टीवी एंकर सुधीर चौधरी ने किया 'जिहाद' का पोस्टमॉर्टम, सोशल मीडिया पर ऐसे उड़ा उनका मजाक
जिहाद एक अरबी शब्द है जिसका मतलब अबतक 'जद्दोजहद करना' या 'अच्छे काम के लिए प्रयास करना' माना जाता रहा है लेकिन समाचार चैनल जी न्यूज के प्राइम टाइम शो में इसका अर्थ और परिभाषा दोनों बदल जाते हैं।
जनज्वार। जिहाद एक अरबी शब्द है जिसका मतलब अबतक 'जद्दोजहद करना' या 'अच्छे काम के लिए प्रयास करना' माना जाता रहा है लेकिन समाचार चैनल जी न्यूज के प्राइम टाइम शो में इसका अर्थ और परिभाषा दोनों बदल जाते हैं। जी न्यूज के एंकर सुधीर चौधरी ने बुधवार की शाम अपने प्राइम टाइम कार्यक्रम के दौरान एक चार्ट का इस्तेमाल किया जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि मुसलमान भारत में हिंदुओं पर 'जिहाद' कर रहे हैं। इस दौरान सुधीर चौधरी दावा करते हैं कि 'जिहाद' उन लोगों का हथियार है जो भारत के 'टुकड़े-टुकड़े' करना चाहते हैं।
सुधीर चौधरी के दावे के मुताबिक जिहाद को दो हिस्सों में बांटा गया है। पहला है 'हार्ड जिहाद' और दूसरा 'सॉफ्ट जिहाद'। इस चार्ट के मुताबिक जिहाद की दो कैटगरी हैं एक 'कट्टर जिहाद' और दूसरा 'वैचारिक जिहाद'। कट्टर जिहाद की पांच कैटगरी बताई गई हैं जिनमें जनसंख्या जिहाद, लव जिहाद, जमीन जिहाद, शिक्षा जिहाद, पीड़ित जिहाद, सीधा जिहाद। वहीं वैचारिक जिहाद की पांच कैटगरी हैं- आर्थिक जिहाद, ऐतिहासिक जिहाद, मीडिया जिहाद, फिल्म और संगीत जिहाद और धर्मनिरपेक्षता जिहाद।
यूट्यूबर ध्रुव राठी ने इसको लेकर तंज कसते हुए लिखा, 'सूत्र बताते हैं कि सुधीर चौधरी ने आपसे जिहाद की तीसरी और सबसे चौंकाने वाली श्रेणी छिपाई है। इसे 'तिहाड़ जिहाद' कहा जाता है जिसमे बिकने वाले मीडिया एंकर समाज में अराजकता और विनाश पैदा करने के लिए सांप्रदायिक घृणा फैलाते हैं।'
इस प्राइम टाइम का सोशल मीडिया पर खूब मजाक उड़ रहा है। उजमा नवाज नाम की ट्विटर यूजर ने हिंदू राष्ट्रवादी भारतीय जनता पार्टी की सरकार के लिए 'दलालों' के कई तरीके दिखाते हुए एक उसी तरह का चार्ट बनाया। जिसमें 'दलाली' को दो भागों में विभाजित किया गया है- कट्टर दलाली और वैचारिक दलाली। फिर कट्टर दलाली को पांच कैटगरी में बांटा है - हफ्ता वसूली (लैंडेड इन तिहाड़), नोट में नैनो चिप, टुकड़े टुकड़े गैंग, एंटी मुस्लिम मारो काटो। इस यूजर ने वैचारिक दलाली को भी उसी तरह पांच कैटगरी में बांटा है- आप थकते क्यों नहीं हैं?, राम मंदिर, जीडीपी नीचे, सरकार के खिलाफ=एंटी नेशनल, प्रोटेक्ट मोदी जी बेटर दैन एसपीजी।
हिस्ट्री ऑफ इंडिया नाम के ट्विटर हैंडल ने लिखा, 'कोई सुधीर चौधरी को तो बताओ कि मुसलमान सांस लेने के लिए ऑक्सीजन का इस्तेमाल करता है ताकि उस सूची में 'ऑक्सीजन जिहाद' जोड़ा जा सके। एक यूजर ने इस प्राइम टाइम कार्यक्रम का फोटो पोस्ट करते हुए इसकी तुलना 994 के रवांडा नरसंहार में रेडियो रवांडा से भूमिका से की।
वहीं जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता निर्मल सिंह ने सुधीर चौधरी का इसके लिए धन्यवाद किया है। निर्मल सिंह ने लिखा, जनसांख्यिकीय परिवर्तन का बहुत प्रासंगिक मुद्दा उठाने के लिए सुधीर चौधरी का धन्यवाद। 1970 में जब मैं जम्मू में स्कूल जाने वाला छात्र था, तब अतिक्रमित क्षेत्र एक जंगल था। यह चौंकाने वाला है कि इस जमीन पर जम्मू और कश्मीर के कुछ मुख्यमंत्रियों के अवैध कब्जा किया। सुधीर चौधरी के दावे के मुताबिक सरकारी जमीन पर कब्जा करके आबादी को धर्म के आधार पर बदल देने की साजिश 'जमीन जिहाद' है।
इस पर टीवी एंकर राजदीप सरदेसाई ने दिल्ली पुलिस और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को टैग करते हुए एक ट्वीट में लिखा, 'इस चैनल द्वारा दैनिक आधार पर फैलाए जा रही अकथनीय सांप्रदायिक घृणा चौंकाने वाली, शर्मनाक, खतरनाक है और यह एक ऐसा चैनल है जिसका समर्थन सरकार के एक सांसद ने किया है! क्या सत्ता में कोई इस पर ध्यान देगा और इस गंदगी को रोक पाएगा? या इसे आगे बढ़ाएंगे?'
बता दें कि सुधीर चौधरी का यह पहला ऐसा कार्यक्रम नहीं है जिसमें उन्होंने हास्यास्पद दावे किए हों। इससे पहले 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब पुराने नोटों को बंद करने की घोषणा की। इसके बाद पांच सौ और दो हजार रुपये के नए नोट जारी होने थे। तब सुधीर चौधरी ने प्राइम टाइम में दावा करते हुए कहा था कि कालेधन पर रोक के लिए लाए जा रहे 2000 के नोट के लिए स्टेट ऑफ द आर्ट नेनो टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होगा। 2000 के नोट पर नैनो जीपीएस चिप लगा होगा। हाल ही में दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के रुझानों के नतीजे जब सामने आ रहे थे। तब सुधीर चौधरी ने ट्वीट कर कहा था कि यह राजनीति का 'मुफ्तकाल' है। इसके बाद वह सोशल मीडिया पर खूब ट्रोल हुए थे।
क्या कहता है भारतीय दंड संहिता का अनुच्छेद 153 ए?
कोई भी ऐसा व्यक्ति जो धर्म, जाति, भाषा, समुदाय के आधार पर हिंसा फैलाने का प्रयास करे या सार्वजनिक तौर पर शांति में खलल डाले या ऐसी गतिविधि का आयोजन कराता है जिसमें हिंसा, आपराधिक बल का उपयोग हो उसे तीन साल तक के लिए कारावास की सजा और जुर्माना या दोनों साथ में किया जा सकता है।