी घटना को अंजाम देंगे, यह तय है। पुलिस दबाव में है यह इस बात से भी साबित होता है कि प्रशासन बजाय हमले में शामिल रहे हिंदुवादी संगठनों से जुड़े युवाओं को गिरफ्तार करने के उनके साथ वार्ता करती है। एसडीएम द्वारा बुलाई गई इस बैठक में डीएफओ, सीओ, कोतवाल और मंदिर समिति के सदस्य हिस्सा लेते हैं।
यह बात समझ से परे है कि आखिर उत्तराखण्ड प्रशासन गुंडों से किस बात की वार्ता करती है, क्योंकि गुंडों को तो सजा दी जाती है। इससे यह इशारा साफ—साफ मिलता है कि उनके सिर पर सत्ता में बैठे शीर्ष लोगों का हाथ है जिनके आगे नौकरशाह घुटने टेकते हैं।
देखें वीडियो :