अयोध्या में पूर्व एसडीएम की बेटी दो महीने से घर में रह रही थी मां और बहन की लाश के साथ

Update: 2019-11-08 11:58 GMT

पिछले दो महीने से पूर्व एसडीएम की बेटी मां और बहिन की लाश के साथ घर में रह रही थी, पड़ोसियों ने लाशों के सड़ने की असहनीय बदबू आने के बाद पुलिस के पास शिकायत की तो इस मामले का हुआ खुलासा....

जनज्वार। पिछले दो महीने से पूर्व एसडीएम की बेटी मां और बहिन की लाश के साथ घर में रह रही थी, पड़ोसियों ने लाशों के सड़ने की असहनीय बदबू आने के बाद पुलिस के पास शिकायत की तो इस मामले का खुलासा हुआ। पुलिस ने घर के अंदर से दो महिलाओं के कंकाल बरामद किये।

यह मामला उत्तर प्रदेश के अयोध्या का है। यहां पूर्व एसडीएम की मानसिक रूप से विक्षिप्त बेटी पिछले दो महीने से अपनी बहिन और मां की लाश के साथ रह रही थी। पुलिस ने दरवाजा तोड़कर मां-बेटी के शव को बाहर निकाला और मानसिक रूप से विक्षिप्त पूर्व एसडीएम की बेटी दीपा श्रीवास्तव को घर से बाहर निकाला।

पुलिस ने जब दरवाजा खोला तो एक कमरे में दो महिलाओं के कंकाल पड़े थे, जबकि एक अन्य महिला दीपा श्रीवास्तव दूसरे कमरे में सो रही थी।

स मामले में एडिशनल एसपी सिटी विजयपाल सिंह ने जनज्वार से हुई बातचीत में कहा, 'यह बात सही है कि एसडीएम साहब की विक्षिप्त बेटी को पुलिस ने अपनी मां और ​बहिन की लाश के साथ बरामद किया है। कमरे में मां—बेटी के कंकाल के अलावा बहुत सारी बोतलें और अन्य सामान भी बरामद हुआ है। दोनों की मौत कैसे हुई पुलिस इसकी तहकीकात कर रही है और पोस्टमार्टम के बाद मौत के कारणों का भी पता चल जायेगा। यह भी हो सकता है कि विक्षिप्त बेटी ने ही मां-बेटी की जान ली हो। उसे पुलिस ने मेडिकल जांच के लिए भेज दिया है। अभी तक परिवार का कोई रिश्तेदार भी सामने नहीं आया है। एसडीएम साहब की मौत के बाद यह परिवार अपने आप में ही सिमटा रहता था, पड़ोसियों से भी इनका खास रिश्ता नहीं था इसलिए कोई भी इनके बारे में कुछ नहीं बता रहा है।'

पूर्व एसडीएम के पड़ोसियों ने पुलिस को बताया कि इस घर में रहने वाली मां और दो बेटियां मानसिक रूप से बीमार थीं, जिस कारण कोई भी इस परिवार से बातचीत नहीं करता था। यह घटना अयोध्या नगर कोतवाली के देवकाली चौकी स्थित आदर्श नगर कॉलोनी की है, जहां पूर्व एसडीएम विजेंद्र श्रीवास्तव जिनकी मौत हो चुकी है, ने अपना निवास बनाया था।

ड़ोसियों का कहना है कि पूर्व एसडीएम के घर से असहनीय बदबू आने की शिकायत लगातार पुलिस से की जा रही थी, मगर कोई भी सुनने को तैयार नहीं था। गुरुवार 7 नवंबर केा जब बदबू बहुत तेज हो गयी और पड़ोसियों का वहां रहना नामुमकिन हो गया तो किसी तरह पुलिस को मौकास्थल पर बुलाया गया। मौके पर पहुंची पुलिस घर का दरवाजा तोड़कर अंदर घुसी और अंदर का दृश्य देखकर सभी सॉक्ड हो गये। घर में दो महिलाओं के कंकाल पड़े थे, जबकि एक युवती दूसरे कमरे में सोते हुए बरामद की गयी।

स मसले पर बोलते हुए सीओ सिटी अरविंद चौरसिया कहते हैं, यह परिवार पूर्व एसडीएम विजेंद्र श्रीवास्तव का था। विजेंद्र श्रीवास्तव की वर्ष 1990 में मौत हो गई थी, जिसके बाद उनकी पत्नी और तीन बेटियां इस घर में रह रही थीं। एक बेटी रुपाली जो मानसिक रूप से स्वस्थ थी, उसकी मौत पहले ही हो चुकी थी। विजेंद्र श्रीवास्तव की पत्नी पुष्पा श्रीवास्तव इस घर में अपनी दो बेटियों विभा और बेटी दीपा श्रीवास्तव के साथ यहां रह रही थीं।

ड़ोसियों ने ही पुलिस को बताया कि घर में मौजूद तीनों मां-बेटी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी, जबकि एक बेटी जो बिल्कुल ठीक थी, उसकी पहले ही मौत हो चुकी थी। उसके बाद घर में रहने वाली तीनों महिलाओं की मानसिक हालत ठीक नहीं थी। चिकित्सकों के मुताबिक लगभग दो महीने पहले विजेंद्र श्रीवास्तव की पत्नी पुष्पा और एक बेटी विभा की मौत हो चुकी है। यानी लगभग दो माह से दीपा श्रीवास्तव अपनी मां और बहिन की लाशों के साथ घर में सो रही थी।

मामले की जांच कर रही पुलिस ने दीपा को मेडिकल जांच के लिए भेज दिया है, वहीं उसकी मां और बहिन के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही दोनों मां-बेटी की मौत की असल वजह पता चल पायेगी।

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