क्या मौलाना साद की उस ऑडियो क्लिप से हुई थी छेड़छाड़ जिसके सहारे चैनलों ने कहा था तबलीग वाले सोशल डिस्टेंसिंग के हैं खिलाफ

Update: 2020-05-09 04:59 GMT

यह ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया बहुत वायरल हुआ था इसमें मौलाना साद कथित तौर पर जमात के सदस्यों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करने को कह रहे थे...

जनज्वारः क्या मरकज निजामुद्दीन प्रमुख मौलाना साद के उस वीडियो से छेड़छाड़ की गई थी जो पिछले दिनों सोशल वीडियो पर वायरल हुई थी जिसमें साद कथित रूप से जमात के सदस्यों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने को कह रहे थे.

इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर में दावा किया गया है कि दिल्ली पुलिस की जांच में सामने आया है कि मरकज निजामुद्दीन के प्रमुख मौलाना साद का पिछले दिनों वायरल हुए ऑडियो क्लिप के साथ छेड़छाड़ की गई थी. हालांकि दिल्ली पुलिस ने इंडियन एक्सप्रेस की खबर को खारिज कर दिया है.

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि मौलाना साद कांधलवी के खिलाफ पुलिस एफआईआर में उल्लिखित एक ऑडियो क्लिप (जिसमें उन्होंने तब्लीगी जमात के सदस्यों से सोशल डिस्टेंसिंग और निषेधात्मक आदेशों का पालन नहीं करने के लिए कहा था) के साथ छेड़छाड़ हो सकती है और यह कई ऑडियो फ़ाइलों को जोड़ कर तैयार किया गया हो सकता है. पुलिस ने अब सभी ऑडियो क्लिप और कथित डॉकटर्ड क्लिप को फोरेंसिक साइंस प्रयोगशाला में भेज दिया है.

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अलमी मरकज़ बंगलेवाली मस्जिद की प्रबंधन समिति से जुड़े साद और छह अन्य लोगों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने पिछले दिनों मामला दर्ज किया था. इन पर आरोप था कि इन्होंने अधिकारियों की चेतावनी के बावजूद निजामुद्दीन पश्चिम में स्थित एक मस्जिद में 2000 लोगों का एक कार्यक्रम किया था.

FIR एसएचओ (हजरत निजामुद्दीन) मुकेश वालिया की एक शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि “मौलाना मोहम्मद साद की एक कथित ऑडियो रिकॉर्डिंग 21 मार्च को व्हाट्सएप पर सर्कुलेट की गई थी, जिसमें स्पीकर को उनके अनुयायियों से कथित तौर पर कहते हुए सुना गया था कि लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करें और मर्कज के धार्मिक कार्यक्रम में भाग लें.'

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इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने मरकज के सदस्य के पास से एक लैपटॉप जब्त किया था जिसमें कई ऑडियो क्लिप भी मिली थी. पुलिस ने इन ऑडियो क्लिप की जांच की है. पुलिस को पता चला है कि तीन अलग-अलग फॉर्म में 350 से ज्यादा ऑडियो क्लिप हैं (मर्कज इवेंट की रॉ क्लिप). ऑडियो क्लिप्स को जमात के अनुयायियों को भेजा गया था और एक बार जमात के यूट्यूब चैनल पर भी इसे अपलोड किया गया था.

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इंस्पेक्टर सतीश कुमार के नेतृत्व में एक टीम मौलाना साद के उस ऑडियो क्लिप को खोजने की कोशिश कर रही है, जो वायरल हो गया था और जिसका एफआईआर में उल्लेख किया गया था लेकिन इस टीम को अब तक लैपटॉप से ऐसी कोई क्लिप बरामद नहीं हुई है। वहीं जांचकर्ताओं ने यह भी पाया कि मौलाना साद की पुलिस और धर्म पर की गई टिप्पणियों को संदर्भ से काट पेश किया गया और इनके साथ छेड़छाड़ भी की गई.

न्यूज चैनलों पर उठे सवाल

इस न्यूज के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल ने इस खुलासे के बाद टीवी चैनलों पर निशाना साधते हुए लिखा, 'सवाल उठता है कि मौलाना साद का वह फर्जी ऑडियो क्लिप किसने बनाया? चैनलों तक उसे किसने पहुँचाया? चैनलों ने बिना जाँच किए उसे क्यों चलाया? तबलीग के ख़िलाफ़ वह ऑडियो क्लिप एकमात्र सबूत है। उसके फ़र्ज़ी साबित होने के बाद अब चैनलों की भूमिका की भी जाँच होनी चाहिये।'



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एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, 'तबलीगी जमात मामले में सबसे बड़े षड्यंत्र का सनसनीख़ेज़ खुलासा। मौलाना साद के जिस ऑडियो क्लिप के सहारे चैनलों ने बताया था कि तबलीग वाले सोशल डिस्टेंसिंग के ख़िलाफ़ हैं, वह क्लिप फ़र्ज़ी। तबलीग ने ऐसा कभी कहा ही नहीं।'

दिल्ली पुलिस ने खारिज की रिपोर्ट

हालांकि दिल्ली पुलिस ने इंडियन एक्सप्रेस की इस खबर को खारिज कर दिया है। दिल्ली पुलिस ने इस खबर को तथ्यात्मक रूप से गलत बताया है.



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दिल्ली पुलिस ने अपने एक ट्वीट में कहा है कि यह रिपोर्ट न केवल तथ्यात्मक रूप से गलत है, बल्कि पूरी तरह से असत्यापित स्रोतों और विशुद्ध रूप से अनुमान संबंधी कल्पना पर आधारित है। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि खबर में रिपोर्टर के दावे गलत हैं.

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