सोनभद्र के सरकारी स्कूल में पानी मिलाकर 81 छात्रों में बांटा 1 लीटर दूध, आरोपी शिक्षक हुए निलंबित

Update: 2019-11-29 13:21 GMT

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र की सरकारी स्कूल में मिर्जापुर जैसा मामला, 81 बच्चों को परोसा गया 1 लीटर दूध, सोनभद्र के जिलाधिकारी ने कहा पद से हटाए गए आरोपी....

जनज्वार। उत्तर प्रदेश के सोनभद्र से मिड डे मील योजना में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। सलईबनवा प्राथमिक विद्यालय एक स्कूल में बच्चों को 1 गिलास दूध पीने के लिये दिया जाता है। मात्र 1 लीटर दूध में 81 बच्चों का पेट भरा जाता है। दूध में पानी साफ तौर पर नजर आता है, यानी की 1 लीटर दूध में 1 बालटी पानी मिलाकर पीने को दिया जाता है। मिड-डे मील भ्रष्टाचार में उत्तरप्रदेश पहले नंबर और बिहार दूसरे नंबर पर है।

सोनभद्र में भी मिर्जापुर जैसै मामला सामने आया है। सोनभद्र के सलईबनवा प्राथमिक विद्यालय में रोजाना बच्चों को पीने के लिये दूध दिया जाता है। मात्र 1 लीटर दूध को 81 बच्चों को पीने के लिये दिया जाता था लेकिन दूध में पानी की मात्रा साफ नजर आती है। 1 लीटर दूध को एक बाल्टी पानी में घोल के दिया जाता था। मिर्जापुर की सरकारी स्कूल में मिड-डे मील में नमक-रोटी परोसने की खबर सामने आई थी।

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भी हाल ही में मानव संसधान विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने लोकसभा में एक रिपोर्ट पेश की थी। इस रिपोर्ट में मिड-डे -मील में हुये भ्रष्टाचार के आकड़े थे। रमेश पोखरियाल निशंक ने लोकसभा में बताया था कि देशभर से कुल 54 मामले दर्ज हुये हैं। इनमे सबसे अधिक मामले उत्तरप्रदेश के हैं। यानी कि अकेले उत्तरप्रदेश से 14 मामले उजागर हुये हैं और बिहार से 7 मामले सामने आये हैं।

चोपन विकास खंड के कोटा विकास खंड के सलईबनवा प्राथमिक विद्यालय में 171 बच्चों का नाम लिखित तौर पर है। बुधवार को केवल 81 बच्चे ही स्कूल पहुंचे थे। इन बच्चों के लिए केवल एक लीटर दूध का पैकेट भेजा गया, जो नाकाफी था। इसलिए 1 लीटर दूध को एक बाल्टी पानी मे घोल दिया गया। इसके बाद बारी-बारी से सभी बच्चों को एक-एक गिलास दूध बांट दिया गया। मिड-डे-मील के मैन्यु के मुताबिक, बुधवार 27 नवंबर को तहरी और दूध दिया जाना था। दूध की मात्रा 150-200 एमएल निर्धारित है।

जनज्वार ने पूरी घटना को जानने के लिये सोनभद्र के जिलाधिकारी एस राजालिंगम को फोन किया तो उनका कहना था, 'सलईबनवा प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को रोजाना अमूल गोल्ड का टेट्रा पैक दिया जाता है लेकिन जिस दुकान से दूध खरीदा जाता है, उस दुकान पर 27 तारीख को केवल एक ही पैकेट उपलब्ध था। विद्यालय प्रभारी शैलेश कन्नौजिया ने उस एक पैकेट दूध को दाई को देकर बाकी के दूध लेने चले गये। इतने में विद्यालय के कुछ शिक्षकों ने ही मिलकर दाई से दूध में पानी मिलवाकर बंटवा दिया। आरोपियों को उनके के पद से हटा दिया गया है और निलंबित किया गया है। बाकी की जांच चल रही है।

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भी सितंबर 2019 में ही उत्तरप्रदेश के मिर्जापुर से एक वीडियो सामने आया था। इस वीडियो में सरकारी स्कूल के बच्चों को मिड-डे मील में नमक रोटी परोसी जा रही थी। इस वीडियो को पत्रकार पवन जायसवाल ने बनाया था। लेकिन जैसे ही यह सच्चाई उजागर हुई तो उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कर लिया।

फआईआर में पत्रकार के खिलाफ ग्रामप्रधान के प्रतिनिधि के साथ मिलकर साजिशन का वीडियो बनाने का आरोप लगाया गया था। पुलिस ने पत्रकार पवन जायसवाल और ग्राम प्रधान प्रतिनिधि राजकुमार पाल व एक अन्य अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 120-B, 186, 193 और 420 के तहत केस दर्ज किया था।

केंद्रीय मानव संसाधान विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने संसद में बताया था कि पिछले तीन सालों सहित इस साल अभी तक देशभर में मिड-डे मील खाने के बाद 931 बच्चों के बीमार पड़ने की शिकायतें सामने आई हैं।

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