पेड़ से लटकती मिलीं लक्ष्मी और निशा की मौत हत्या या आत्महत्या

Update: 2017-12-26 18:35 GMT

मां ने कहा नंदोई और भतीजे हैं बेटियों की मौत के जिम्मेदार, मामले की छानबीन कर रही पुलिस ने कहा जांच के बाद पता चलेगा क्या है मामला...

नोएडा, जनज्वार। योगी की यूपी में जुर्म कम होने के बजाय दिनोंदिन बढ़ते जा रहे हैं, ताजा मामला दिल्ली से सटे नोएडा का है। उत्तर प्रदेश के नोएडा सेक्टर 49 के बरोला गांव में आज उस समय हड़कंप मच गया जब आज सुबह दो सगी बहनों की लाश पेड़ से लटकी हुई पाई गई। बरोला गांव के 18 वर्षीय लक्ष्मी और उसकी छोटी बहिन 14 वर्षीय निशा की लाश उनके पड़ोसियों को पेड़ से झूलती नजर आई तो उन्होंने सबको खबर की। पुलिस लाशों को पोस्टमार्टम के लिए भेज मामले की छानबीन कर रही है।

पहली नजर में जहां ये मामला आत्महत्या का नजर आ रहा है, वहीं परिजनों का आरोप है कि कुछ पारिवारिक रिश्तेदारों ने निजी खुन्नस निकालने के लिए बच्चियों को मौत के घाट उतारा है। लाशों के पास से छानबीन में किसी तरह का कोई नोट भी बरामद नहीं हुआ है।

जानकारी के मुताबिक लक्ष्मी और निशा के पिता भूषण वाल्मिकी मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के रहने वाले हैं। रोजी—रोटी के लिए वे बरोला में अपनी पांच बेटियों, बेटे और पत्नी के साथ रहते थे। भूषण वाल्मिकी नियो हॉस्पिटल में सफाईकर्मी हैं। परिवार में भूषण, उनकी पत्नी, पांच बेटियां और एक बेटा है। दोनों बेटियों की मौत के बाद मां—पिता का बुरा हाल है।

बेटियों को खो चुकी मां ने आरोप लगाया है कि मेरी बेटियों को मौत के घाट उतार उनके शव को मेरे नंदोई (ननद के पति) और भतीजों ने पेड़ से लटकाया है। ये लोग काफी दिनों से मेरी बेटियों को परेशान कर रहे थे। आरोपियों का नाम लेते हुए उन्होंने कहा कि ऋषि, बब्लू, रवि और रोहित नाम के हमारे रिश्तेदार घर आकर जान से मारने की धमकी देते थे और आज बेटियों को लेकर उन्होंने अपनी निजी खुन्नस निकाल ली है।

बच्चियों की मां के मुताबिक आज सुबह 3 बजे तक मेरी बेटियां सो रही थीं, मगर जब मैं सुबह साढ़े चार बजे उठी तो वो अपने बिस्तर पर नहीं थीं। मगर उसके कुछ देर बाद ही हमें लोगों का शोर सुनाई दिया और पता चला कि मेरी बेटियों की लाश पेड़ से झूल रही है। 

इस मामले की जांच कर रही पुलिस का कहना है कि बरौला गांव में दो बहनों के शव मिलने की सूचना के बाद बच्चियों के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। यह हत्या है या आत्महत्या पुलिस इसकी जांच कर रही है। हालांकि पुलिस यह कहने से भी नहीं चूकी कि चूंकि बच्चिचों के शरीर में किसी भी तरह का चोट का निशान नहीं मिला है तो यह आत्महत्या का मामला हो सकता है।

मगर सवाल फिर वही उठता है कि आखिर मां—बाप की जानकारी के बिना दोनों बहनें एक साथ मौत को गले क्यों लगाएंगी। या फिर मां—बाप भी कुछ छुपा रहे हैं। या वाकई रिश्तेदारों ने पारिवारिक खुन्नस में दो जिंदगियों को लील लिया है। यह सारे सवाल अभी भविष्य के गर्भ में है, तो काफी हद तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद हल होंगे। मगर दो मासूम जिंदगियां असमय काल के गाल में समा गईं, यह सच जरूर है।

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