दिल्ली पुलिस कमिश्नर को लूट ले गए 'ठक—ठक' गैंग वाले, अब राजनाथ सिंह भी लुट जाएं तो पुलिस करे कड़ी कार्रवाई

Update: 2018-03-27 10:08 GMT

वैसे ठक—ठक गैंग वाले लूटते तो रोज ही दिल्ली के लोगों को हैं, पर खबर उस दिन छपती है जिस दिन कमिश्नर साहब टाइप को काई बड़ा आदमी चपेट में आ जाता है...

जनज्वार, दिल्ली। हम मजाक नहीं कर रहे बल्कि आज सभी अखबारों में यह खबर प्राथमिकता से छपी है कि कल दिल्ली पुलिस के पूर्व कमीश्ननर बीके गुप्ता को सिविल लाइंस इलाके में ठक—ठक गैंग ने लूट लिया। लूट की सूचना कल पूर्व कमिश्नर ने 100 नंबर पर फोन कर दी। पूर्व कमिश्नर के साथ हुई वारदात की पुष्टि करते हुए इलाके के डिप्टी पुलिस कमिश्नर जतिन नरवाल ने कहा कि मुकदमा दर्ज कर इस मामले की जांच शुरू कर दी गयी।

वैसे ठक—ठक गैंग वाले लूटते तो रोज ही दिल्ली के लोगों को हैं, पर खबर उस दिन छपती है जिस दिन कमिश्नर साहब टाइप को काई बड़ा आदमी चपेट में आ जाता है। अन्यथा एक दिन पहले ही कमिश्नर की जिस इलाके में लूट हुई उसी इलाके में 30 हजार रुपया ठक—ठक गैंग वालों ने लूट लिया था।

पूर्व कमिश्नर के साथ यह वारदात उस वक्त हुई जब वह राजपुर रोड के सिविल लाइंस इलाके से अपने एक मित्र के साथ चंडीगढ़ जाने की तैयारी कर रहे थे। उसी समय गैंग वाले पूर्व कमिश्नर के कार से बैग ले उड़े। पूर्व कमिश्नर के मुताबिक बैग में 20 हजार रुपए और एक आईपैड था।

गौरतलब है कि ठक—ठक गैंग पिछले एक दशक से दिल्ली और एनसीआर में सक्रिय है। यह गैंग कार चालकों को लूटता है। गैंग की लूट का प्रचलित तरीका यह है कि वह आमतौर पर बाइक से होता है। बाइक पर दो लोग होते हैं। वह किसी कार चालक के बगल में आकर टायर पंचर या कुछ और गड़बड़ी के बहाने ड्राइवर को घबड़ाहट में डाल देते हैं। कई बार वे लूटने के लिए कुछ खास इलाकों में टायर पंचर करने की भी साजिश रचते हैं। गैंग काम में बच्चों का भी इस्तेमाल करता है।

ऐसे में सवाल यह है कि जो गैंग एक दशक से सक्रिय है उसका खात्मा पुलिस क्यों नहीं कर पा रही। हालांकि इस गैंग ने कभी इतने बड़े अधिकारी को नहीं लूटा था। तो सवाल है कि क्या जब यह गैंग गृहमंत्री राजनाथ सिंह को लूट लेगा तब पुलिस इस गैंग से दिल्ली और एनसीआर वालों को राहत दिला पाएगी।

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